Isaiah - यशायाह 34 | View All

1. हे जाति जाति के लोगों, सुनने के लिये निकट आओ, और हे राज्य राज्य के लोगों, ध्यान से सुनो! पृथ्वी भी, और जो कुछ उस में है, जगत और जो कुछ उस में उत्पन्न होता है, सब सुनो।

1. Draw near, O nations, to hear; and listen, O peoples! Let the earth and all it contains hear, and the world and all that springs from it.

2. यहोवा सब जातियों पर क्रोध कर रहा है, और उनकी सारी सेना पर उसकी जलजलाहट भड़की हुई है, उस ने उनको सत्यानाश होने, और संहार होने को छोड़ दिया है।

2. For the LORD'S indignation is against all the nations, And [His] wrath against all their armies; He has utterly destroyed them, He has given them over to slaughter.

3. उनके मारे हुए फेंक दिये जाएंगे, और उनकी लोथों की दुर्गन्ध उठेगी; उनके लोहू से पहाड़ गल जाएंगे।

3. So their slain will be thrown out, And their corpses will give off their stench, And the mountains will be drenched with their blood.

4. आकाश के सारे गण जाते रहेंगे और आकाश कागज की नाई लपेटा जाएगा। और जैसे दाखलता वा अंजीर के वृक्ष के पत्ते मुर्झाकर गिर जाते हैं, वैसे ही उसके सारे गण धुंधले होकर जाते रहेंगे।।
मत्ती 24:29, मरकुस 13:25, लूका 21:26, 2 पतरस 3:12, प्रकाशितवाक्य 6:13-14

4. And all the host of heaven will wear away, And the sky will be rolled up like a scroll; All their hosts will also wither away As a leaf withers from the vine, Or as [one] withers from the fig tree.

5. क्योंकि मेरी तलवार आकाश में पीकर तृप्त हुई है; देखो, वह न्याय करने को एदोम पर, और जिन पर मेरा शाप है उन पर पड़ेगी।

5. For My sword is satiated in heaven, Behold it shall descend for judgment upon Edom And upon the people whom I have devoted to destruction.

6. यहोवा की तलवार लोहू से भर गई है, वह चर्बी से और भेड़ों के बच्चों और बकरों के लोहू से, और मेढ़ों के गुर्दों की चर्बी से तृप्त हुई है। क्योंकि बोस्रा नगर में यहोवा का एक यज्ञ और एदोम देश में बड़ा संहार हुआ है।

6. The sword of the LORD is filled with blood, It is sated with fat, with the blood of lambs and goats, With the fat of the kidneys of rams. For the LORD has a sacrifice in Bozrah And a great slaughter in the land of Edom.

7. उनके संग जंगली सांढ़ और बछड़े और बैल वध होंगे, और उनकी भूमि लोहू से भीग जाएगी और वहां की मिट्टी चर्बी से अघा जाएगी।।

7. Wild oxen will also fall with them And young bulls with strong ones; Thus their land will be soaked with blood, And their dust become greasy with fat.

8. क्योंकि पलटा लेने को यहोवा का एक दिन और सिरयोन का मुक मा चुकाने का एक वर्ष नियुक्त है।

8. For the LORD has a day of vengeance, A year of recompense for the cause of Zion.

9. और एदोम की नदियां राल से और उसकी मिट्टी गन्धक से बदल जाएगी; उसकी भूमि जलती हुई राल बन जाएगी।

9. Its streams will be turned into pitch, And its loose earth into brimstone, And its land will become burning pitch.

10. वह रात- दिन न बुझेगी; उसका धूंआ सदैव उठता रहेगा। युग युग वह उजाड़ पड़ा रहेगा; कोई उस में से होकर कभी न चलेगा।
प्रकाशितवाक्य 14:11, प्रकाशितवाक्य 19:3

10. It will not be quenched night or day; Its smoke will go up forever. From generation to generation it will be desolate; None will pass through it forever and ever.

11. उस में धनेशपक्षी और साही पाए जाएंगे और वह उल्लू और कौवे का बसेरा होगा। वह उस पर गड़बड़ की डोरी और सुनसानी का साहूल तानेगा।
प्रकाशितवाक्य 18:2

11. But pelican and hedgehog will possess it, And owl and raven will dwell in it; And He will stretch over it the line of desolation And the plumb line of emptiness.

12. वहां न तो रईस होंगे और न ऐसा कोई होगा जो राज्य करने को ठहराया जाए; उसके सब हाकिमों का अन्त होगा।।
प्रकाशितवाक्य 6:15

12. Its nobles-- there is no one there [Whom] they may proclaim king-- And all its princes will be nothing.

13. उसके महलों में कटीले पेड़, गढ़ों में बिच्छू पौधे और झाड़ उगेंगे। वह गीदड़ों का वासस्थान और शुतुर्मुगों का आंगन हो जाएगा।

13. Thorns will come up in its fortified towers, Nettles and thistles in its fortified cities; It will also be a haunt of jackals [And] an abode of ostriches.

14. वहां निर्जल देश के जन्तु सियारों के संग मिलकर बसेंगे और रोंआर जन्तु एक दूसरे को बुलाएंगे; वहां लीलीत नाम जन्तु वासस्थान पाकर चैन से रहेगा।।
प्रकाशितवाक्य 18:2

14. The desert creatures will meet with the wolves, The hairy goat also will cry to its kind; Yes, the night monster will settle there And will find herself a resting place.

15. वहां उड़नेवाली सांपिन का बिल होगा; वे अण्डे देकर उन्हें सेवेंगी और अपनी छाया में बटोर लेंगी; वहां गिद्ध अपनी साथिन के साथ इकट्ठे रहेंगे।

15. The tree snake will make its nest and lay [eggs] there, And it will hatch and gather [them] under its protection. Yes, the hawks will be gathered there, Every one with its kind.

16. यहोवा की पुस्तक से ढूंढ़कर पढ़ो इन में से एक भी बात बिना पूरा हुए न रहेगी; कोई बिना जोड़ा न रहेगा। क्योंकि मैं ने अपने मुंह से यह आज्ञा दी है और उसी की आत्मा ने उन्हें इकट्ठा किया है।

16. Seek from the book of the LORD, and read: Not one of these will be missing; None will lack its mate. For His mouth has commanded, And His Spirit has gathered them.

17. उसी ने उनके लिये चिट्ठी डाली, उसी ने अपने हाथ से डोरी डालकर उस दंश को उनके लिये बांट दिया है; वह सर्वदा उनका ही बना रहेगा और वे पीढ़ी से पीढ़ी तब उस में बसे रहेंगे।।

17. He has cast the lot for them, And His hand has divided it to them by line. They shall possess it forever; From generation to generation they will dwell in it.



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