41. उसके माता- पिता प्रति वर्ष फसह के पर्ब्ब में यरूशलेम को जाया करते थे।निर्गमन 12:24-27 तब तुम उनको यह उत्तर देना, कि यहोवा ने जो मिस्त्रियों के मारने के समय मि में रहने वाले हम इस्राएलियों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह का यह बलिदान किया जाता है। तब लोगों ने सिर झुकाकर दण्डवत् की।फिर तुम इस विधि को अपने और अपने वंश के लिये सदा की विधि जानकर माना करो।जब तुम उस देश में जिसे यहोवा अपने कहने के अनुसार तुम को देगा प्रवेश करो, तब वह काम किया करना।और जब तुम्हारे लड़केबाले तुम से पूछें, कि इस काम से तुम्हारा क्या मतलब है ?
व्यवस्थाविवरण 16:1-8 आबीब के महीने को स्मरण करके अपने परमेश्वर यहोवा के लिय फसह का पर्व्व मानना; क्योंकि आबीब महीने में तेरा परमेश्वर यहोवा रात को तुझे मि से निकाल लाया।इसलिये जो स्थान यहोवा अपने नाम का निवास ठहराने को चुन लेगा, वही अपने परमेश्वर यहोवा के लिये भेड़- बकरियों और गाय- बैल फसह करके बलि करना।उसके संग कोई खमीरी वस्तु न खाना; सात दिन तक अखमीरी रोटी जो दु:ख की रोटी है खाया करना; क्योंकि तू मि देश से उतावली करके निकला था; इसी रीति से तुझ को मि देश से निकलने का दिन जीवन भर स्मरण रहेगा।सात दिन तक तेरे सारे देश में तेरे पास कहीं खमीर देखने में भी न आए; और जो पशु तू पहिले दिन की संध्या को बलि करे उसके मांस में से कुछ बिहान तक रहने न पाए।फसह को अपने किसी फाटक के भीतर, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे दे बलि न करना।जो स्थान तेरा परमेश्वर यहोवा अपने नाम का निवास करने के लिये चुन ले केवल वहीं, वर्ष के उसी समय जिस में तू मि से निकला था, अर्थात् सूरज डूबने पर संध्याकाल को, फसह का पशुबलि करना।तब उसका मांस उसी स्थान में जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा चुन ले भूंजकर खाना; फिर बिहान को उठकर अपने अपने डेरे को लौट जाना।छ: दिन तक अखीमीरी रोटी खाया करना; और सातवें दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये महासभा हो; उस दिन किसी प्रकार का कामकाज न किया जाए।।