4. हे एप्रैम, मैं तुझ से क्या करूं? हे यहूदा, मैं तुझ से क्या करूं? तुम्हार स्नेह तो भोर के मेघ के समान, और सवेरे उड़ जानेवाली ओस के समान है।
4. হে ইফ্রয়িম, তোমার জন্য আমি কি করিব? হে যিহূদা, তোমার জন্য কি করিব? তোমাদের সাধুতা ত প্রাতঃকালের মেঘের ন্যায়, শিশিরের ন্যায়, যাহা প্রত্যূষে উড়িয়া যায়।