9. और उस ने कहा, हे प्रभु, यदि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो तो प्रभु, हम लोगों के बीच में होकर चले, ये लोग हठीले तो हैं, तौभी हमारे अधर्म और पाप को क्षमा कर, और हमें अपना निज भाग मानके ग्रहण कर।
9. And he said, 'O Lord, if it is true that I have found favor with you, then please travel with us. Yes, this is a stubborn and rebellious people, but please forgive our iniquity and our sins. Claim us as your own special possession.'