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Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!
1. Happy those whose way is blameless, who walk by the teaching of the LORD.
2. क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
2. Happy those who observe God's decrees, who seek the LORD with all their heart.
3. फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।
3. They do no wrong; they walk in God's ways.
4. तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं।
4. You have given them the command to keep your precepts with care.
5. भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए!
5. May my ways be firm in the observance of your laws!
6. तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।
6. Then I will not be ashamed to ponder all your commands.
7. जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूंगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूंगा।
7. I will praise you with sincere heart as I study your just edicts.
8. मैं तेरी विधियों को मानूंगा: मुझे पूरी रीति से न तज!
8. I will keep your laws; do not leave me all alone.
9. जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।
9. How can the young walk without fault? Only by keeping your words.
10. मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
10. With all my heart I seek you; do not let me stray from your commands.
11. मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं।
11. In my heart I treasure your promise, that I may not sin against you.
12. हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!
12. Blessed are you, O LORD; teach me your laws.
13. तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।
13. With my lips I recite all the edicts you have spoken.
14. मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।
14. I find joy in the way of your decrees more than in all riches.
15. मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।
15. I will ponder your precepts and consider your paths.
16. मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।।
16. In your laws I take delight; I will never forget your word.
17. अपने दास का उपकार कर, कि मैं जीवित रहूं, और तेरे वचन पर चलता रहूं।
17. Be kind to your servant that I may live, that I may keep your word.
18. मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं।
18. Open my eyes to see clearly the wonders of your teachings.
19. मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूं; अपनी आज्ञाओं को मुझ से छिपाए न रख!
19. I am a sojourner in the land; do not hide your commands from me.
20. मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।
20. At all times my soul is stirred with longing for your edicts.
21. तू ने अभिमानियों को, जो शापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटके हुए हैं।
21. With a curse you rebuke the proud who stray from your commands.
22. मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूं।
22. Free me from disgrace and contempt, for I observe your decrees.
23. हाकिम भी बैठे हुए आपास में मेरे विरूद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।
23. Though princes meet and talk against me, your servant studies your laws.
24. तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं।।
24. Your decrees are my delight; they are my counselors.
25. मैं धूल में पड़ा हूं; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!
25. I lie prostrate in the dust; give me life in accord with your word.
26. मैं ने अपनी चालचलन का तुझ से वर्णन किया है और तू ने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियां सिखा!
26. I disclosed my ways and you answered me; teach me your laws.
27. अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आश्यर्चकर्मों पर ध्यान करूंगा।
27. Make me understand the way of your precepts; I will ponder your wondrous deeds.
28. मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भल!
28. I weep in bitter pain; in accord with your word to strengthen me.
29. मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और करूणा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।
29. Lead me from the way of deceit; favor me with your teaching.
30. मैं ने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूं।
30. The way of loyalty I have chosen; I have set your edicts before me.
31. मैं तेरी चितौनियों में लवलीन हूं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!
31. I cling to your decrees, LORD; do not let me come to shame.
32. जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओ के मार्ग में दौडूंगा।।2 कुरिन्थियों 6:11
32. I will run the way of your commands, for you open my docile heart.
33. हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा।
33. LORD, teach me the way of your laws; I shall observe them with care.
34. मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा।
34. Give me insight to observe your teaching, to keep it with all my heart.
35. अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूं।
35. Lead me in the path of your commands, for that is my delight.
36. मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।
36. Direct my heart toward your decrees and away from unjust gain.
37. मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।
37. Avert my eyes from what is worthless; by your way give me life.
38. तेरा वचन जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।
38. For your servant fulfill your promise made to those who fear you.
39. जिस नामधराई से मैं डरता हूं, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।
39. Turn away from me the taunts I dread, for your edicts bring good.
40. देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूं; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।
40. See how I long for your precepts; in your justice give me life.
41. हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;
41. Let your love come to me, LORD, salvation in accord with your promise.
42. तब मैं अपनी नामधराई करनेवालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
42. Let me answer my taunters with a word, for I trust in your word.
43. मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।
43. Do not take the word of truth from my mouth, for in your edicts is my hope.
44. तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;
44. I will keep your teachings always, for all time and forever.
45. और मैं चोड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
45. I will walk freely in an open space because I cherish your precepts.
46. और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;रोमियों 1:16
46. I will speak openly of your decrees without fear even before kings.
47. क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।
47. I delight in your commands, which I dearly love.
48. मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।।
48. I lift up my hands to your commands; I study your laws, which I love.
49. जो वचन तू ने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तू ने मुझे आशा दी है।
49. Remember your word to your servant by which you give me hope.
50. मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है।
50. This is my comfort in affliction, your promise that gives me life.
51. अभिमानियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।
51. Though the arrogant utterly scorn me, I do not turn from your teaching.
52. हे यहोवा, मैं ने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।
52. When I recite your edicts of old I am comforted, LORD.
53. जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं सन्ताप से जलता हूं।
53. Rage seizes me because of the wicked; they forsake your teaching.
54. जहां मैं परदेशी होकर रहता हूं, वहां तेरी विधियां, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।
54. Your laws become my songs wherever I make my home.
55. हे यहोवा, मैं ने रात को तेरा नाम स्मरण किया और तेरी व्यवस्था पर चला हूं।
55. Even at night I remember your name in observance of your teaching, LORD.
56. यह मुझ से इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था।।
56. This is my good fortune, for I have observed your precepts.
57. यहोवा मेरा भाग है; मैं ने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।
57. My portion is the LORD; I promise to keep your words.
58. मैं ने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिये अपने वचन के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर।
58. I entreat you with all my heart: have mercy on me in accord with your promise.
59. मैं ने अपनी चालचलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।
59. I have examined my ways and turned my steps to your decrees.
60. मैं ने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।
60. I am prompt, I do not hesitate in keeping your commands.
61. मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूं, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।
61. Though the snares of the wicked surround me, your teaching I do not forget.
62. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।
62. At midnight I rise to praise you because your edicts are just.
63. जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूं।
63. I am the friend of all who fear you, of all who keep your precepts.
64. हे यहोवा, तेरी करूणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियां सिखा!
64. The earth, LORD, is filled with your love; teach me your laws.
65. हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।
65. You have treated your servant well, according to your word, O LORD.
66. मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।
66. Teach me wisdom and knowledge, for in your commands I trust.
67. उस से पहिले कि मैं दु:खित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं।
67. Before I was afflicted I went astray, but now I hold to your promise.
68. तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा।
68. You are good and do what is good; teach me your laws.
69. अभिमानियों ने तो मेरे विरूद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा।
69. The arrogant smear me with lies, but I observe your precepts with all my heart.
70. उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं।
70. Their hearts are gross and fat; as for me, your teaching is my delight.
71. मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं।
71. It was good for me to be afflicted, in order to learn your laws.
72. तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है।।
72. Teaching from your lips is more precious to me than heaps of silver and gold.
73. तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं।
73. Your hands made me and fashioned me; give me insight to learn your commands.
74. तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैं ने तेरे वचन पर आशा लगाई है।
74. Those who fear you rejoice to see me, because I hope in your word.
75. हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है।
75. I know, LORD, that your edicts are just; though you afflict me, you are faithful.
76. मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है।
76. May your love comfort me in accord with your promise to your servant.
77. तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूंगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।
77. Show me compassion that I may live, for your teaching is my delight.
78. अभिमानियों की आशा टूटे, क्योंकि उन्हों ने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा।
78. Shame the proud for oppressing me unjustly, that I may study your precepts.
79. जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।
79. Let those who fear you turn to me, those who acknowledge your decrees.
80. मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े।।
80. May I be wholehearted toward your laws, that I may not be put to shame.
81. मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।
81. My soul longs for your salvation; I put my hope in your word.
82. मेरी आंखें तेरे वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गईं है; और मैं कहता हूं कि तू मुझे कब शान्ति देगा?
82. My eyes long to see your promise. When will you comfort me?
83. क्योंकि मैं धूएं में की कुप्पी के समान हो गया हूं, तौभी तेरी विधियों को नहीं भूला।
83. I am like a wineskin shriveled by smoke, but I have not forgotten your laws.
84. तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?
84. How long can your servant survive? When will your edict doom my foes?
85. अभिमानी जो तरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्हों ने मेरे लिये गड़हे खोदे हैं।
85. The arrogant have dug pits for me; defying your teaching.
86. तेरी सब आज्ञाएं विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!
86. All your commands are steadfast. Help me! I am pursued without cause.
87. वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैं ने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।
87. They have almost ended my life on earth, but I do not forsake your precepts.
88. अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूंगा।।
88. In your kindness give me life, to keep the decrees you have spoken.
89. हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
89. Your word, LORD, stands forever; it is firm as the heavens.
90. तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
90. Through all generations your truth endures; fixed to stand firm like the earth.
91. वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
91. By your edicts they stand firm to this day, for all things are your servants.
92. यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
92. Had your teaching not been my delight, I would have perished in my affliction.
93. मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
93. I will never forget your precepts; through them you give me life.
94. मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
94. I am yours; save me, for I cherish your precepts.
95. दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
95. The wicked hope to destroy me, but I pay heed to your decrees.
96. जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।।
96. I have seen the limits of all perfection, but your command is without bounds.
97. अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
97. How I love your teaching, Lord! I study it all day long.
98. तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
98. Your command makes me wiser than my foes, for it is always with me.
99. मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
99. I have more understanding than all my teachers, because I ponder your decrees.
100. मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
100. I have more insight than my elders, because I observe your precepts.
101. मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
101. I keep my steps from every evil path, that I may obey your word.
102. मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
102. From your edicts I do not turn, for you have taught them to me.
103. तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
103. How sweet to my tongue is your promise, sweeter than honey to my mouth!
104. तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।
104. Through your precepts I gain insight; therefore I hate all false ways.
105. तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।
105. Your word is a lamp for my feet, a light for my path.
106. मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्मपय नियमों के अनुसार चलूंगा।
106. I make a solemn vow to keep your just edicts.
107. मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।
107. I am very much afflicted, LORD; give me life in accord with your word.
108. हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जानकर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।
108. Accept my freely offered praise; LORD, teach me your decrees.
109. मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
109. My life is always at risk, but I do not forget your teaching.
110. दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
110. The wicked have set snares for me, but from your precepts I do not stray.
111. मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण है।
111. Your decrees are my heritage forever; they are the joy of my heart.
112. मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।
112. My heart is set on fulfilling your laws; they are my reward forever.
113. मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
113. I hate every hypocrite; your teaching I love.
114. तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
114. You are my refuge and shield; in your word I hope.
115. हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।
115. Depart from me, you wicked, that I may observe the commands of my God.
116. हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!
116. Sustain me by your promise that I may live; do not disappoint me in my hope.
117. मुझे थांभ रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!
117. Strengthen me that I may be safe, ever to contemplate your laws.
118. जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
118. You reject all who stray from your laws, for vain is their deceit.
119. तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों में प्रीति रखता हूं।
119. Like dross you regard all the wicked on earth; therefore I love your decrees.
120. तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं।।
120. My flesh shudders with dread of you; I hold your edicts in awe.
121. मैं ने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अन्धेर करनेवालों के हाथ में न छोड़।
121. I have fulfilled your just edict; do not abandon me to my oppressors.
122. अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अभिमानी मुझ पर अन्धेर न करने पांए।
122. Guarantee your servant's welfare; do not let the arrogant oppress me.
123. मेरी आंखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई हैं।
123. My eyes long to see your salvation and the justice of your promise.
124. अपने दास के संग अपनी करूणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियां मुझे सिखा।
124. Act with kindness toward your servant; teach me your laws.
125. मैं तेरा दास हूं, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूं।
125. I am your servant; give me discernment that I may know your decrees.
126. वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।
126. It is time for the LORD to act; they have disobeyed your teaching.
127. इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूं।
127. Truly I love your commands more than the finest gold.
128. इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।।
128. Thus I follow all your precepts; every wrong way I hate.
129. तेरी चितौनियां अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूं।
129. Wonderful are your decrees; therefore I observe them.
130. तेरी बातों के खुलने से प्राकाश होता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।
130. The revelation of your words sheds light, gives understanding to the simple.
131. मैं मुंह खोलकर हांफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।
131. I sigh with open mouth, yearning for your commands.
132. जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर।
132. Turn to me and be gracious, your edict for lovers of your name.
133. मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
133. Steady my feet in accord with your promise; do not let iniquity lead me.
134. मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा।
134. Free me from human oppression, that I may keep your precepts.
135. अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियां मुझे सिखा।
135. Let your face shine upon your servant; teach me your laws.
136. मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते।।
136. My eyes shed streams of tears because your teaching is not followed.
137. हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।प्रकाशितवाक्य 16:5-7, प्रकाशितवाक्य 19:2
137. You are righteous, LORD, and just are your edicts.
138. तू ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।
138. You have issued your decrees in justice and in surpassing faithfulness.
139. मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।
139. I am consumed with rage, because my foes forget your words.
140. तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है।
140. Your servant loves your promise; it has been proved by fire.
141. मैं छोटा और तुच्छ हूं, तौभी मैं तेरे उपदेशों को नही भूलता।
141. Though belittled and despised, I do not forget your precepts.
142. तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।
142. Your justice is forever right, your teaching forever true.
143. मैं संकट और सकेती में फंसा हूं, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूं।
143. Though distress and anguish come upon me, your commands are my delight.
144. तेरी चितौनियां सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूं।।
144. Your decrees are forever just; give me discernment that I may live.
145. मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूंगा।
145. I call with all my heart, O LORD; answer me that I may observe your laws.
146. मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूंगा।
146. I call to you to save me that I may keep your decrees.
147. मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।
147. I rise before dawn and cry out; I put my hope in your words.
148. मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं।
148. My eyes greet the night watches as I meditate on your promise.
149. अपनी करूणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीति के अनुसार मुझे जीवित कर।
149. Hear my voice in your love, O LORD; by your edict give me life.
150. जो दुष्टता में धुन लगाते हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।
150. Malicious persecutors draw near me; they are far from your teaching.
151. हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं।
151. You are near, O LORD; reliable are all your commands.
152. बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूं, कि तू ने उनकी नेव सदा के लिये डाली है।।
152. Long have I known from your decrees that you have established them forever.
153. मेरे दु:ख को देखकर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
153. Look at my affliction and rescue me, for I have not forgotten your teaching.
154. मेरा मुक मा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला।
154. Take up my cause and redeem me; for the sake of your promise give me life.
155. दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।
155. Salvation is far from sinners because they do not cherish your laws.
156. हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिये अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।
156. Your compassion is great, O LORD; in accord with your edicts give me life.
157. मेरा पीछा करनेवाले और मेरे सतानेवाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।
157. Though my persecutors and foes are many I do not turn from your decrees.
158. मैं विश्वासघातियों को देखकर उदास हुआ, क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।
158. I view the faithless with loathing, because they do not heed your promise.
159. देख, मैं तेरे नियमों से कैसी प्रीति रखता हूं! हे यहोवा, अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला।
159. See how I love your precepts, LORD; in your kindness give me life.
160. तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक एक धर्ममय नियम सदा काल तक अटल है।।
160. Your every word is enduring; all your just edicts are forever.
161. हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।यूहन्ना 15:25
161. Princes persecute me without reason, but my heart reveres only your word.
162. जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं।
162. I rejoice at your promise, as one who has found rich spoil.
163. झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
163. Falsehood I hate and abhor; your teaching I love.
164. तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बेर तेरी स्तुति करता हूं।
164. Seven times a day I praise you because your edicts are just.
165. तेरी व्यवस्था से प्रीति रखनेवालों को बड़ी शान्ति होती है; और उनको कुछ ठोकर नहीं लगती।1 यूहन्ना 2:10
165. Lovers of your teaching have much peace; for them there is no stumbling block.
166. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूं; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूं।
166. I look for your salvation, LORD, and I fulfill your commands.
167. मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूं, और उन से बहुत प्रीति रखता आया हूं।
167. I observe your decrees; I love them very much.
168. मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूं, क्योंकि मेरी सारी चालचलन तेरे सम्मुख प्रगट है।।
168. I observe your precepts and decrees; all my ways are before you.
169. हे यहोवा, मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!
169. Let my cry come before you, LORD; in keeping with your word give me discernment.
170. मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।
170. Let my prayer come before you; rescue me according to your promise.
171. मेरे मुंह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियां सिखाता है।
171. May my lips pour forth your praise, because you teach me your laws.
172. मैं तेरे वचन का गीत गाऊंगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएं धर्ममय हैं।
172. May my tongue sing of your promise, for all your commands are just.
173. तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों को अपनाया है।
173. Keep your hand ready to help me, for I have chosen your precepts.
174. हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूं, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।
174. I long for your salvation, LORD; your teaching is my delight.
175. मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूंगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।
175. Let me live to praise you; may your edicts give me help.
176. मैं खोई हुई भेड़ की नाईं भटका हूं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया।।
176. I have wandered like a lost sheep; seek out your servant, for I do not forget your commands.