2. मैं मोती थी, परन्तु मेरा मन जागता था। सुन! मेरा प्रेमी खटखटाता है, और कहता है, हे मेरी बहिन, हे मेरी प्रिय, हे मेरी कबूतरी, हे मेरी निर्मल, मेरे लिये द्वार खोल; क्योंकि मेरा सिर ओस से भरा है, और मेरी लटें रात में गिरी हुई बून्दों से भीगी हैं।
2. As I was a slepe, & my hert wakynge, I herde the voyce of my beloued, wha he knocked. Open to me (sayde he) o my sister, my loue, my doue, my derlinge: for my heade is full of dew, and ye lockes of my hayre are full of the night droppes.