Isaiah - यशायाह 55 | View All

1. अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रूपए और बिना दाम ही आकर ले लो।
यूहन्ना 7:37, प्रकाशितवाक्य 21:6, प्रकाशितवाक्य 22:17

1. Ho, everyone who thirsts, come to the waters; and you that have no money, come, buy and eat! Come, buy wine and milk without money and without price.

2. जो भोजनवस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रूपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे।

2. Why do you spend your money for that which is not bread, and your labor for that which does not satisfy? Listen carefully to me, and eat what is good, and delight yourselves in rich food.

3. कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहेागे; और मैं तुम्हारे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा अर्थात् दाऊद पर की अटल करूणा की वाचा।
प्रेरितों के काम 13:34, 1 थिस्सलुनीकियों 13:20

3. Incline your ear, and come to me; listen, so that you may live. I will make with you an everlasting covenant, my steadfast, sure love for David.

4. सुनो, मैं ने उसको राज्य राज्य के लोगों के लिये साक्षी और प्रधान और आज्ञा देनेवाला ठहराया है।
यूहन्ना 3:11-32

4. See, I made him a witness to the peoples, a leader and commander for the peoples.

5. सुन, तू ऐसी जाति को जिसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और ऐसी जातियां जो तुझे नहीं जानतीं तेरे पास दौड़ी आएंगी, वे तेरे परमेश्वर यहोवा और इस्राएल के पवित्रा के निमित्त यह करेंगी, क्योंकि उस ने तुझे शोभायमान किया है।।

5. See, you shall call nations that you do not know, and nations that do not know you shall run to you, because of the LORD your God, the Holy One of Israel, for he has glorified you.

6. जब जब यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;
प्रेरितों के काम 17:27

6. Seek the LORD while he may be found, call upon him while he is near;

7. दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।

7. let the wicked forsake their way, and the unrighteous their thoughts; let them return to the LORD, that he may have mercy on them, and to our God, for he will abundantly pardon.

8. क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है।
रोमियों 11:33

8. For my thoughts are not your thoughts, nor are your ways my ways, says the LORD.

9. क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है।।

9. For as the heavens are higher than the earth, so are my ways higher than your ways and my thoughts than your thoughts.

10. जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोलनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है,
2 कुरिन्थियों 9:10

10. For as the rain and the snow come down from heaven, and do not return there until they have watered the earth, making it bring forth and sprout, giving seed to the sower and bread to the eater,

11. उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सुफल करेगा।।

11. so shall my word be that goes out from my mouth; it shall not return to me empty, but it shall accomplish that which I purpose, and succeed in the thing for which I sent it.

12. क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाड़ियां गला खोलकर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे।

12. For you shall go out in joy, and be led back in peace; the mountains and the hills before you shall burst into song, and all the trees of the field shall clap their hands.

13. तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।

13. Instead of the thorn shall come up the cypress; instead of the brier shall come up the myrtle; and it shall be to the LORD for a memorial, for an everlasting sign that shall not be cut off.



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