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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए!
1. I put my trust in You, O Jehovah, let me not be put to shame forever.
2. तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर!
2. In Your righteousness deliver me and rescue me; bow down Your ear to me and save me.
3. मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है।।
3. Be a rock of strength for me, to which I may always go; You have given a command to save me; for You are my rock and my fortress.
4. हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर।
4. O my God, deliver me out of the hand of the wicked, and out of the hand of the unjust and the ruthless.
5. क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है।
5. For You are my hope, O Lord Jehovah, my trust from my youth.
6. मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला; इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा।।
6. I have rested on You from the belly; You are He who took me out of my mother's womb; my praise shall be always of You.
7. मैं बहुतों के लिये चमत्कार बना हूं; परन्तु तू मेरा दृढ़ शरणस्थान है।
7. I am like a wonder to many, but You are my strong tower.
8. मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे।
8. My mouth is filled with Your praise, with your glory all the day long.
9. बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे।
9. Do not cast me off now at the time of my old age. Do not forsake me when my strength fails.
10. क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि
10. For my enemies speak against me; and those who lurk for my soul plot together.
11. परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है; उसका पीछा करके उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ानेवाला नहीं।।
11. And they say, God has forsaken him; pursue him and take him, for there is no one to deliver.
12. हे परमेश्वर, मुझ से दूर न रह; हे मेरे परमेश्वर, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
12. O God, do not be far from me; my God come quickly to help me.
13. जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए; जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएं।
13. Let them be ashamed; let those who are enemies of my soul be consumed; let them be covered with reproach, and let those seeking evil for me be dishonored;
14. मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा।
14. and I will hope without ceasing, and I will add more on all Your praise.
15. मैं अपने मुंह से तेरे धर्म का, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहूंगा, परन्तु उनका पूरा ब्योरा जाना भी नहीं जाता।
15. My mouth shall tell of Your righteousness and Your salvation all the day; for I do not know the numbers.
16. मैं प्रभु यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन करता हुआ आऊंगा, मैं केवल तेरे ही धर्म की चर्चा किया करूंगा।।
16. I will come in the strength of the Lord Jehovah; I will speak of Your righteousness, of Yours alone.
17. हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं।
17. O God, You have taught me from my youth; and until now I have declared Your wonders.
18. इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आनेवाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होनेवालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं।
18. And even when I am old and grayheaded, O God, do not leave me until I declare Your arm to this generation, Your power to everyone who is to come.
19. और हे परमेश्वर, तेरा धर्म अति महान है।। तू जिस ने महाकार्य किए हैं, हे परमेवर तेरे तुल्य कौन है?
19. And, Your righteousness, O God, is to the heights, You who have done great things. O God, who is like You,
20. तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
20. who has shown me great and evil distresses. You will turn me; You will make me live; and You will bring me up from the depths of the earth.
21. तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिरकर मुझे शान्ति देगा।।
21. You will multiply my greatness and surround and comfort me.
22. हे मेरे परमेश्वर, मैं भी तेरी सच्चाई को धन्यवाद सारंगी बजाकर गाऊंगा; हे इस्राएल के पवित्रा मैं वीणा बजाकर तेरा भजन गाऊंगा।
22. I will also thank You with a harp, O my God; I will sing Your truth; I will sing to You with the lyre, O Holy One of Israel.
23. जब मैं तेरा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने प्राण से भी जो तू ने बचा लिया है, जयजयकार करूंगा।
23. My lips shall shout for joy, for I will sing praise to You; also my soul which you have redeemed.
24. और मैं तेरे धर्म की चर्चा दिन भर करता रहूंगा; क्योंकि जो मेरी हानि के अभिलाषी थे, उनकी आशा टूट गई और मुंह काले हो गए हैं।।
24. And my tongue shall muse on Your righteousness all the day; because those seeking my evil are disgraced; they are put to shame.