Psalms - भजन संहिता 39 | View All

1. मैं ने कहा, मैं अपनी चालचलन में चौकसी करूंगा, ताकि मेरी जीभ से पाप न हो; जब तक दुष्ट मेरे साम्हने है, तब तक मैं लगाम लगाए अपना मुंह बन्द किए रहूंगा।
याकूब 1:26

1. For the choir director, for Jeduthun. A Psalm of David. I said, 'I will guard my ways That I may not sin with my tongue; I will guard my mouth as with a muzzle While the wicked are in my presence.'

2. मैं मौन धारण कर गूंगा बन गया, और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा; और मेरी पीड़ा बढ़ गई,

2. I was mute and silent, I refrained [even] from good, And my sorrow grew worse.

3. मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था। सोचते सोचते आग भड़क उठी; तब मैं अपनी जीभ से बोल उठा;

3. My heart was hot within me, While I was musing the fire burned; [Then] I spoke with my tongue:

4. हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं!

4. 'LORD, make me to know my end And what is the extent of my days; Let me know how transient I am.

5. देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं।

5. 'Behold, You have made my days [as] handbreadths, And my lifetime as nothing in Your sight; Surely every man at his best is a mere breath. Selah.

6. सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा!

6. 'Surely every man walks about as a phantom; Surely they make an uproar for nothing; He amasses [riches] and does not know who will gather them.

7. और अब हे प्रभु, मैं किस बात की बाट जोहूं? मेरी आशा तो तेरी ओर लगी है।

7. 'And now, Lord, for what do I wait? My hope is in You.

8. मुझे मेरे सब अपराधों के बन्धन से छुड़ा ले। मूढ़ मेरी निन्दा न करने पाए।

8. 'Deliver me from all my transgressions; Make me not the reproach of the foolish.

9. मैं गूंगा बन गया और मुंह न खोला; क्योंकि यह काम तू ही ने किया है।

9. 'I have become mute, I do not open my mouth, Because it is You who have done [it].

10. तू ने जो विपत्ति मुझ पर डाली है उसे मुझ से दूर कर दे, क्योंकि मैं तो तरे हाथ की मार से भस्म हुआ जाता हूं।

10. 'Remove Your plague from me; Because of the opposition of Your hand I am perishing.

11. जब तू मनुष्य को अधर्म के कारण दपट दपटकर ताड़ना देता है; तब तू उसकी सुन्दरता को पतिंगे की नाई नाश करता है; सचमुच सब मनुष्य वृथाभिमान करते हैं।।

11. 'With reproofs You chasten a man for iniquity; You consume as a moth what is precious to him; Surely every man is a mere breath. Selah.

12. हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, और मेरी दोहाई पर कान लगा; मेरा रोना सुनकर शांत न रह! क्योंकि मैं तेरे संग एक परदेशी यात्री की नाई रहता हूं, और अपने सब पुरखाओं के समान परदेशी हूं।
इब्रानियों 11:13, 1 पतरस 2:11

12. 'Hear my prayer, O LORD, and give ear to my cry; Do not be silent at my tears; For I am a stranger with You, A sojourner like all my fathers.

13. आह! इस से पहिले कि मैं यहां से चला जाऊं और न रह जाऊं, मुझे बचा ले जिस से मैं प्रदीप्त जीवन प्राप्त करूं!

13. 'Turn Your gaze away from me, that I may smile [again] Before I depart and am no more.'



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