3. और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?
3. And as he sat on the mount of Olives, the disciples came unto him privately, saying, Tell us, when shall these things be? and what [shall be] the sign of thy coming, and of the end of the world?