Zechariah - जकर्याह 1 | View All

1. दारा के राज्य के दूसरे वर्ष के आठवें महीने में जकर्याह भविष्यद्वक्ता के पास जो बेरेक्याह का पुत्रा और इद्दॊ का पोता था, यहोवा का यह वचन पहुंचा:
मत्ती 23:25

1. I am the prophet Zechariah, the son of Berechiah and the grandson of Iddo. In the eighth month of the second year that Darius was king of Persia, the LORD told me to say:

2. यहोवा तुम लोगों के पुरखाओं से बहुत ही क्रोधित हुआ था।

2. Israel, I, the LORD All-Powerful, was very angry with your ancestors. But if you people will return to me, I will turn and help you.

3. इसलिये तू इन लोगों से कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है: तुम मेरी ओर फिरो, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, तब मैं तुम्हारी ओर फिरूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
याकूब 4:8

3. (SEE 1:2)

4. अपने पुरखाओं के समान न बनो, उन से तो अगले भविष्यद्वक्ता यह पुकार पुकारकर कहते थे कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, अपने बुरे मार्गों से, और अपने बुरे कामों से फिरो; परन्तु उन्हों ने न तो सुना, और न मेरी ओर ध्यान दिया, यहोवा की यही वाणी है।

4. Don't be stubborn like your ancestors. They were warned by the earlier prophets to give up their evil and turn back to me, but they paid no attention.

5. तुम्हारे पुरखा कहां रहे? और भविष्यद्वक्ता क्या सदा जीवित रहते हैं?

5. Where are your ancestors now? Not even prophets live forever.

6. परन्तु मेरे वचन और मेरी आज्ञाएं जिन को मैं ने अपने दास नबियों को दिया था, क्या वे तुम्हारे पुरखाओं पर पूरी न हुई? तब उन्हों ने मन फिराया और कहा, सेनाओं के यहोवा ने हमारे चालचलन और कामों के अनुसार हम से जैसा व्यवहार करने को कहा था, वैसा ही उस ने हम को बदला दिया है।।
प्रकाशितवाक्य 10:7, प्रकाशितवाक्य 11:18

6. But my warnings and my words spoken by the prophets caught up with your ancestors. So they turned back to me and said, 'LORD All-Powerful, you have punished us for our sins, just as you had planned.'

7. दारा के दूसरे वर्ष के शबात नाम ग्यारहवें महीने के चौबीसवें दिन को जकर्याह नबी के पास जो बेरेक्याह का पुत्रा और इद्दॊ का पोता था, यहोवा का वचन यों पहुंचा:

7. On the twenty-fourth day of Shebat, which was the eleventh month of that same year, the LORD spoke to me in a vision during the night: In a valley among myrtle trees, I saw someone on a red horse, with riders on red, brown, and white horses behind him.

8. मैं ने रात को स्वप्न में क्या देखा कि एक पुरूष लाल घोड़े पर चढ़ा हुआ उन मेंहदियों के बीच खड़ा है जो नीचे स्थान में हैं, और उसके पीछे लाल और सुरंग और श्वेत घोड़े भी खड़े हैं।
प्रकाशितवाक्य 6:2-4-5, प्रकाशितवाक्य 19:11

8. (SEE 1:7)

9. तब मैं ने कहा, हे मेरे प्रभु ये कौन हैं? तब जो दूत मुझ से बातें करता था, उस ने मुझ से कहा, मैं तुझे बताऊंगा कि ये कौन हैं।

9. An angel was there to explain things to me, and I asked, 'Sir, who are these riders?' 'I'll tell you,' the angel answered.

10. फिर जो पुरूष मेंहदियों के बीच खड़ा था, उस ने कहा, यह वे हैं जिन को यहोवा ने पृथ्वी पर सैर अर्थात् धूमने के लिये भेजा है।

10. Right away, the man standing among the myrtle trees said, 'These are the ones the LORD has sent to find out what's happening on earth.'

11. तब उन्हों ने यहोवा के उस दूत से जो मेंहदियों के बीच खड़ा था, कहा, हम ने पृथ्वी पर सैर किया है, और क्या देखा कि सारी पृथ्वी में शान्ति और चैन है।

11. Then the riders spoke to the LORD's angel, who was standing among the myrtle trees, and they said, 'We have gone everywhere and have discovered that the whole world is at peace.'

12. तब यहोवा के दूत ने कहा, हे सेनाओं के यहोवा, तू जो यरूशलेम और यहूदा के नगरों पर सत्तर वर्ष से क्रोधित है, सो तू उन पर कब तक दया न करेगा?
प्रकाशितवाक्य 6:10

12. At this, the angel said, 'LORD All-Powerful, for seventy years you have been angry with Jerusalem and the towns of Judah. When are you ever going to have mercy on them?'

13. और यहोवा ने उत्तर में उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, अच्छी अच्छी और शान्ति की बातें कहीं।

13. The LORD's answer was kind and comforting.

14. तब जो दूत मुझ से बातें करता था, उस ने मुझ से कहा, तू पुकारकर कह कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, मुझे यरूशलेम और सिरयोन के लिये बड़ी जलन हुई है।

14. So the angel told me to announce: I, the LORD All-Powerful, am very protective of Jerusalem.

15. और जो जातियां सुख से रहती हैं, उन से मैं क्रोधित हूं; क्योंकि मैं ने तो थोड़ा से क्रोध किया था, परन्तु उन्हों ने विपत्ति को बढ़ा दिया।

15. For a while I was angry at the nations, but now I am furious, because they have made things worse for Jerusalem and are not the least bit concerned.

16. इस कारण यहोवा यों कहता है, अब मैं दया करके यरूशलेम को लौट आया हूं; मेरा भवन उस में बनेगा, और यरूशलेम पर नापने की डोरी डाली जाएगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।

16. And so, I will have pity on Jerusalem. The city will be completely rebuilt, and my temple will stand again.

17. फिर यह भी पुकारकर कह कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, मेरे नगर फिर उत्तम वस्तुओं से भर जाएंगे, और यहोवा फिर सिरयोन को शान्ति देगा; और यरूशलेम को फिर अपना ठहराएगा।।

17. I also promise that my towns will prosper--Jerusalem will once again be my chosen city, and I will comfort the people of Zion.

18. फिर मैं ने जो आंखें उठाई, तो क्या देखा कि चार सींग हैं।

18. Next, I saw four animal horns.

19. तब जो दूत मुझ से बातें करता था, उस से मैं ने पूछा, ये क्या हैं? उस ने मुझ से कहा, ये वे ही सींग हैं, जिन्हों ने यहूदा और इस्राएल और यरूशलेम को तितर- बितर किया है।

19. The angel who was sent to explain was there, and so I asked, 'What do these mean?' His answer was, 'These horns are the nations that scattered the people of Judah, Israel, and Jerusalem, and took away their freedom.' Then the LORD showed me four blacksmiths, and I asked, 'What are they going to do?' He replied, 'They are going to terrify and crush those horns.'

20. फिर यहोवा ने मुझे चार लोहार दिखाए।

20. (SEE 1:19)

21. तब मैं ने पूछा, ये क्या करने को आए हैं? उस ने कहा, ये वे ही सींग हैं, जिन्हों ने यहूदा को ऐसा तितर- बितर किया कि कोई सिर न उठा सका; परन्तु ये लोग उन्हें भगाने के लिये और उन जातियों के सींगों को काट डालने के लिये आए हैं जिन्हों ने यहूदा के देश को तितर- बितर करने के लिये उनके विरूद्ध अपने अपने सींग उठाए थे।।

21. (SEE 1:19)



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