44. सुनो, वह सिंह की नाई आएगा जो यरदन के आस पास के घने जंगल से निकलकर दृढ़ भेड़शाले पर चढ़े, परन्तु मैं उनको उसके साम्हने से झट भगा दूंगा; तब जिसको मैं चुन लूं, उसी को उन पर अधिकारी ठहराऊंगा। देखो, मेरे तुल्य कौन हे? कौन मुझ पर मुक़ मा चलाएगा? वह चरवाहा कहां है जो मेरा साम्हना कर सकेगा?
44. I will be like a lion coming up from the bushes by the Jordan River. I will hunt in rich grasslands. I will chase the people of Babylon from their land in an instant. What nation will I choose to do it? Which one will I appoint? Is anyone like me? Who would dare to argue with me? What leader can stand against me?'