10. मैं ने इस्राएल को ऐसा पाया जैसे कोई जंगल में दाख पाए; और तुमहारे पुरखाओं पर ऐसे दृष्टि की जैसे अंजीर के पहिले फलों पर दृष्टि की जाती है। परन्तु उन्हों ने पोर के बाल के पास जाकर अपने तई लज्जा का कारण होने के लिये अर्पण कर दिया, और जिस पर मोहित हो गए थे, वे उसी के समान घिनौने हो गए।
10. As grapes in a wilderness I found Israel, As the first-fruit in a fig-tree, at its beginning, I have seen your fathers, They -- they have gone in [to] Baal-Peor, And are separated to a shameful thing, And are become abominable like their love.