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1. फिर निवासस्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना।इब्रानियों 9:2
1. আর তুমি দশ যবনিকা দ্বারা এক আবাস প্রস্তুত করিবে; সেগুলি পাকান সাদা মসীনা এবং নীল, বেগুনে ও লাল সূত্রে নির্ম্মাণ করিবে; সেই যবনিকা সমূহে শিল্পিত করূবগণের আকৃতি থাকিবে।
2. एक एक परदे की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; सब परदे एक ही नाप के हों।
2. প্রত্যেক যবনিকা দীর্ঘে আটাইশ হস্ত ও প্রত্যেক যবনিকা প্রস্থে চারি হস্ত হইবে; সমস্ত যবনিকার এক পরিমাণ হইবে।
3. पांच परदे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पांच परदे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों।
3. আর একত্র পাঁচ যবনিকার পরস্পর যোগ থাকিবে, এবং অন্য পাঁচ যবনিকার পরস্পর যোগ থাকিবে।
4. और जहां ये दोनों परदे जोड़े जाएं वहां की दोनों छोरों पर नीली नीली फलियां लगवाना।
4. আর যোড়স্থানে প্রথম অন্ত্য যবনিকার মুড়াতে নীলসূত্রের ঘুন্টিঘরা করিয়া দিবে, এবং যোড়স্থানে দ্বিতীয় অন্ত্য যবনিকার মুড়াতেও তদ্রূপ করিবে।
5. दोनों छोरों में पचास पचास फलियां ऐसे लगवाना कि वे आम्हने साम्हने हों।
5. প্রথম যবনিকাতে পঞ্চাশ ঘুন্টিঘরা করিয়া দিবে; এবং যোড়স্থানের দ্বিতীয় যবনিকার মুড়াতেও পঞ্চাশ ঘুন্টিঘরা করিয়া দিবে; সেই দুই ঘুন্টিঘরাশ্রেণী পরস্পর সম্মুখীন হইবে।
6. और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचो को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवासस्थान मिलकर एक ही हो जाए।
6. আর পঞ্চাশ স্বর্ণঘুন্টি গড়িয়া ঘুন্টিতে যবনিকা সকল পরস্পর বদ্ধ করিবে; তাহাতে তাহা একই আবাস হইবে।
7. फिर निवास के ऊपर तम्बू का काम देने के लिये बकरी के बाल के ग्यारह परदे बनवाना।
7. আর তুমি আবাসের উপরে আচ্ছাদনার্থ তাম্বুর নিমিত্তে ছাগলোমজাত যবনিকা সকল প্রস্তুত করিবে, একাদশ যবনিকা প্রস্তুত করিবে।
8. एक एक परदे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों परदे एक ही नाप के हों।
8. প্রত্যেক যবনিকা দীর্ঘে ত্রিশ হস্ত ও প্রত্যেক যবনিকা প্রস্থে চারি হস্ত হইবে; এই একাদশ যবনিকার একই পরিমাণ হইবে।
9. और पांच परदे अलग और फिर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छटवें परदे को तम्बू के साम्हने मोड़ कर दुहरा कर देना।
9. পরে পাঁচ যবনিকা পরস্পর যোড়া দিয়া পৃথক্ রাখিবে, অন্য ছয় যবনিকাও পৃথক্ রাখিবে, এবং ইহাদের ষষ্ঠ যবনিকা দোহারা করিয়া তাম্বুর সম্মুখে রাখিবে।
10. और तू पचास अंकउे़ उस परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना।
10. আর যোড়স্থানে প্রথম অন্ত্য যবনিকার মুড়াতে পঞ্চাশ ঘুন্টিঘরা করিয়া দিবে, এবং সংযোক্তব্য দ্বিতীয় যবনিকার মুড়াতেও পঞ্চাশ ঘুন্টিঘরা করিয়া দিবে।
11. और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फलियों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक ही हो जाए।
11. পরে পিত্তলের পঞ্চাশ ঘুন্টি গড়িয়া সেই ঘুন্টিঘরাতে তাহা প্রবেশ করাইয়া তাম্বু সংযুক্ত করিবে;
12. और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात् जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे।
12. তাহাতে তাহা একই তাম্বু হইবে; তাম্বুর যবনিকার অতিরিক্ত অংশ, অর্থাৎ যে অর্দ্ধযবনিকা অতিরিক্ত থাকিবে, তাহা আবাসের পশ্চাৎপার্শ্বে ঝুলিয়া থাকিবে।
13. और तम्बू के परदों की लम्बाई मे से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास के ढांकने के लिये उसकी दोनों अलंगों पर लटका हुआ रहे।
13. আর তাম্বুর যবনিকার দীর্ঘতার যে অংশ এপার্শ্বে এক হস্ত, ওপার্শ্বে এক হস্ত অতিরিক্ত থাকিবে, তাহা আচ্ছাদন জন্য আবাসের উপরে এপার্শ্বে ওপার্শ্বে ঝুলিয়া থাকিবে।
14. फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना।।
14. পরে তুমি তাম্বুর জন্য রক্তীকৃত মেষচর্ম্মের এক ছাদ প্রস্তুত করিবে, আবার তাহার উপরে তহশচর্ম্মের এক ছাদ প্রস্তুত করিবে।
15. फिर निवास को खड़ा करने के लिये बबूल की लकड़ी के तख्ते बनवाना।
15. পরে তুমি আবাসের জন্য শিটীম কাষ্ঠের দাঁড় করান তক্তা প্রস্তুত করিবে।
16. एक एक तख्ते की लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो।
16. প্রত্যেক তক্তা দীর্ঘে দশ হস্ত ও প্রস্থে দেড় হস্ত হইবে।
17. एक एक तख्ते में एक दूसरे से जोड़ी हुई दो दो चूलें हों; निवास के सब तख्तों को इसी भांति से बनवाना।
17. প্রত্যেক তক্তার পরস্পর সংযুক্ত দুই দুই পায়া থাকিবে; এইরূপে আবাসের সকল তক্তা প্রস্তুত করিবে।
18. और निवास के लिये जो तख्ते तू बनवाएगा उन में से बीस तख्ते तो दक्खिन की ओर के लिये हों;
18. আবাসের নিমিত্তে তক্তা প্রস্তুত করিবে, দক্ষিণদিকে দক্ষিণ পার্শ্বের নিমিত্তে বিংশতি তক্তা।
19. और बीसों तख्तों के नीचे चांदी की चालीस कुर्सियां बनवाना, अर्थात् एक एक तख्ते के नीचे उसके चूलों के लिये दो दो कुर्सियां।
19. আর সেই বিংশতি তক্তার নীচে চল্লিশ রৌপ্যের চুঙ্গি গড়িয়া দিবে; এক তক্তার নীচে তাহার দুই পায়ার নিমিত্তে দুই চুঙ্গি, এবং অন্য অন্য তক্তার নীচেও তাহাদের দুই দুই পায়ার নিমিত্তে দুই দুই চুঙ্গি হইবে।
20. और निवास की दूसरी अलंग, अर्थात् उत्तर की ओर बीस तख्ते बनवाना।
20. আর আবাসের দ্বিতীয় পার্শ্বের নিমিত্তে উত্তরদিকে বিংশতি তক্তা;
21. और उनके लिये चांदी की चालीस कुर्सियां बनवाना, अर्थात् एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुर्सियां हों।
21. আর সেইগুলির জন্য রৌপ্যের চল্লিশ চুঙ্গি; এক তক্তার নীচে দুই চুঙ্গি ও অন্য অন্য তক্তার নীচেও দুই দুই চুঙ্গি;
22. और निवास की पिछली अलंग, अर्थात् एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुर्सियां हों।
22. আর আবাসের পশ্চিমদিকের পশ্চাদ্ভাগের নিমিত্তে ছয়খানি তক্তা করিবে।
23. और पिछले अलंग में निवास के कोनों के लिये दो तख्ते बनवाना;
23. আর আবাসের সেই পশ্চাদ্ভাগের দুই কোণের জন্য দুইখানি তক্তা করিবে।
24. और ये नीचे से दो दो भाग के हों और दोनों भाग ऊपर के सिरे तक एक एक कड़े में मिलाये जाएं; दोनों तख्तों का यही रूप हो; ये तो दोनों कोनों के लिये हों।
24. সেই দুই তক্তার নীচে যোড় হইবে, এবং সেইরূপ মাথাতেও প্রথম কড়ার নিকটে যোড় হইবে; এইরূপ উভয়েতেই হইবে; তাহা দুই কোণের নিমিত্ত হইবে।
25. और आठ तख्तें हों, और उनकी चांदी की सोलह कुर्सियां हों; अर्थात् एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुर्सियां हों।
25. তক্তা আটখানা হইবে, ও সেইগুলির রৌপ্যের চুঙ্গি ষোলটী হইবে; এক তক্তার নীচে দুই চুঙ্গি, ও অন্য তক্তার নীচে দুই চুঙ্গি থাকিবে।
26. फिर बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनवाना, अर्थात् निवास की एक अलंग के तख्तों के लिये पांच,
26. আর তুমি শিটীম কাষ্ঠের অর্গল প্রস্তুত করিবে,
27. और निवास की दूसरी अलंग के तख्तों के लिये पांच बेंडे, और निवास की जो अलंग पश्चिम की ओर पिछले भाग में होगी, उसके लिये पांच बेंड़े बनवाना।
27. আবাসের এক পার্শ্বের তক্তাতে পাঁচ অর্গল, ও আবাসের অন্য পার্শ্বের তক্তাতে পাঁচ অর্গল, এবং আবাসের পশ্চিমদিকের পশ্চাদ্ভাগের তক্তাতে পাঁচ অর্গল দিবে।
28. और बीचवाला बेंड़ा जो तख्तों के मध्य में होगा वह तम्बू के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचे।
28. এবং মধ্যবর্ত্তী অর্গল তক্তাগুলির মধ্যস্থান দিয়া এক প্রান্ত অবধি অন্য প্রান্ত পর্য্যন্ত যাইবে।
29. फिर तख्तों को सोने से मढ़वाना, और उनके कड़े जो बेंड़ों के घरों का काम देंगे उन्हें भी सोने के बनवाना; और बेड़ों को भी सोने से मढ़वाना।
29. আর ঐ তক্তাগুলি স্বর্ণে মুড়িবে, এবং অর্গলের ঘর হইবার জন্য স্বর্ণকড়া গড়িবে, এবং অর্গল সকল স্বর্ণ দিয়া মুড়িবে।
30. और निवास को इस रीति खड़ा करना जैसा इस पर्वत पर तुझे दिखाया गया है।।
30. আবাসের যে আদর্শ পর্ব্বতে তোমাকে দেখান গেল, তদনুসারে তাহা স্থাপন করিবে।
31. फिर नीले, बैजनी और लाल रंग के और बटी हुई सूक्ष्म सनीवाले कपड़े का एक बीचवाला पर्दा बनवाना; वह कढ़ाई के काम किये हुए करूबों के साथ बने।लूका 23:45, इब्रानियों 9:3, मत्ती 27:51
31. আর তুমি নীল, বেগুনে ও লাল এবং পাকান সাদা মসীনা সূত্র দ্বারা এক তিরস্করিণী প্রস্তুত করিবে; তাহা শিল্পকারের কর্ম্ম হইবে, তাহাতে করূবগণের আকৃতি থাকিবে।
32. और उसको सोने से मढ़े हुए बबूल के चार ख्म्भों पर लटकाना, इनकी अंकड़ियां सोने की हों, और ये चांदी की चार कुर्सियों पर खड़ी रहें।
32. তুমি তাহা স্বর্ণে মুড়ান শিটীম কাষ্ঠের চারি স্তম্ভের উপরে খাটাইবে; সেইগুলির আঁকড়া স্বর্ণময় হইবে, এবং সেইগুলি রৌপ্যের চারি চুঙ্গির উপরে বসিবে।
33. और बीचवाले पर्दे को अंकड़ियों के नीचे लटकाकर, उसकी आड़ में साक्षीपत्रा का सन्दूक भीतर लिवा ले जाना; सो वह बीचवाला पर्दा तुम्हारे लिये पवित्रास्थान को परमपवित्रास्थान से अलग किये रहे।
33. আর ঘুন্টি সকলের নীচে তিরস্করিণী খাটাইয়া দিবে, এবং তথায় তিরস্করিণীর ভিতরে সাক্ষ্যসিন্দুক আনিবে; এবং সেই তিরস্করিণী পবিত্র স্থানের ও অতি পবিত্র স্থানের মধ্যে তোমাদের জন্য প্রভেদ রাখিবে।
34. फिर परमपवित्रा स्थान में साक्षीपत्रा के सन्दूक के ऊपर प्रायश्चित्त के ढकने को रखना।
34. আর অতি পবিত্র স্থানে সাক্ষ্য-সিন্দুকের উপরে পাপাবরণ রাখিবে।
35. और उस पर्दे के बाहर निवास की उत्तर अलग मेज़ रखना; और उसकी दक्खिन अलंग मेज़ के साम्हने दीवट को रखना।
35. আর তিরস্করিণীর বাহিরে মেজ রাখিবে, ও মেজের সম্মুখে আবাসের পার্শ্বে, দক্ষিণদিকে দীপবৃক্ষ রাখিবে; এবং উত্তরদিকে মেজ রাখিবে।
36. फिर तम्बू के द्वार के लिये नीले, बैंजनी और लाल रंग के और बटी हुई सूक्ष्म सनीवाले कपड़े का कढ़ाई का काम किया हुआ एक पर्दा बनवाना।
36. আর তাম্বুর দ্বারের নিমিত্তে নীল, বেগুনে, লাল ও পাকান সাদা মসীনা সূত্রনির্ম্মিত শিল্পকারের কৃত এক পর্দ্দা প্রস্তুত করিবে।
37. और इस पर्दे के लिये बबूल के पांच खम्भे बनवाना, और उनको सोने से मढ़वाना; उनकी कडियां सोने की हो, और उनके लिये पीतल की पांच कुर्सियां ढलवा कर बनवाना।।
37. আর সেই পর্দ্দার নিমিত্তে শিটীম কাষ্ঠের পাঁচটী স্তম্ভ নির্ম্মাণ করিয়া স্বর্ণে মুড়িবে, ও স্বর্ণ দ্বারা তাহার আঁকড়া প্রস্তুত করিবে, এবং তাহার নিমিত্তে পিত্তলের পাঁচ চুঙ্গি ঢালিবে।