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Cross Reference Bible
1. परमेश्वर उठे, उसके शत्रु तित्तर बितर हों; और उसके बैरी उसके साम्हने से भाग जाएं।
1. Unto the end, for them that shall be changed; for David.
2. जैसे धुआं उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग की आंच से पिघल जाता है, वैसे ही दुष्ट लोग परमेश्वर की उपस्थिति से नाश हों।
2. SAVE me, O God: for the waters are come in even unto my soul.
3. परन्तु धर्मी आनन्दित हों; वे परमेश्वर के साम्हने प्रफुल्लित हों; वे आनन्द से मगन हों!
3. I stick fast in the mire of the deep: and there is no sure standing. I am come into the depth of the sea: and a tempest hath overwhelmed me.
4. परमेश्वर का गीत गाओ, उसके नाम का भजन गाओ; जो निर्जल देशों में सवार होकर चलता है, उसके लिये सड़क बनाओ; उसका नाम याह है, इसलिये तुम उसके साम्हने प्रफुल्लित हो!
4. I have laboured with crying; my jaws are become hoarse: my eyes have failed, whilst I hope in my God.
5. परमेश्वर अपने पवित्रा धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है।
5. They are multiplied above the hairs of my head, who hate me without cause. My enemies are grown strong who have wrongfully persecuted me: then did I pay that which I took not away.
6. परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है; और बन्धुओं को छुड़ाकर भाग्यवान करता है; परन्तु हठीलों को सूखी भूमि पर रहना पड़ता है।।
6. O God, thou knowest my foolishness; and my offences are not hidden from thee:
7. हे परमेश्वर, जब तू अपनी प्रजा के आगे आगे चलता था, जब तू निर्जल भूमि में सेना समेत चला,
7. Let not them be ashamed for me, who look for thee, O Lord, the Lord of hosts. Let them not be confounded on my account, who seek thee, O God of Israel.
8. तब पृथ्वी कांप उठी, और आकाश भी परमेश्वर के साम्हने टपकने लगा, उधर सीनै पर्वत परमेश्वर, हां इस्राएल के परमेश्वर के साम्हने कांप उठा।इब्रानियों 12:26
8. Because for thy sake I have borne reproach; shame hath covered my face.
9. हे परमेश्वर, तू ने बहुत से वरदान बरसाए; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तू तू ने उसको हरा भरा किया है;
9. I am become a stranger to my brethren, and an alien to the sons of my mother.
10. तेरा झुण्ड उस में बसने लगा; हे परमेश्वर तू ने अपनी भलाई से दीन जन के लिये तैयारी की है।
10. For the zeal of thy house hath eaten me up: and the reproaches of them that reproached thee are fallen upon me.
11. प्रभु आज्ञा देता है, तब शुभ समाचार सुनानेवालियों की बड़ी सेना हो जाती है।
11. And I covered my soul in fasting: and it was made a reproach to me.
12. अपनी अपनी सेना समेत राजा भागे चले जाते हैं, और गृहस्थिन लूट को बांट लेती है।
12. And I made haircloth my garment: and I became a byword to them.
13. क्या तुम भेड़शालों के बीच लेट जाओगे? और ऐसी कबूतरी के समान होगे जिसके पंख चान्दी से और जिसके पर पीले सोने से मढ़े हुए हों?
13. They that sat in the gate spoke against me: and they that drank wine made me their song.
14. जब सर्वशक्तिमान ने उस में राजाओं को तित्तर बितर किया, तब मानो सल्मोन पर्वत पर हिम पड़ा।।
14. But as for me, my prayer is to thee, O Lord; for the time of thy good pleasure, O God. In the multitude of thy mercy hear me, in the truth of thy salvation.
15. बाशान का पहाड़ परमेश्वर का पहाड़ है; बाशान का पहाड़ बहुत शिखरवाला पहाड़ है।
15. Draw me out of the mire, that I may not stick fast: deliver me from them that hate me, and out of the deep waters.
16. परन्तु हे शिखरवाले पहाड़ों, तुम क्यों उस पर्वत को घूरते हो, जिसे परमेश्वर ने अपने वास के लिये चाहा है, और जहां यहोवा सदा वास किए रहेगा?
16. Let not the tempest of water drown me, nor the deep swallow me up: and let not the pit shut her mouth upon me.
17. परमेश्वर के रथ बीस हजार, वरन हजारों हजार हैं; प्रभु उनके बीच में है, जैसे वह सीनै पवित्रास्थान में है।
17. Hear me, O Lord, for thy mercy is kind; look upon me according to the multitude of thy tender mercies.
18. तू ऊंचे पर चढ़ा, तू लोगों को बन्धुवाई में ले गया; तू ने मनुष्यों से, वरन हठीले मनुष्यों से भी भेंटें लीं, जिस से याह परमेश्वर उन में वास करे।।इफिसियों 4:8-11
18. And turn not away thy face from thy servant: for I am in trouble, hear me speedily.
19. धन्य है प्रभु, जो प्रति दिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता ईश्वर है।
19. Attend to my soul, and deliver it: save me because of my enemies.
20. वही हमारे लिये बचानेवाला ईश्वर ठहरा; यहोवा प्रभु मृत्यु से भी बचाता है।।
20. Thou knowest my reproach, and my confusion, and my shame.
21. निश्चय परमेश्वर अपने शत्रुओं के सिर पर, और जो अधर्म के र्माग पर चलता रहता है, उसके बाल भरे चोंडें पर मार मार के उसे चूर करेगा।
21. In thy sight are all they that afflict me; my heart hath expected reproach and misery. And I looked for one that would grieve together with me, but there was none: and for one that would comfort me, and I found none.
22. प्रभु ने कहा है, कि मैं उन्हें बाशान से निकाल लाऊंगा, मैं उनको गहिरे सागर के तल से भी फेर ले आऊंगा,
22. And they gave me gall for my food, and in my thirst they gave me vinegar to drink.
23. कि तू अपने पांव को लोहू में डुबोए, और तेरे शत्रु तेरे कुत्तों का भाग ठहरें।।
23. Let their table become as a snare before them, and a recompense, and a stumblingblock.
24. हे परमशॆवर तेरी गति देखी गई, मेरे ईश्वर, मेरे राजा की गति पवित्रास्थान में दिखाई दी है;
24. Let their eyes be darkened that they see not; and their back bend thou down always.
25. गानेवाले आगे आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे पीछे गए, चारों ओर कुमारियां डफ बजाती थीं।
25. Pour out thy indignation upon them: and let thy wrathful anger take hold of them.
26. सभाओं में परमेश्वर का, हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, प्रभु का धन्यवाद करो।
26. Let their habitation be made desolate: and let there be none to dwell in their tabernacles.
27. वहां उनको अध्यक्ष छोटा बिन्यामीन है, वहां यहूदा के हाकिम अपने अनुचरों समेत हैं, वहां जबूलून और नप्ताली के भी हाकिम हैं।।
27. Because they have persecuted him whom thou hast smitten; and they have added to the grief of my wounds.
28. तेरे परमेश्वर ने आज्ञा दी, कि तुझे सामर्थ्य मिले; हे परमेश्वर जो कुछ तू ने हमारे लिये किया है, उसे दृढ़ कर।
28. Add thou iniquity upon their iniquity: and let them not come into thy justice.
29. तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, राजा तेरे लिये भेंट ले आएंगे।
29. Let them be blotted out of the book of the living; and with the just let them not be written.
30. नरकटों में रहनेवाले बनैले पशुओं को, सांड़ों के झुण्ड को और देश देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चान्दी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उनको उस ने तितर बितर किया है।
30. But I am poor and sorrowful: thy salvation, O God, hath set me up.
31. मि से रईस आएंगे; कूशी अपने हाथों को परमेश्वर की ओर फुर्ती से फैलाएंगे।।
31. I will praise the name of God with a canticle: and I will magnify him with praise.
32. हे पृथ्वी पर के राज्य राज्य के लोगों परमेश्वर का गीत गाओ; प्रभु का भजन गाओ,
32. And it shall please God better than a young calf, that bringeth forth horns and hoofs.
33. जो सब से ऊंचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।
33. Let the poor see and rejoice: seek ye God, and your soul shall live.
34. परमशॆवर की सामर्थ्य की स्तुति करो, उसका प्रताप इस्राएल पर छाया हुआ है, और उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है।
34. For the Lord hath heard the poor: and hath not despised his prisoners.
35. हे परमेश्वर, तू अपने पवित्रास्थानों में भययोग्य है, इस्राएल का ईश्वर ही अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देनेवाला है। परमेश्वर धन्य है।।2 थिस्सलुनीकियों 1:10
35. Let the heavens and the earth praise him; the sea, and every thing that creepeth therein.