29. हे सारे पलिश्तीन तू इसलिये आनन्द न कर, कि तेरे मारनेवाले की लाठी टूट गई, क्योंकि सर्प की जड़ से एक काला नाग उत्पन्न होगा, और उसका फल एक उड़नेवाला और तेज विषवाला अग्निसर्प होगा।
29. Rejoice not, O Philistia, all of you, because the rod [of Judah] that smote you is broken; for out of the serpent's root shall come forth an adder [King Hezekiah of Judah], and its [the serpent's] offspring will be a fiery, flying serpent. [II Kings 18:1, 3, 8.]