Jeremiah - यिर्मयाह 23 | View All

1. उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चराई की भेड़- बकरियों को तितर- बितर करते ओर नाश करते हैं, यहोवा यह कहता है।
यूहन्ना 10:8

1. Woe to the shepherds who destroy and scatter the sheep of my pasture! says Yahweh.

2. इसलिये इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अपनी प्रजा के चरवाहों से यों कहता है, तुम ने मेरी भेड़- बकरियों की सुधि नहीं ली, वरन उनको तितर- बितर किया और बरबस निकाल दिया है, इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि मैं तुम्हारे बुरे कामों का दण्ड दूंगा।
यूहन्ना 10:8

2. Therefore thus says Yahweh, the God of Israel, against the shepherds who feed my people: You have scattered my flock, and driven them away, and have not visited them; behold, I will visit on you the evil of your doings, says Yahweh.

3. तब मेरी भेड़- बकरियां जो बची हैं, उनको मैं उन सब देशों में से जिन में मैं ने उन्हें बरबस भेज दिया है, स्वयं ही उन्हें लौटा लाकर उन्हीं की भेड़शाला में इकट्ठा करूंगा, और वे फिर फूलें- फलेंगी।

3. I will gather the remnant of my flock out of all the countries where I have driven them, and will bring them again to their folds; and they shall be fruitful and multiply.

4. मैं उनके लिये ऐसे चरवाहे नियुक्त करूंगा जो उन्हें चराएंगे; और तब वे न तो फिर डरेंगी, न विस्मित होंगी और न उन में से कोई खो जाएंगी, यहोवा की यह वाणी है।

4. I will set up shepherds over them, who shall feed them; and they shall fear no more, nor be dismayed, neither shall any be lacking, says Yahweh.

5. यहोवा की यह भी वाणी है, देख ऐसे दिन आते हैं जब मैं दाऊद के कुल में एक धम अंकुर उगाऊंगा, और वह राजा बनकर बुध्दि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से प्रभुता करेगा।
यूहन्ना 7:42, 1 कुरिन्थियों 1:30

5. Behold, the days come, says Yahweh, that I will raise to David a righteous Branch, and he shall reign as king and deal wisely, and shall execute justice and righteousness in the land.

6. उसके दिनों में यहूदी लोग बचे रहेंगे, और इस्राएली लोग निडर बसे रहेंगे : और यहोवा उसका नाम यहोवा 'हमारी धार्मिकता' रखेगा।
यूहन्ना 7:42

6. In his days Judah shall be saved, and Israel shall dwell safely; and this is his name by which he shall be called: Yahweh our righteousness.

7. सो देख, यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आएंगे जिन में लोग फिर न कहेंगे, कि 'यहोवा जो हम इस्राएलियों को मिस्र देश से छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध,'

7. Therefore, behold, the days come, says Yahweh, that they shall no more say, As Yahweh lives, who brought up the children of Israel out of the land of Egypt;

8. परन्तु वे यह कहेंगे, 'यहोवा जो इस्राएल के घराने को उत्तर देश से और उन सब देशों से भी जहां उस ने हमें बरबस निकाल दिया, छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध।' तब वे अपने ही देश में बसे रहेंगे।

8. but, As Yahweh lives, who brought up and who led the seed of the house of Israel out of the north country, and from all the countries where I had driven them. They shall dwell in their own land.

9. भविष्यद्वक्ताओं के विषय मेरा हृदय भीतर ही भीतर फटा जाता है, मेरी सब हडि्डयां थरथराती है; यहोवा ने जो पवित्रा वचन कहे हैं, उन्हें सुनकर, मैं ऐसे मनुष्य के समान हो गया हूँ जो दाखमधु के नशे में चूर हो गया हो,

9. Concerning the prophets. My heart within me is broken, all my bones shake; I am like a drunken man, and like a man whom wine has overcome, because of Yahweh, and because of his holy words.

10. क्योंकि यह देश व्यभिचारियों से भरा है; इस पर ऐसा शाप पड़ा है कि यह विलाप कर रहा है; वन की चराइयां भी सूख गई। लोग बड़ी दौड़ तो दौड़ते हैं, परन्तु बुराई ही की ओर; और वीरता तो करते हैं, परन्तु अन्याय ही के साथ।

10. For the land is full of adulterers; for because of swearing the land mourns; the pastures of the wilderness are dried up. Their course is evil, and their might is not right;

11. क्योंकि भविष्यद्वक्ता और साजक दोनों भक्तिहीन हो गए हैं; अपने भवन में भी मैं ने उनकी बुराई पाई है, यहोवा की यही वाणी है।

11. for both prophet and priest are profane; yes, in my house have I found their wickedness, says Yahweh.

12. इस कारण उनका मार्ग अन्धेरा और फिसलाहा होगा जिस में वे ढकेलकर गिरा दिए जाएंगे; क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि मैं उनके दण्ड के वर्ष में उन पर विपत्ति डालूंगा !

12. Therefore their way shall be to them as slippery places in the darkness: they shall be driven on, and fall therein; for I will bring evil on them, even the year of their visitation, says Yahweh.

13. शोमरोन के भविष्यद्वक्ताओं में मैं ने यह मूर्खता देखी थी कि वे बाल के नाम से भविष्यद्वाणी करते और मेरी प्रजा इस्राएल को भटका देते थे।

13. I have seen folly in the prophets of Samaria; they prophesied by Baal, and caused my people Israel to err.

14. परन्तु यरूशलेम के नबियों में मैं ने ऐसे काम देखे हैं, जिन से रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अर्थात् व्यभिचार और पाखष्ड; वे कुकर्मियों को ऐसा हियाव बन्धाते हैं कि वे अपनी अपनी बुराई से पश्चात्ताप भी नहीं करते; सब निवासी मेरी दृष्टि में सदोमियों और अमोरियों के समान हो गए हैं।

14. In the prophets of Jerusalem also I have seen a horrible thing: they commit adultery, and walk in lies; and they strengthen the hands of evil-doers, so that none does return from his wickedness: they are all of them become to me as Sodom, and the inhabitants of it as Gomorrah.

15. इस कारण सेनाओं का यहोवा यरूशलेम के भविष्यद्वक्ताओं के विषय में यों कहता है, देख, मैं उनको कड़ुवी वस्तुएं खिलाऊंगा और विष पिलाऊंगा; क्योंकि उनके कारण सारे देश में भक्तिहीनता फैल गई है।

15. Therefore thus says Yahweh of Hosts concerning the prophets: Behold, I will feed them with wormwood, and make them drink the water of gall; for from the prophets of Jerusalem is ungodliness gone forth into all the land.

16. सेनाओं के यहोवा ने तुम से यों कहा है, इन भविष्यद्वक्ताओं की बातों की ओर जो तुम से भविष्सद्वाणी करते हैं कान मत लगाओ, क्योंकि ये तुम को व्यर्थ बातें सिखाते हैं; ये दर्शन का दावा करके यहोवा के मुख की नहीं, अपने ही मन की बातें कहते हैं।

16. Thus says Yahweh of Hosts, Don't listen to the words of the prophets who prophesy to you: they teach you vanity; they speak a vision of their own heart, and not out of the mouth of Yahweh.

17. जो लोग मेरा तिरस्कार करते हैं उन मेे ये भविष्यद्वक्ता सदा कहते रहते हैं कि यहोवा कहता है, तुम्हारा कल्याण होगा; और जितने लोग अपने हठ ही पर चलते हैं, उन से ये कहते हैं, तुम पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।

17. They say continually to those who despise me, Yahweh has said, You shall have peace; and to everyone who walks in the stubbornness of his own heart they say, No evil shall come on you.

18. भला कौन यहोवा की गुप्त सभा में खड़ा होकर उसका वचन सुनने और समझने पाया है?
रोमियों 11:34

18. For who has stood in the council of Yahweh, that he should perceive and hear his word? who has marked my word, and heard it?

19. वा किस ने ध्यान देकर मेरा वचन सुना है? देखो, यहोवा की जलजलाहट का प्रचाण्ड बवण्डर और आंधी चलने लगी है; और उसका झोंका दुष्टों के सिर पर जोर से लगेगा।

19. Behold, the tempest of Yahweh, even his wrath, is gone forth, yes, a whirling tempest: it shall burst on the head of the wicked.

20. जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भांति समझ सकोगे।

20. The anger of Yahweh shall not return, until he has executed, and until he have performed the intents of his heart: in the latter days you shall understand it perfectly.

21. ये भविष्यद्वक्ता बिना मेरे भेजे दौड़ जाते और बिना मेरे कुछ कहे भविष्यद्वाणी करने लगते हैं।

21. I sent not these prophets, yet they ran: I didn't speak to them, yet they prophesied.

22. यदि ये मेरी शिक्षा में स्थिर रहते, तो मेरी प्रजा के लोगों को मेरे वचन सुनाते; और वे अपनी बुरी चाल और कामों से फिर जाते।

22. But if they had stood in my council, then had they caused my people to hear my words, and had turned them from their evil way, and from the evil of their doings.

23. यहोवा की यह वाणी है, कया मैं ऐसा परमेश्वर हूँ, जो दूर नहीं, निकट ही रहता हूँ?
प्रेरितों के काम 17:27

23. Am I a God at hand, says Yahweh, and not a God afar off?

24. फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं?

24. Can any hide himself in secret places so that I shall not see him? says Yahweh. Don't I fill heaven and earth? says Yahweh.

25. मैं ने इन भविष्यद्वक्ताओं की बातें भी सुनीं हैं जो मेरे नाम से यह कहकर झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं कि मैं ने स्वप्न देखा है, स्वप्न !

25. I have heard what the prophets have said, who prophesy lies in my name, saying, I have dreamed, I have dreamed.

26. जो भविष्यद्वक्ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते और अपने मन ही के छल के भविष्यद्वक्ता हैं, यह बात कब तक उनके मन में समाई रहेगी?

26. How long shall this be in the heart of the prophets who prophesy lies, even the prophets of the deceit of their own heart?

27. जैसे मेरी प्रजा के लोगों के पुरखा मेरा नाम भूलकर बाल का नाम लेने लगे थे, वैसे ही अब ये भविष्यद्वक्ता उन्हें अपने अपने स्वप्न बता बताकर मेरा नाम भुलाना चाहते हैं।

27. who think to cause my people to forget my name by their dreams which they tell every man to his neighbor, as their fathers forgot my name for Baal.

28. यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए। यहोवा की यह वाणी है, कहां भूसा और कहां गेहूं?

28. The prophet who has a dream, let him tell a dream; and he who has my word, let him speak my word faithfully. What is the straw to the wheat? says Yahweh.

29. यहोवा की यह भी वाणी है कि क्या मेरा वचन आग सा नहीं है? फिर क्या वह ऐसा हथौड़ा नहीं जो पत्थर को फोड़ डाले?

29. Isn't my word like fire? says Yahweh; and like a hammer that breaks the rock in pieces?

30. यहोवा की यह वाणी है, देखो, जो भविष्यद्वक्ता मेरे वचन औरों से चुरा चुराकर बोलते हैं, मैं उनके विरूद्ध हूँ।

30. Therefore, behold, I am against the prophets, says Yahweh, who steal my words everyone from his neighbor.

31. फिर यहोवा की यह भी वाणी है कि जो भविष्यद्वक्ता 'उसकी यह वाणी है', ऐसी झूठी वाणी कहकर अपनी अपनी जीभ डुलाते हैं, मैं उनके भी विरूद्ध हूँ।

31. Behold, I am against the prophets, says Yahweh, who use their tongues, and say, He says.

32. यहावा की यह भी वाणी है कि जो बिना मेरे भेजे वा बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा करके भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन करके मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते हैं, उनके भी मैं विरूद्ध हूँ; और उन से मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न हेगा।

32. Behold, I am against those who prophesy lying dreams, says Yahweh, and do tell them, and cause my people to err by their lies, and by their vain boasting: yet I didn't send them, nor commanded them; neither do they profit this people at all, says Yahweh.

33. यदि साधारण लोगों में से कोई जन वा कोई भविष्यद्वक्ता वा याजक तुम से पूछे कि यहोवा ने क्या प्रभवशाली वचन कहा है, तो उस से कहना, क्या प्रभवशाली वचन? यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम को त्याग दूंगा।

33. When this people, or the prophet, or a priest, shall ask you, saying, What is the burden of Yahweh? then shall you tell them, What burden! I will cast you off, says Yahweh.

34. और जो भविष्यद्वक्ता वा याजक वा साधारण मनुष्य 'यहोवा का कहा हुआ भारी वचन' ऐसा कहता रहे, उसको घराने समेत मैं दण्ड दूंगा।

34. As for the prophet, and the priest, and the people, who shall say, The burden of Yahweh, I will even punish that man and his house.

35. तुम लोग एक दूसरे से और अपने अपने भाई से यों पुछना, यहोवा ने क्या उत्तर दिया?

35. Thus shall you say everyone to his neighbor, and everyone to his brother, What has Yahweh answered? and, What has Yahweh spoken?

36. वा, यहोवा ने क्या कहा है? 'यहोवा का कहा हुआ भारी वचन', इस प्रकार तुम भविष्य में न कहना नहीं तो तुम्हारा ऐसा कहना ही दण्ड का कारण हो जाएगा; क्योंकि हमारा परमेश्वर सेनाओं का यहोवा जो जीवित परमेश्वर है, तुम लोगों ने उसके वचन बिगाड़ दिए हैं।

36. The burden of Yahweh shall you mention no more: for every man's own word shall be his burden; for you have perverted the words of the living God, of Yahweh of Hosts our God.

37. तू भविष्यद्वक्ता से यां पूछ कि यहोवा ने तुझे क्या उत्तर दिया?

37. Thus shall you say to the prophet, What has Yahweh answered you? and, What has Yahweh spoken?

38. वा, यहोवा ने क्या कहा है? यदि तुम 'यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन'े इसी प्रकार कहोगे, तो यहोवा का यह वचन सुनो, मैं ने तो तुम्हारे पास कहला भेजा है, भविष्य में ऐसा न कहना कि 'यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।' परन्तु तुम यह कहते ही रहते हो, कि 'यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।'

38. But if you say, The burden of Yahweh; therefore thus says Yahweh: Because you say this word, The burden of Yahweh, and I have sent to you, saying, You shall not say, The burden of Yahweh;

39. इस कारण देखो, मैं तुम को बिलकुल भूल जाऊंगा और तुम को और इस नगर को जिसे मैं ने तुम्हारे पुरखाओं को, और तुम को भी दिया है,

39. therefore, behold, I will utterly forget you, and I will cast you off, and the city that I gave to you and to your fathers, away from my presence:

40. त्यागकर अपने साम्हने से दूर कर दूंगा। और मैं ऐसा करूंगा कि तुम्हारी नामधराई और अनादर सदा बना रहेगा; और कभी भूला न जाएगा।

40. and I will bring an everlasting reproach on you, and a perpetual shame, which shall not be forgotten.



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