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1. हे भाइयो, मेरे मन की अभिलाषा और उन के लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है, कि वे उद्धार पाएं।
1. Brethren, the will of my heart, indeed, and my prayer to God, is for them unto salvation.
2. क्योंकि मैं उन की गवाही देता हूं, कि उन को परमेश्वर के लिये धुन रहती है, परन्तु बुद्धिमानी के साथ नहीं।
2. For I bear them witness, that they have a zeal of God, but not according to knowledge.
3. क्योंकि वे परमेश्वर की धार्मिकता से अनजान होकर, और अपनी धार्मिकता स्थापन करने का यत्न करके, परमेश्वर की धार्मिकता के आधीन न हुए।
3. For they, not knowing the justice of God, and seeking to establish their own, have not submitted themselves to the justice of God.
4. क्योंकि हर एक विश्वास करनेवाले के लिये धार्मिकता के निमित्त मसीह व्यवस्था का अन्त है।
4. For the end of the law is Christ, unto justice to every one that believeth.
5. क्योंकि मूसा ने यह लिखा है, कि जो मनुष्य उस धार्मिकता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह इसी कारण जीवित रहेगा।लैव्यव्यवस्था 18:5
5. For Moses wrote, that the justice which is of the law, the man that shall do it, shall live by it.
6. परन्तु जो धार्मिकता विश्वास से है, वह यों कहती है, कि तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा? (अर्थात् मसीह को उतार लाने के लिये!)व्यवस्थाविवरण 9:4, व्यवस्थाविवरण 30:12-14
6. But the justice which is of faith, speaketh thus: Say not in thy heart, Who shall ascend into heaven? that is, to bring Christ down;
7. या गहिराव में कौन उतरेगा? (अर्थात् मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!)
7. Or who shall descend into the deep? that is, to bring up Christ again from the dead.
8. परन्तु क्या कहती है? यह, कि वचन तेरे निकट है, तेरे मुंह में और तेरे मन में है; यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं।
8. But what saith the scripture? The word is nigh thee, even in thy mouth, and in thy heart. This is the word of faith, which we preach.
9. कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।
9. For if thou confess with thy mouth the Lord Jesus, and believe in thy heart that God hath raised him up from the dead, thou shalt be saved.
10. क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।
10. For, with the heart, we believe unto justice; but, with the mouth, confession is made unto salvation.
11. क्योंकि पवित्रा शास्त्रा यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।यशायाह 28:16
11. For the scripture saith: Whosoever believeth in him, shall not be confounded.
12. यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेनेवालों के लिये उदार है।
12. For there is no distinction of the Jew and the Greek: for the same is Lord over all, rich unto all that call upon him.
13. क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।योएल 2:32
13. For whosoever shall call upon the name of the Lord, shall be saved.
14. फिर जिस पर उन्हों ने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें?
14. How then shall they call on him, in whom they have not believed? Or how shall they believe him, of whom they have not heard? And how shall they hear, without a preacher?
15. और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सोहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं।यशायाह 52:7, नहूम 1:15
15. And how shall they preach unless they be sent, as it is written: How beautiful are the feet of them that preach the gospel of peace, of them that bring glad tidings of good things!
16. परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया: यशायाह कहता है, कि हे प्रभु, किस ने हमारे समाचार की प्रतीति की है?यशायाह 53:1
16. But all do not obey the gospel. For Isaias saith: Lord, who hath believed our report?
17. सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।
17. Faith then cometh by hearing; and hearing by the word of Christ.
18. परन्तु मैं कहता हूं, क्या उन्हों ने नहीं सुना? सुना तो सही क्योंकि लिखा है कि उन के स्वर सारी पृथ्वी पर, और उन के वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं।भजन संहिता 19:4
18. But I say: Have they not heard? Yes, verily, their sound hath gone forth into all the earth, and their words unto the ends of the whole world.
19. फिर मैं कहता हूं। क्या इस्त्राएली नहीं जानते थे? पहिले तो मूसा कहता है, कि मैं उन के द्वारा जो जाति नहीं, तुम्हारे मन में जलन उपजाऊंगा, मैं एक मूढ़ जाति के द्वारा तुम्हें रिस दिलाऊंगा।व्यवस्थाविवरण 32:21
19. But I say: Hath not Israel known? First, Moses saith: I will provoke you to jealousy by that which is not a nation; by a foolish nation I will anger you.
20. फिर यशायाह बड़े हियाव के साथ कहता है, कि जो मुझे नहीं ढूंढ़ते थे, उन्हों ने मुझे पा लिया: और जो मुझे पूछते भी न थे, उन पर मैं प्रगट हो गया।यशायाह 65:1-2
20. But Isaias is bold, and saith: I was found by them that did not seek me: I appeared openly to them that asked not after me.
21. परन्तु इस्त्राएल के विषय में वह यह कहता है कि मैं सारे दिन अपने हाथ एक आज्ञा न माननेवाली और विवाद करनेवाली प्रजा की ओर पसारे रहा।।यशायाह 65:1-2
21. But to Israel he saith: All the day long have I spread my hands to a people that believeth not, and contradicteth me.