17. दीन जन की हानि करने से हाथ रोका हो, ब्याज और बढ़ी न ली हो, मेरे नियमों को माना हो, और मेरी विधियों पर चला हो, तो वह अपने पिता के अधर्म के कारण न मरेगा, वरन जीवित ही रहेगा।
17. withholds his hand from iniquity, takes no advance or accrued interest, observes my ordinances, and follows my statutes; he shall not die for his father's iniquity; he shall surely live.