John - यूहन्ना 1 | View All

1. आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
नीतिवचन 8:22-25

1. The Word was first, the Word present to God, God present to the Word. The Word was God,

2. यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
नीतिवचन 8:22-25

2. in readiness for God from day one.

3. सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।

3. Everything was created through him; nothing--not one thing!-- came into being without him.

4. उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।

4. What came into existence was Life, and the Life was Light to live by.

5. और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।

5. The Life-Light blazed out of the darkness; the darkness couldn't put it out.

6. एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।

6. There once was a man, his name John, sent by God

7. यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।

7. to point out the way to the Life-Light. He came to show everyone where to look, who to believe in.

8. वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।

8. John was not himself the Light; he was there to show the way to the Light.

9. सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।

9. The Life-Light was the real thing: Every person entering Life he brings into Light.

10. वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।

10. He was in the world, the world was there through him, and yet the world didn't even notice.

11. वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।

11. He came to his own people, but they didn't want him.

12. परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।

12. But whoever did want him, who believed he was who he claimed and would do what he said, He made to be their true selves, their child-of-God selves.

13. वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।

13. These are the God-begotten, not blood-begotten, not flesh-begotten, not sex-begotten.

14. और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
भजन संहिता 45:2, यशायाह 4:2, यशायाह 33:17, यशायाह 60:1-2, हाग्गै 2:7, जकर्याह 9:17

14. The Word became flesh and blood, and moved into the neighborhood. We saw the glory with our own eyes, the one-of-a-kind glory, like Father, like Son, Generous inside and out, true from start to finish.

15. यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था।

15. John pointed him out and called, 'This is the One! The One I told you was coming after me but in fact was ahead of me. He has always been ahead of me, has always had the first word.'

16. क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह।

16. We all live off his generous bounty, gift after gift after gift.

17. इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
निर्गमन 31:18, निर्गमन 34:28

17. We got the basics from Moses, and then this exuberant giving and receiving, This endless knowing and understanding-- all this came through Jesus, the Messiah.

18. परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्रा जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।।

18. No one has ever seen God, not so much as a glimpse. This one-of-a-kind God-Expression, who exists at the very heart of the Father, has made him plain as day.

19. यूहन्ना की गवाही यह है, कि जब यहूदियों ने यरूशलेम से याजकों और लेवीयों को उस से यह पूछने के लिये भेजा, कि तू कौन है?

19. When Jews from Jerusalem sent a group of priests and officials to ask John who he was, he was completely honest.

20. तो उस ने यह मान लिया, और इन्कार नहीं किया परन्तु मान लिया कि मैं मसीह नहीं हूं।

20. He didn't evade the question. He told the plain truth: 'I am not the Messiah.'

21. तब उन्हों ने उस से पूछा, तो फिर कौन है? क्या तू एलिरयाह है? उस ने कहा, मैं नहीं हूं: तो क्या तू वह भविष्यद्वक्ता है? उस ने उत्तर दिया, कि नहीं।
व्यवस्थाविवरण 18:15, व्यवस्थाविवरण 18:18

21. They pressed him, 'Who, then? Elijah?' 'I am not.' 'The Prophet?' 'No.'

22. तब उन्हों ने उस से पूछा, फिर तू है कौन? ताकि हम अपने भेजनेवालों को उत्तर दें; तू अपने विषय में क्या कहता है?

22. Exasperated, they said, 'Who, then? We need an answer for those who sent us. Tell us something--anything!--about yourself.'

23. उस ने कहा, मैं जैसा यशायाह भविष्यद्वक्ता ने कहा है, जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हूं कि तुम प्रभु का मार्ग सीधा करो।
यशायाह 40:3

23. I'm thunder in the desert: 'Make the road straight for God!' I'm doing what the prophet Isaiah preached.'

24. ये फरीसियों की ओर से भेजे गए थे।

24. Those sent to question him were from the Pharisee party.

25. उन्हों ने उस से यह प्रश्न पूछा, कि यदि तू न मसीह है, और न एलिरयाह, और न वह भविष्यद्वक्ता है, तो फिर बपतिस्मा क्यों देता है?

25. Now they had a question of their own: 'If you're neither the Messiah, nor Elijah, nor the Prophet, why do you baptize?'

26. यूहन्ना ने उन को उत्तर दिया, कि मैं तो जल से बपतिस्मा देता हूं; परन्तु तुम्हारे बीच में एक व्यक्ति खड़ा है, जिसे तुम नहीं जानते।

26. John answered, 'I only baptize using water. A person you don't recognize has taken his stand in your midst.

27. अर्थात् मेरे बाद आनेवाला है, जिस की जूती का बन्ध मैं खोलने के योग्य नहीं।

27. He comes after me, but he is not in second place to me. I'm not even worthy to hold his coat for him.'

28. ये बातें यरदन के पार बैतनिरयाह में हुई, जहां यूहन्ना बपतिस्मा देता था।

28. These conversations took place in Bethany on the other side of the Jordan, where John was baptizing at the time.

29. दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है।
उत्पत्ति 22:8, यशायाह 53:6-7

29. The very next day John saw Jesus coming toward him and yelled out,

30. यह वही है, जिस के विषय में मैं ने कहा था, कि एक पुरूष मेरे पीछे आता है, जो मुझ से श्रेष्ठ है, क्योंकि वह मुझ से पहिले था।

30. 'Here he is, God's Passover Lamb! He forgives the sins of the world! This is the man I've been talking about, 'the One who comes after me but is really ahead of me.'

31. और मैं तो उसे पहिचानता न था, परन्तु इसलिये मैं जल से बपतिस्मा देता हुआ आया, कि वह इस्त्राएल पर प्रगट हो जाए।

31. I knew nothing about who he was--only this: that my task has been to get Israel ready to recognize him as the God-Revealer. That is why I came here baptizing with water, giving you a good bath and scrubbing sins from your life so you can get a fresh start with God.'

32. और यूहन्ना ने यह गवाही दी, कि मैं ने आत्मा को कबूतर की नाईं आकाश से उतरते देखा है, और वह उस पर ठहर गया।

32. John clinched his witness with this: 'I watched the Spirit, like a dove flying down out of the sky, making himself at home in him.

33. और मैं तो उसे पहिचानता न था, परन्तु जिस ने मुझे जल से बपतिस्मा देने को भेजा, उसी ने मुझ से कहा, कि जिस पर तू आत्मा को उतरते और ठहरते देखे; वही पवित्रा आत्मा से बपतिस्मा देनेवाला है।

33. I repeat, I know nothing about him except this: The One who authorized me to baptize with water told me, 'The One on whom you see the Spirit come down and stay, this One will baptize with the Holy Spirit.'

34. और मैं ने देखा, और गवाही दी है, कि यही परमेश्वर का पुत्रा है।।

34. That's exactly what I saw happen, and I'm telling you, there's no question about it: This is the Son of God.'

35. दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे।

35. The next day John was back at his post with two disciples, who were watching.

36. और उस ने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि करके कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है।
यशायाह 53:7

36. He looked up, saw Jesus walking nearby, and said, 'Here he is, God's Passover Lamb.'

37. तब वे दोनों चेले उस की सुनकर यीशु के पीछे हो लिए।

37. The two disciples heard him and went after Jesus.

38. यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्हों ने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात् (हे गुरू) तू कहां रहता है? उस ने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे।

38. Jesus looked over his shoulder and said to them, 'What are you after?' They said, 'Rabbi' (which means 'Teacher'), 'where are you staying?'

39. तब उन्हों ने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था।

39. He replied, 'Come along and see for yourself.' They came, saw where he was living, and ended up staying with him for the day. It was late afternoon when this happened.

40. उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिए थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था।

40. Andrew, Simon Peter's brother, was one of the two who heard John's witness and followed Jesus.

41. उस ने पहिले अपने सगे भाईं शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तस अर्थात् मसीह मिल गया।
दानिय्येल 9:25

41. The first thing he did after finding where Jesus lived was find his own brother, Simon, telling him, 'We've found the Messiah' (that is, 'Christ').

42. वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि करके कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्रा शमौन है, तू केफा, अर्थात् पतरस कहलाएगा।।

42. He immediately led him to Jesus. Jesus took one look up and said, 'You're John's son, Simon? From now on your name is Cephas' (or Peter, which means 'Rock').

43. ूदूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा; और फिलिप्पुस से मिलकर कहा, मेरे पीछे हो ले।

43. The next day Jesus decided to go to Galilee. When he got there, he ran across Philip and said, 'Come, follow me.'

44. फिलिप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था।

44. (Philip's hometown was Bethsaida, the same as Andrew and Peter.)

45. फिलिप्पुस ने नतनएल से मिलकर उस से कहा, कि जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्रा, यीशु नासरी है।
यशायाह 7:14, यशायाह 9:6, यहेजकेल 34:23, व्यवस्थाविवरण 18:18

45. Philip went and found Nathanael and told him, 'We've found the One Moses wrote of in the Law, the One preached by the prophets. It's Jesus, Joseph's son, the one from Nazareth!'

46. नतनएल ने उस से कहा, क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है? फिलिप्पुस ने उस से कहा, चलकर देख ले।

46. Nathanael said, 'Nazareth? You've got to be kidding.' But Philip said, 'Come, see for yourself.'

47. यीशु ने नतनएल को अपनी ओर आते देखकर उसके विषय में कहा, देखो, यह सचमुच इस्त्राएली है: इस में कपट नहीं।

47. When Jesus saw him coming he said, 'There's a real Israelite, not a false bone in his body.'

48. नतनएल ने उस से कहा, तू मुझे कहां से जानता है? यीशु ने उस को उत्तर दिया; उस से पहिले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा था।

48. Nathanael said, 'Where did you get that idea? You don't know me.' Jesus answered, 'One day, long before Philip called you here, I saw you under the fig tree.'

49. नतनएल ने उस से कहा, तू मुझे कहां से जानता है? यीशु ने उस को उत्तर दिया; उस से पहिले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा था।
भजन संहिता 2:7, यशायाह 32:1, सपन्याह 3:15

49. Nathanael exclaimed, 'Rabbi! You are the Son of God, the King of Israel!'

50. नतनएल ने उस को उत्तर दिया, कि हे रब्बी, तू परमेश्वर का पुत्रा है; तू इस्त्राएल का महाराजा है।

50. Jesus said, 'You've become a believer simply because I say I saw you one day sitting under the fig tree? You haven't seen anything yet!

51. यीशु ने उस को उत्तर दिया; मैं ने जो तुझ से कहा, कि में ने तुझे अंजीर के पेड़ के तले देखा, क्या तू इसी लिये विश्वास करता है? तू इस से बड़े बड़े काम देखेगा।
उत्पत्ति 28:12

51. Before this is over you're going to see heaven open and God's angels descending to the Son of Man and ascending again.'



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