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1. और इस्राएल के प्रधानों के विषय तू यह विलापगीत सुना,
1. আর তুমি ইস্রায়েলের অধ্যক্ষগণের বিষয়ে বিলাপ কর।
2. तेरी माता एक कैसी सिंहनी थी ! वह सिंहों के बीच बैठा करती और अपने बच्चों को जवान सिंहों के बीच पालती पोसती थी।
2. বল, তোমার মাতা কি ছিল? সে ত সিংহী ছিল; সিংহগণের মধ্যে শয়ন করিত, যুবসিংহদের মধ্যে আপন বৎসদিগকে প্রতিপালন করিত।
3. अपने बच्चों में से उस ने एक को पाला और वह जवान सिंह हो गया, और अहेर पकडना सीख गया; उस ने मनुष्यों को भी फाड़ खाया।
3. তাহার প্রতিপালিত এক বৎস যুবসিংহ হইয়া উঠিল, সে মৃগ বিদারণ করিতে শিখিল, মনুষ্যদিগকে গ্রাস করিতে লাগিল।
4. और जाति जाति के लोगों ने उसकी चर्चा सुनी, और उसे अपने खोदे हुए गड़हे में फंसाया; और उसके नकेल डालकर उसे मिस्र देश में ले गए।
4. জাতিগণও তাহার বিষয় শুনিতে পাইল; সে তাহাদের গর্ত্তে ধরা পড়িল; আর তাহারা তাহার নাক ফুঁড়িয়া মিসর দেশে লইয়া গেল।
5. जब उसकी मां ने देखा कि वह धीरज धरे रही तौभी उसकी आशा टूट गई, तब अपने एक और बच्चे को लेकर उसे जवान सिंह कर दिया।
5. সেই সিংহী যখন দেখিল, সে প্রতীক্ষা করিয়াছিল, কিন্তু তাহার প্রত্যাশা বিনষ্ট হইল, তখন আপনার আর একটা শাবককে লইয়া যুবসিংহ করিয়া তুলিল।
6. तब वह जवान सिंह होकर सिंहों के बीच चलने फिरने लगा, और वह भी अहेर पकड़ना सीख गया; और मनुष्यों को भी फाड़ खाया।
6. পরে সে সিংহদের সঙ্গে গতায়াত করিতে করিতে যুবসিংহ হইয়া উঠিল, সে মৃগ বিদারণ করিতে শিখিল, মনুষ্যদিগকে গ্রাস করিতে লাগিল।
7. और उस ने उनके भवनों को बिगाड़ा, और उनके नगरों को उजाड़ा वरन उसके गरजने के डर के मारे देश और जो कुछ उस में था सब उजड़ गया।
7. সে তাহাদের অট্টালিকা সকল জ্ঞাত ছিল; তাহাদের নগর সকল উৎসন্ন করিল; তাহার গর্জ্জনের শব্দে দেশ ও তাহার সমস্তই স্তম্ভিত হইল।
8. तब चारों ओर के जाति जाति के लोग अपने अपने प्रान्त से उसके विरूद्ध निकल आए, और उसके लिये जाल लगाया; और वह उनके खोदे हुए गड़हे में फंस गया।
8. তখন চারিদিকের জাতিগণ নানা প্রদেশ হইতে তাহার বিপক্ষে দাঁড়াইল, তাহার উপরে আপনাদের জাল পাতিল; সে তাহাদের গর্ত্তে ধরা পড়িল।
9. तब वे उसके नकेल डालकर और कठघरे में बन्द करके बाबुल के राजा के पास ले गए, और गढ़ में बन्द किया, कि उसका बोल इस्राएल के पहाड़ी देश में फिर सुनाई न दे।
9. তাহারা তাহার নাক ফুঁড়িয়া পিঞ্জরে রাখিল, তাহাকে বাবিল-রাজের নিকটে লইয়া গেল; ইস্রায়েলের কোন পর্ব্বতে যেন তাহার হূঙ্কার আর শুনিতে পাওয়া না যায়, তাই তাহাকে দুর্গের মধ্যে রাখিল।
10. तेरी माता जिस से तू अत्पन्न हुआ, वह तीर पर लगी हुई दाखलता के समान थी, और गहिरे जल के कारण फलों और शाखाओं से भरी हुई थी।
10. তোমার রক্তে তোমার মাতা জলরাশির নিকটে রোপিত দ্রাক্ষালতাস্বরূপ ছিল, সে অনেক জল প্রযুক্ত ফলবান ও শাখায় পূর্ণ হইল।
11. और प्रभुता करनेवालों के राजदणडों के लिये उस में मोटी मोटी टहनियां थीं; और उसकी ऊंचाइ्रर् इतनी इई कि वह बादलों के बीच तक पहुंची; और अपनी बहुत सी डालियों समेत बहुत ही लम्बी दिखाई पड़ी।
11. আর তাহার শাখাদণ্ড দৃঢ় ও কর্ত্তৃত্বকারীদের রাজদণ্ড হইবার যোগ্য হইল; সে দীর্ঘতায় মেঘস্পর্শী, এবং উচ্চতায় ও শাখাবাহুল্যে বিরাজমান হইল।
12. तौभी वह जलजलाहट के साथ उखाड़कर भूमि पर गिराई गई, और उसके फल पुरवाई हवा के लगने से सूख गए; और उसकी मोटी टहनियां टूटकर सूख गई; और वे आग से भस्म हो गई।
12. কিন্তু সে কোপে উৎপাটিত হইল, ভূমিতে নিক্ষিপ্ত হইল; পূর্ব্বীয় বায়ুতে তাহার ফল শুষ্ক হইয়া পড়িল; তাহার দৃঢ় শাখা সকল ভগ্ন ও শুষ্ক হইল, অগ্নি সেগুলি গ্রাস করিল।
13. अब वह जंगल में, वरन निर्जल देश में लगाई गई है।
13. এখন সে প্রান্তরমধ্যে নির্জ্জল ও শুষ্ক ভূমিতে রোপিত হইয়াছে।
14. और उसकी शाखाओं की टहनियों में से आग निकली, जिस से उसके फल भस्म हो गए, और प्रभुता करने के योग्य राजदण्ड के लिये उस में अब कोई मोटी टहनी न रही। यही विलापगीत है, और यह विलापगीत बना रहेगा।
14. তাহার শাখাদণ্ড হইতে অগ্নি নির্গত হইয়া তাহার ফল গ্রাস করিয়াছে; রাজদণ্ডের জন্য একটী দৃঢ় শাখাও তাহাতে নাই। এ বিলাপ, এবং ইহা বিলাপের জন্য থাকিবে।