25. जब घर का स्वामी उठकर द्वार बन्द कर चुका हो, और तुम बाहर खड़े हुए द्वार खटखटाकर कहने लगो, हे प्रभु, हमारे लिये खोल दे, और वह उत्तर दे कि मैं तुम्हें नहीं जानता, तुम कहां के हो?
25. From the time that the master of the house shall have risen up and shall have shut the door, and ye shall begin to stand without and to knock at the door, saying, Lord, open to us; and he answering shall say to you, I know you not whence ye are: