16. यह सब सुनते ही मेरा कलेजा कांप उठा, मेरे ओंठ थरथराने लगे; मेरी हडि्डयां सड़ने लगीं, और मैं खड़े खड़े कांपने लगा। मैं शान्ति से उस दिन की बाट जोहता रहूंगा जब दल बांधकर प्रजा चढ़ाई करे।।
16. Whe I heare this, my body is vexed, my lippes tremble at ye voyce therof, my bones corruppe, I am afrayed where I stonde. O that I might rest in the daye of trouble, that I might go vp vnto oure people, which are alredy prepared.