17. तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, कि हम ने किस बाते में उसे उकता दिया? इस में, कि तुम कहते हो कि जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है, और यह, कि न्यायी परमेश्वर कहां है?
17. তোমরা আপন আপন বাক্য দ্বারা সদাপ্রভুকে ক্লান্ত করিয়াছ। তথাপি বলিয়া থাক, কিসে তাঁহাকে ক্লান্ত করিয়াছি? এই কথায় করিতেছ, তোমরা বলিতেছ, যে কেহ দুষ্কর্ম্ম করে, সে সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে উত্তম; তিনি তাহাদিগেতে প্রীত; অথবা, বিচারকর্ত্তা ঈশ্বর কোথায়?