Ezekiel - यहेजकेल 28 | View All

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. And there is a word of Jehovah unto me, saying:

2. हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि तू ने मन में फूलकर यह कहा है, मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ, परन्तु, यद्यपि तू अपने आपको परमेश्वर सा दिखाता है, तौभी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है।
प्रेरितों के काम 12:22, 2 थिस्सलुनीकियों 2:4

2. 'Son of man, say to the leader of Tyre: Thus said the Lord Jehovah: Because thy heart hath been high, And thou dost say: A god I [am], The habitation of God I have inhabited, In the heart of the seas, And thou [art] man, and not God, And thou givest out thy heart as the heart of God,

3. तू दानिरयेल से अधिक बुद्धिमान तो है; कोई भेद तुझ से छिपा न होगा;

3. Lo, thou [art] wiser than Daniel, No hidden thing have they concealed from thee.

4. तू ने अपनी बुद्धि और समझ के द्वारा धन प्राप्त किया, और अपने भण्डारों में सोना- चान्दी रखा है;

4. By thy wisdom and by thine understanding Thou hast made for thee wealth, And makest gold and silver in thy treasuries.

5. तू ने बड़ी बुद्धि से लेन- देन किया जिस से तेरा धन बढ़ा, और धन के कारण तेरा मन फूल उठा है।

5. By the abundance of thy wisdom, Through thy merchandise, Thou hast multiplied thy wealth, And high is thy heart through thy wealth.

6. इस कारण परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तू जो अपना मन परमेश्वर सा दिखाता है,

6. Therefore, thus said the Lord Jehovah: Because of thy giving out thy heart as the heart of God,

7. इसलिये देख, मैं तुझ पर ऐसे परदेशियों से चढ़ाई कराऊंगा, जो सब जातियों से अधिक बलात्कारी हैं; वे अपनी तलवारें तेरी बुद्धि की शोभा पर चलाएंगे और तेरी चमक- दमक को बिगाड़ेंगे।

7. Therefore, lo, I am bringing in against thee strangers, The terrible of the nations, And they have drawn out their swords Against the beauty of thy wisdom, And they have pierced thy brightness.

8. वे तुझे कबर में उतारेंगे, और तू समुद्र के बीच के मारे हुओं की रीति पर मर जाएगा।

8. To destruction they bring thee down, Thou diest by the deaths of the wounded, in the heart of the seas.

9. तब, क्या तू अपने घात करनेवाले के साम्हने कहता रहेगा कि तू परमेश्वर है? तूू अपने घायल करनेवाले के हाथ में ईश्वर नहीं, मनुष्य ही ठहरेगा।

9. Dost thou really say, 'I [am] God,' Before him who is slaying thee? And thou [art] man, and not God, In the hand of him who is piercing thee.

10. तू परदेशियों के हाथ से खतनाहीन लोगों की नाई मारा जाएगा; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है।

10. The deaths of the uncircumcised thou diest, By the hand of strangers, for I have spoken, An affirmation of the Lord Jehovah.'

11. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

11. And there is a word of Jehovah unto me, saying:

12. हे मनुष्य के सन्तान, सोर के राजा के विषय में विलाप का गीत बनाकर उस से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तू तो उत्तम से भी उत्तम है; तू बुद्धि से भरपूर और सर्वांग सुन्दर है।

12. 'Son of man, lift up a lamentation for the king of Tyre, And thou hast said to him: Thus said the Lord Jehovah: Thou art sealing up a measurement, Full of wisdom, and perfect in beauty.

13. तू परमेश्वर की एदेन नाम बारी में था; तेरे पास आभूषण, माणिक, पद्मराग, हीरा, फीरोज़ा, सुलैमानी मणि, यशब, तीलमणि, मरकद, और लाल सब भांति के मणि और सोने के पहिरावे थे; तेरे डफ और बांसुलियां तुझी में बनाई गई थीं; जिस दिन तू सिरजा गया था; उस दिन वे भी तैयार की गई थीं।
प्रकाशितवाक्य 2:7, प्रकाशितवाक्य 17:4, प्रकाशितवाक्य 18:16

13. In Eden, the garden of God, thou hast been, Every precious stone thy covering, Ruby, topaz, and diamond, beryl, onyx, and jasper, Sapphire, emerald, and carbuncle, and gold, The workmanship of thy tabrets, and of thy pipes, In thee in the day of thy being produced, have been prepared.

14. तू छानेवाला अभिषिक्त करूब था, मैं ने तुझे ऐसा ठहराया कि तू परमेश्वर के पवित्रा पर्वत पर रहता था; तू आग सरीखे चमकनेवाले मणियों के बीच चलता फिरता था।

14. Thou [art] an anointed cherub who is covering, And I have set thee in the holy mount, God thou hast been, In the midst of stones of fire thou hast walked up and down.

15. जिस दिन से तू सिरजा गया, और जिस दिन तक तुझ में कुटिलता न पाई गई, उस समय तक तू अपनी सारी चालचलन में निदष रहा।

15. Perfect [art] thou in thy ways, From the day of thy being produced, Till perversity hath been found in thee.

16. परन्तु लेन- देन की बहुतायत के कारण तू उपद्रव से भरकर पापी हो गया; इसी से मैं ने तुझे अपवित्रा जानकर परमेश्वर के पर्वत पर से उतारा, और हे छानेवाले करूब मैं ने तुझे आग सरीखे चमकनेवाले मण्यिों के बीच से नाश किया है।

16. By the abundance of thy merchandise They have filled thy midst with violence, And thou dost sin, And I thrust thee from the mount of God, And I destroy thee, O covering cherub, From the midst of the stones of fire.

17. सुन्दरता के कारण तेरा मन फूल उठा था; और विभव के कारण तेरी बुद्धि बिगड़ गई थी। मैं ने तुझे भूमि पर पटक दिया; और राजाओं के साम्हने तुझे रखा कि वे तुझ को देखें।

17. High hath been thy heart, because of thy beauty, Thou hast corrupted thy wisdom because of thy brightness, On the earth I have cast thee, Before kings I have set thee, to look on thee,

18. तेरे अधर्म के कामो की बहुतायत से और तेरे लेन- देन की कुटिलता से तेरे पवित्रास्थान अपवित्रा हो गए; सो मैं ने तुझ में से ऐसी आग उत्पन्न की जिस से तू भस्म हुआ, और मैं ने तुझे सब देखनेवालों के साम्हने भूमि पर भस्म कर डाला है।

18. From the abundance of thy iniquity, By the perversity of thy traffic, Thou hast polluted thy sanctuaries, And I bring forth fire from thy midst, It hath devoured thee, And I make thee become ashes on the earth, Before the eyes of all beholding thee.

19. देश देश के लोगों में से जितने तुझे जानते हैं सब तेरे कारण विस्मित हुए; तू भय का कारण हुआ है और फिर कभी पाया न जाएगा।

19. All knowing thee among the peoples Have been astonished at thee, Wastes thou hast been, and thou art not -- to the age.'

20. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

20. And there is a word of Jehovah unto me, saying,

21. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख सीदोन की ओर करके उसके विरूद्ध भविष्यद्वाणी कर,

21. 'Son of man, set thy face unto Zidon, and prophesy concerning it;

22. और कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, हे सीदोन, मैं तेरे विरूद्ध हूँ; मैं तेरे बीच अपनी महिमा कराऊंगा। जब मैं उसके बीच दण्ड दूंगा और उस में अपने को पवित्रा ठहराऊंगा, तब लोग जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

22. and thou hast said: Thus said the Lord Jehovah: Lo, I [am] against thee, O Zidon, And I have been honoured in thy midst, And they have known that I [am] Jehovah, In My doing in her judgments, And I have been sanctified in her.

23. मैं उस में मरी फैलाऊंगा, और उसकी सड़कों में लोहू बहाऊंगा; और उसके चारों ओर तलवार चलेगी; तब उसके बीच घायल लोग गिरेंगे, और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

23. And I have sent into her pestilence, And blood into her out-places, The wounded hath been judged in her midst, By the sword upon her round about, And they have known that I [am] Jehovah.

24. और इस्राएल के घराने के चारों ओर की जितनी जातियां उनके साथ अभिमान का बर्ताव करती हैं, उन में से कोई उनका चुभनेवाला काँटा वा बेधनेवाला शूल फिर न ठहरेगी; तब वे जान लेंगी कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ।

24. And there is no more to the house of Israel A pricking brier, and paining thorn, Of all round about them -- despising them, And they have known that I [am] the Lord Jehovah.

25. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जब में इस्राएल के घराने को उन सब लोगों में से इकट्ठा करूंगा, जिनके बीच वे तितर- बितर हुए हैं, और देश देश के लोगों के साम्हने उनके द्वारा पवित्रा ठहरूंगा, तब वे उस देश में वास करेंगे जो मैं ने अपने दास याकूब को दिया था।

25. Thus said the Lord Jehovah: In My gathering the house of Israel, Out of the peoples among whom they were scattered, I have been sanctified in them, Before the eyes of the nations, And they have dwelt on their ground, That I gave to My servant, to Jacob,

26. वे उस में निडर बसे रहेंगे; वे घर बनाकर और दाख की बारियां लगाकर निडर रहेंगे; तब मैं उनके चारों ओर के सब लोगों को दण्ड दूंगा जो उन से अभिमान का बर्ताव करते हैं, तब वे जान लेंगे कि उनका परमेश्वर यहोवा ही है।

26. And they have dwelt on it confidently, And builded houses, and planted vineyards, And dwelt confidently -- in My doing judgments, On all those despising them round about, And they have known that I, Jehovah, [am] their God!'



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