7. और राजा के प्रधानों से सम्मति लेकर नीनवे में इस आज्ञा का ढींढोरा पिटवाया, कि क्या मनुष्य, क्या गाय- बैल, क्या भेड़- बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएं; वे ने खांए और न पानी पीवें।
7. আর তিনি নীনবীতে রাজার ও তাঁহার অধ্যক্ষগণের আদেশে এই কথা উচ্চৈঃস্বরে প্রচার করাইলেন, মনুষ্য ও গোমেষাদি পশু কেহ কিছু আস্বাদন না করুক, ভোজন কি জল গ্রহণ না করুক;