16. क्योंकि मैं इस देश में एक ऐसा चरवाहा ठहराऊंगा, जो खोई हुई को न ढूंढेगा, न तितर- बितर को इकट्ठी करेंगा, न घायलों को चंगा करेगा, न जो भली चंगी हैं उनका पालन- पोषण करेगा, वरन मोटियों का मांस खाएगा और उनके खुरों को फाड़ डालेगा।
16. For, lo, I will raise up a shepherd in the land, who will not visit those who are cut off, nor will he seek those who are scattered, nor heal that which is broken, nor feed that which is sound, but he will eat the flesh of the fat, and will tear their hoofs in pieces.