25. और हे मनुष्य के सन्तान, क्या यह सच नहीं, कि जिस दिन मैं उनका दृढ़ गढ़, उनकी शोभा, और हर्ष का कारण, और उनके बेटे- बेटियां जो उनकी शोभा, उनकी आंखों का आनन्द, और मन की चाह हैं, उनको मैं उन से ले लूंगा,
25. And thou, sone of man, lo! in the dai in which Y schal take awei fro hem the strengthe of hem, and the ioie of dignyte, and the desire of her iyen, on whiche the soulis of hem resten, caste awei the sones and douytris of hem;