12. रबशाके ने कहा, क्या मेरे स्वामी ने मुझे तेरे स्वामी ही के वा तुम्हारे ही पास ये बातें कहने को भेजा है? क्या उस ने मुझे उन लोगों के पास नहीं भेजा जो शहरपनाह पर बैठे हैं जिन्हें तुम्हारे संग अपनी विष्ठा खाना और अपना मूत्रा पीना पड़ेगा?
12. But Rabshakeh said, Hath my master sent me to thy master, and to thee, to speak these words? hath he not sent me to the men that sit upon the wall, to eat their own dung, and to drink their own water with you?