Isaiah - यशायाह 32 | View All

1. देखो, एक राजा धर्म से राज्य करेगा, और राजकुमा न्याय से हुकूमत करेंगे।
यूहन्ना 1:49, यूहन्ना 18:37, 1 कुरिन्थियों 15:25

1. aalakinchudi, raaju neethinibatti raajyaparipaalana cheyunu adhikaarulu nyaayamunubatti yeluduru.

2. हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरनेे, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।

2. manushyudu gaaliki marugainachootuvalenu gaalivaanaku chaataina chootuvalenu undunu endinachoota neellakaaluvalavalenu alasata puttinchu dheshamuna goppabanda needavalenu undunu.

3. उस समय देखनेवालों की आंखें धुंधली न होंगी, और सुननेवालों के कान लगे रहेंगे।

3. choochuvaari kannulu mandamugaa undavu vinuvaari chevulu aalakinchunu.

4. उतावलों के मन ज्ञान की बातें समझेंगे, और तुतलानेवालों की जीभ फुर्ती से और साफ बोलेगी।

4. chanchalula manassu gnaanamu grahinchunu natthivaari naaluka spashtamugaa maatalaadunu.

5. मूढ़ फिर उदार न कहलाएगा और न कंजूस दानी कहा जाएगा।

5. moodhudu ika ghanudani yenchabadadu kapati udaarudanabadadu.

6. क्योंकि मूढ़ तो मूढ़ता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह बिन भक्ति के काम करे और यहोवा के विरूद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।

6. moodhulu moodhavaakkulu palukuduru bhakthiheenamugaa naduchukonduru yehovaanugoorchi kaanimaatalaaduchu aakaligoninavaari jeevanaadhaaramu theesikonuchu dappigoninavaariki paaneeyamu lekunda cheyuchu hrudayapoorvakamugaa paapamu cheyuduru.

7. छली की चालें बुरी होती हैं, वह दुष्ट युक्तियां निकालता है कि दरिद्र को भी झूठी बातों में लूटे जब कि वे ठीक और नम्रता से भी बोलते हों।

7. mosakaari saadhanamulunu cheddavi nirupedalu nyaayavaadhana chesinanu kallamaatalathoo deenulanu naashanamucheyutaku vaaru duraalochanalu cheyuduru.

8. परन्तु उदार मनुष्य उदारता ही की युक्तियां निकालता है, वह उदारता में स्थिर भी रहेगा।।

8. ghanulu ghanakaaryamulu kalpinchuduru vaaru ghanakaaryamulanubatti niluchuduru.

9. हे सुखी स्त्रियों, उठकर मेरी सुनो; हे निश्चिन्त पुत्रियों, मेरे वचन की ओर कान लगाओ।

9. sukhaasakthigala streelaaraa, lechi naa maata vinudi nishchinthagaanunna kumaarthelaaraa, naa maata vinudi.

10. हे निश्चिन्त स्त्रियों, वर्ष भर से कुछ ही अधिक समय में तुम विकल हो जाओगी; क्योंकि तोड़ने को दाखें न होंगी और न किसी भांति के फल हाथ लगेंगे।

10. nishchinthagala streelaaraa, yika oka samvatsaramunaku meeku tondhara kalugunu draakshapanta povunu pandlu erutaku raavu.

11. हे सुखी स्त्रियों, थरथराओ, हे निश्चिन्त स्त्रियों, विकल हो; अपने अपने वस्त्रा उतारकर अपनी अपनी कमर में टाट कसो।

11. sukhaasakthigala kanyalaaraa, vanakudi nirvichaarinulaaraa, tondharapadudi mee battalu theesivesi digambarulai mee nadumuna gone patta kattukonudi.

12. वे मनभाऊ खेतों और फलवन्त दाखलताओं के लिये छाती पीटेंगी।

12. ramyamaina polamu vishayamai phalabharithamaina draakshaa vallula vishayamai vaaru rommu kottukonduru.

13. मेरे लागों के वरन प्रसन्न नगर के सब हर्ष भरे घरों में भी भांति भांति के कटीले पेड़ उपजेंगे।

13. naa janula bhoomilo aanandapuramuloni aanandagruhamulannitilo mundla thuppalunu balurakkasi chetlunu perugunu. Painundi manameeda aatma kummarimpabaduvaraku

14. क्योंकि राजभवन त्यागा जाएगा, कोलाहल से भरा नगर सुनसान हो जाएगा और पहाड़ी और उन पर के पहरूओं के घर सदा के लिये मांदे और जंगली गदहों को विहारस्थान और घरैलू पशुओं की चराई उस समय तक बने रहेंगे

14. nagari viduvabadunu janasamoohamugala pattanamu viduvabadunu kondayu kaaparula gopuramunu ellakaalamu guhalugaa undunu

15. जब तक आत्मा ऊपर से हम पर उण्डेला न जाए, और जंगल फलदायक बारी न बने, और फलदायक बारी फिर वन न गिनी जाए।

15. avi adavigaadidalaku ishtamainachootlugaanu mandalu meyu bhoomigaanu undunu aranyamu phalabharithamaina bhoomigaanu phalabharitha maina bhoomi vrukshavanamugaanundunu.

16. तब उस जंगल में न्याय बसेगा, और उस फलदायक बारी में धर्म रहेगा।

16. appudu nyaayamu aranyamulo nivasinchunu phalabharithamaina bhoomilo neethi digunu

17. और धर्म का फल शांति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्चिन्त रहना होगा।
याकूब 3:18

17. neethi samaadhaanamu kalugajeyunu neethivalana nityamunu nimmalamu nibbaramu kalugunu. Appudu naa janula vishrama sthalamunandunu aashraya sthaanamulayandunu sukhakaramaina nivaasamula yandunu nivasinchedaru

18. मेरे लोग शान्ति के स्थानों में निश्चिन्त रहेंगे, और विश्राम के स्थानों में सुख से रहेंगे।

18. ayinanu aranyamu dhvansamagunappudu vadagandlu padunu

19. और वन के विनाश के समय ओले गिरेंगे, और नगर पूरी रीति से चौपट हो जाएगा।

19. pattanamu nishchayamugaa koolipovunu.

20. क्या ही धन्य हो तुम जो सब जलाशयों के पास बीच बोते, और बैलों और गदहों को स्वतन्त्राता से चराते हो।।

20. samastha jalamulayoddhanu vitthanamulu challuchu eddulanu gaadidalanu thiruganichu meeru dhanyulu.



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