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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर!
1. O LORD, don't rebuke me in your anger or discipline me in your rage!
2. क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं।
2. Your arrows have struck deep, and your blows are crushing me.
3. तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ भी चैन नहीं।
3. Because of your anger, my whole body is sick; my health is broken because of my sins.
4. क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ की नाई मेरे सहने से बाहर हो गए हैं।।
4. My guilt overwhelms me-- it is a burden too heavy to bear.
5. मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं।
5. My wounds fester and stink because of my foolish sins.
6. मैं बहुत दुखी हूं और झूक गया हूं; दिन भर मैं शौक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं।
6. I am bent over and racked with pain. All day long I walk around filled with grief.
7. क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं।
7. A raging fever burns within me, and my health is broken.
8. मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूं; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूं।।
8. I am exhausted and completely crushed. My groans come from an anguished heart.
9. हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं।
9. You know what I long for, Lord; you hear my every sigh.
10. मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आंखों की ज्योति भी मुझ से जाती रही।
10. My heart beats wildly, my strength fails, and I am going blind.
11. मेरे मित्रा और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए।।लूका 23:49
11. My loved ones and friends stay away, fearing my disease. Even my own family stands at a distance.
12. मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हाति के यत्न करनेवाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं।
12. Meanwhile, my enemies lay traps to kill me. Those who wish me harm make plans to ruin me. All day long they plan their treachery.
13. परन्तु मैं बहिरे की नाई सुनता ही नहीं, और मैं गूंगे के समान मूंह नहीं खोलता।
13. But I am deaf to all their threats. I am silent before them as one who cannot speak.
14. वरन मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूं जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुंह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती।।
14. I choose to hear nothing, and I make no reply.
15. परन्तु हे यहोवा, मैं ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा।
15. For I am waiting for you, O LORD. You must answer for me, O Lord my God.
16. क्योंकि मैं ने कहा, ऐसा न हो कि वे मुझ पर आनन्द करें; जो, जब मेरा पांव फिसल जाता है, तब मुझ पर अपनी बड़ाई मारते हैं।।
16. I prayed, 'Don't let my enemies gloat over me or rejoice at my downfall.'
17. क्योंकि मैं तो अब गिरने ही पर हूं, और मेरा शोक निरन्तर मेरे साम्हने है।
17. I am on the verge of collapse, facing constant pain.
18. इसलिये कि मैं तो अपने अधर्म को प्रगट करूंगा, और अपने पाप के कारण खेदित रहूंगा।
18. But I confess my sins; I am deeply sorry for what I have done.
19. परन्तु मेरे शत्रु फुर्तीले और सामर्थी हैं, और मेरे विरोधी बैरी बहुत हो गए हैं।
19. I have many aggressive enemies; they hate me without reason.
20. जो भलाई के बदले में बुराई करते हैं, वह भी मेरे भलाई के पीछे चलने के कारण मुझ से विरोध करते हैं।।
20. They repay me evil for good and oppose me for pursuing good.
21. हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे! हे मेरे परमेश्वर, मुझ से दूर न हो!
21. Do not abandon me, O LORD. Do not stand at a distance, my God.
22. हे यहोवा, हे मेरे उद्वारकर्त्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
22. Come quickly to help me, O Lord my savior. For Jeduthun, the choir director: A psalm of David.