13. यदि तू विश्रामदिन को अशुद्ध न करे अर्थात् मेरे उस पवित्रा दिन में अपनी इच्छा पूरी करने का यत्न न करे, और विश्रामदिन को आनन्द का दिन और यहोवा का पवित्रा किया हुआ दिन समझकर माने; यदि तू उसका सन्मान करके उस दिन अपने मार्ग पर न चले, अपनी इच्छा पूरी न करे, और अपनी ही बातें न बोले,
13. If thou dost turn from the sabbath thy foot, Doing thine own pleasure on My holy day, And hast cried to the sabbath, 'A delight,' To the holy of Jehovah, 'Honoured,' And hast honoured it, without doing thine own ways, Without finding thine own pleasure, And speaking a word.