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1. मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है।
1. 'I assure you: Anyone who doesn't enter the sheep pen by the door but climbs in some other way, is a thief and a robber.
2. परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है।
2. The one who enters by the door is the shepherd of the sheep.
3. उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले लेकर बुलाता है और बाहर ले जाता है।
3. The doorkeeper opens it for him, and the sheep hear his voice. He calls his own sheep by name and leads them out.
4. और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसक शब्द पहचानती हैं।
4. When he has brought all his own outside, he goes ahead of them. The sheep follow him because they recognize his voice.
5. परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती।
5. They will never follow a stranger; instead they will run away from him, because they don't recognize the voice of strangers.'
6. यीशु ने उन से यह दृष्टान्त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।।
6. Jesus gave them this illustration, but they did not understand what He was telling them.
7. तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं।
7. So Jesus said again, 'I assure you: I am the door of the sheep.
8. जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी।यिर्मयाह 23:1-2, यहेजकेल 34:2-3
8. All who came before Me are thieves and robbers, but the sheep didn't listen to them.
9. द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा औश्र भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।भजन संहिता 118:20
9. I am the door. If anyone enters by Me, he will be saved and will come in and go out and find pasture.
10. चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।
10. A thief comes only to steal and to kill and to destroy. I have come that they may have life and have it in abundance.
11. अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।भजन संहिता 23:1, यशायाह 40:11, यहेजकेल 34:15
11. 'I am the good shepherd. The good shepherd lays down his life for the sheep.
12. मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िया उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है।
12. The hired man, since he is not the shepherd and doesn't own the sheep, leaves them and runs away when he sees a wolf coming. The wolf then snatches and scatters them.
13. वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उस को भेड़ों की चिन्ता नहीं।
13. [This happens] because he is a hired man and doesn't care about the sheep.
14. अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं।
14. 'I am the good shepherd. I know My own sheep, and they know Me,
15. इसी तरह मैं अपी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।
15. as the Father knows Me, and I know the Father. I lay down My life for the sheep.
16. और मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं; मुझे उन का भी लाना अवश्य है, वे मेरा शब्द सुनेंगी; तब एक ही झुण्ड और एक ही चरवाहा होगा।यशायाह 56:8, यहेजकेल 34:23, यहेजकेल 37:24
16. But I have other sheep that are not of this fold; I must bring them also, and they will listen to My voice. Then there will be one flock, one shepherd.
17. पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं, कि उसे फिर ले लूं।
17. This is why the Father loves Me, because I am laying down My life so I may take it up again.
18. कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, बरन मैं उसे आप ही देता हूं: मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है: यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।।
18. No one takes it from Me, but I lay it down on My own. I have the right to lay it down, and I have the right to take it up again. I have received this command from My Father.'
19. इन बातों के कारण यहूदियों में फिर फूट पड़ी।
19. Again a division took place among the Jews because of these words.
20. उन में से बहुतेरे कहने लगे, कि उस में दुष्टात्मा है, और वह पागल है; उस की क्यों सुनते हो?
20. Many of them were saying, 'He has a demon and He's crazy! Why do you listen to Him?'
21. औरों ने कहा, ये बात ऐसे मनुष्य की नहीं जिस में दुष्टात्मा हो: क्या दुष्टात्मा अन्धों की आंखे खोल सकती है?
21. Others were saying, 'These aren't the words of someone demon-possessed. Can a demon open the eyes of the blind?'
22. यरूशलेम में स्थापन पर्ब्ब हुआ, और जाड़े की ऋतु थी।
22. Then the Festival of Dedication took place in Jerusalem, and it was winter.
23. और यीशु मन्दिर में सुलैमान के ओसारे में टहल रहा था।
23. Jesus was walking in the temple complex in Solomon's Colonnade.
24. तब यहूदियों ने उसे आ घेरा और पूछा, तू हमारे मन को कब तक दुविधा में रखेगा? यदि तू मसीह है, तो हम से साफ कह दे।
24. Then the Jews surrounded Him and asked, 'How long are You going to keep us in suspense? If You are the Messiah, tell us plainly.'
25. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं ने तुम से कह दिया, और तुम प्रतीति करते ही नहीं, जो काम मैं अपने पिता के नाम से करता हूं वे ही मेरे गवाह हैं।
25. I did tell you and you don't believe,' Jesus answered them. 'The works that I do in My Father's name testify about Me.
26. परन्तु तुम इसलिये प्रतीति नहीं करते, कि मेरी भेड़ों में से नहीं हो।
26. But you don't believe because you are not My sheep.
27. मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।
27. My sheep hear My voice, I know them, and they follow Me.
28. और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा।
28. I give them eternal life, and they will never perish-- ever! No one will snatch them out of My hand.
29. मेरा पिता, जिस ने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता।
29. My Father, who has given them to Me, is greater than all. No one is able to snatch them out of the Father's hand.
30. मैं और पिता एक हैं।
30. The Father and I are one.'
31. यहूदियों ने उसे पत्थरवाह करते को फिर पत्थर उठाए।
31. Again the Jews picked up rocks to stone Him.
32. इस पर यीशु ने उन से कहा, कि मैं ने तुम्हें अपने पिता की ओर से बहुत से भले काम दिखाए हैं, उन में से किस काम के लिये तुम मुझे पत्थरवाह करते हो?
32. Jesus replied, 'I have shown you many good works from the Father. Which of these works are you stoning Me for?'
33. यहूदियों ने उस को उत्तर दिया, कि भले काम के लिये हम तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु परमेश्वर की निन्दा के कारण और इसलिये कि तू मनुष्य होकर अपने आप को परमेश्वर बनाता है।लैव्यव्यवस्था 24:16
33. We aren't stoning You for a good work,' the Jews answered, 'but for blasphemy, because You-- being a man-- make Yourself God.'
34. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो?भजन संहिता 82:6
34. Jesus answered them, 'Isn't it written in your law, I said, you are gods?
35. यदि उस ने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्रा शास्त्रा की बात लोप नहीं हो सकती।)
35. If He called those whom the word of God came to 'gods'-- and the Scripture cannot be broken--
36. तो जिसे पिता ने पवित्रा ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उस से कहते हो कि तू निन्दा करता है, इसलिये कि मैं ने कहा, मैं परमेश्वर का पुत्रा हूं।
36. do you say, 'You are blaspheming' to the One the Father set apart and sent into the world, because I said: I am the Son of God?
37. यदि मैं अपने पिता के काम नहीं करता, तो मेरी प्रतीति न करो।
37. If I am not doing My Father's works, don't believe Me.
38. परन्तु यदि मैं करता हूं, तो चाहे मेरी प्रतीति न भी करो, परन्तु उन कामों की तो प्रतीति करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूं।
38. But if I am doing them and you don't believe Me, believe the works. This way you will know and understand that the Father is in Me and I in the Father.'
39. तब उन्हों ने फिर उसे पकड़ने का प्रयत्न किया परन्तु वह उन के हाथ से निकल गया।।
39. Then they were trying again to seize Him, yet He eluded their grasp.
40. फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहां यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा।
40. So He departed again across the Jordan to the place where John had been baptizing earlier, and He remained there.
41. और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था।
41. Many came to Him and said, 'John never did a sign, but everything John said about this man was true.'
42. और वहां बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।।
42. And many believed in Him there.