21. तब मैं ने पूछा, ये क्या करने को आए हैं? उस ने कहा, ये वे ही सींग हैं, जिन्हों ने यहूदा को ऐसा तितर- बितर किया कि कोई सिर न उठा सका; परन्तु ये लोग उन्हें भगाने के लिये और उन जातियों के सींगों को काट डालने के लिये आए हैं जिन्हों ने यहूदा के देश को तितर- बितर करने के लिये उनके विरूद्ध अपने अपने सींग उठाए थे।।
21. Then said I: what will these do? He answered, and said: Those are the horns, which have so strowed Juda abroad, that no man durst lift up his head: But these are come to fraye them away, and to cast out the horns of the Gentiles, which lift up their horn over the land of Juda, to scatter it abroad.