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Cross Reference Bible
1. हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह! हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अत्यन्त महान है! तू विभव और ऐश्वर्य का वस्त्रा पहिने हुए है,
1. My soule blesse thou God: O God my Lord thou art become exceeding great, thou hast put on glory and maiestie.
2. जो उजियाले को चादर की नाई ओढ़े रहता है, और आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है,1 तीमुथियुस 6:16
2. Who is decked with light as it were with a garment: spreadyng out the heauens like a curtayne.
3. जो अपनी अटारियों की कड़ियां जल में धरता है, और मेघों को अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चलता है,
3. Who seeleth his vpper chaumbers with waters: and maketh the cloudes his charriot, and walketh vpon the wynges of the wynde.
4. जो पवनों को अपने दूत, और धधकती आग को अपने टहलुए बनाता है।।इब्रानियों 1:7
4. He maketh his angels spirites: and his ministers a flaming fire.
5. तू ने पृथ्वी को उसकी नीव पर स्थिर किया है, ताकि वह कभी न डगमगाए।
5. He hath layde the earth sure vpon her foundations: that it can neuer moue at any tyme.
6. तू ने उसको गहिरे सागर से ढांप दिया है जैसे वस्त्रा से; जल पहाड़ों के ऊपर ठहर गया।
6. Thou coueredst it with the deepe, lyke as with a garment: the waters stande vpon the hilles.
7. तेरी घुड़की से वह भाग गया; तेरे गरजने का शब्द सुनते ही, वह उतावली करके बह गया।
7. At thy rebuke they flee: at the noyse of thy thunder they bluster downe apace.
8. वह पहाड़ों पर चढ़ गया, और तराईयों के मार्ग से उस स्थान में उतर गया जिसे तू ने उसके लिये तैयार किया था।
8. The hilles mount aloft: and the valleys settle downe beneath vnto the place where thou hast layde a foundation for them.
9. तू ने एक सिवाना ठहराया जिसको वह नहीं लांघ सकता है, और न फिरकर स्थल को ढांप सकता है।।
9. Thou hast set them their boundes which they shall not passe: neither shall they returne agayne to couer the earth.
10. तू नालों में सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते हैं,
10. Who also causeth the springes which runne betweene the hilles: to flowe into the riuers.
11. उन से मैदान के सब जीव- जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं।
11. All beastes of the fielde drinke therof: and the wylde asses quench their thirst.
12. उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं।मत्ती 13:32
12. The foules of the ayre haue their habitation nigh vnto them: singing out of the midst of the bowes [of trees.]
13. तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है।।
13. He watereth the hilles from aboue: the earth is replenished with the fruite of thy workes.
14. तू पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्नादि उपजाता है, और इस रीति भूमि से वह भोजन- वस्तुएं उत्पन्न करता है,
14. He causeth grasse to growe for cattell: and hearbes for the vse of man.
15. और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।
15. That he may bryng foorth foode out of the earth: both wine that maketh glad the heart of man, and oyle to make hym haue a chearefull countenaunce, & also bread to strengthen mans heart.
16. यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात् लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं।
16. The trees of God be satisfied: euen the Cedars of Libanus which he hath planted.
17. उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है।
17. Wherin the birdes make their nestes: in the fyrre trees the storke buyldeth.
18. ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं।
18. The high hilles are a refuge for goates: and so are the stonie rockes for conies.
19. उस ने नियत समयों के लिये चन्द्रमा को बनाया है; सूर्य अपने अस्त होने का समय जानता है।
19. He hath made the moone for certayne seasons: and the sunne knoweth his goyng downe.
20. तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं।
20. Thou makest darknes and it is night: wherein all the beastes of the forrest do go abrode.
21. जवान सिंह अहेर के लिये गरजते हैं, और ईश्वर से अपना आहार मांगते हैं।
21. The Lions do roare after a pray: and in seeking their meate of God.
22. सूर्य उदय होते ही वे चले जाते हैं और अपनी मांदों में जा बैठते हैं।
22. When the sunne ariseth, they recoyle backe: and lay them downe to rest in their dennes.
23. तब मनुष्य अपने काम के लिये और सन्ध्या तक परिश्रम करने के लिये निकलता है।
23. Man goeth foorth to his worke: and to do his seruice vntyll the euening.
24. हे यहोवा तेरे काम अनगिनित हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है।
24. O God howe manyfolde are thy workes? thou hast made them al in wisdome, the earth is ful of thy ryches.
25. इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनित जलचरी जीव- जन्तु, क्या छोटे, क्या बड़े भरे पड़े हैं।
25. So is the sea it selfe large and wyde in compasse: wherein are thinges creeping innumerable, both small and great beastes.
26. उस में जहाज भी आते जाते हैं, और लिब्यातान भी जिसे तू ने वहां खेलने के लिये बनाया है।।
26. There go the shippes, and there is that Leuiathan: whom thou hast made to take his pastime therin.
27. इन सब को तेरा ही आसरा है, कि तू उनका आहार समय पर दिया करे।
27. These wayte all vpon thee: that thou mayest geue them meate in due season.
28. तू उन्हें देता हे, वे चुन लेते हैं; तू अपनी मुट्ठी खोलता है और वे उत्तम पदार्थों से तृप्त होते हैं।
28. When thou geuest it them, they gather it: and when thou openest thyne hand, they are filled with that which is good.
29. तू मुख फेर लेता है, और वे घबरा जाते हैं; तू उनकी सांस ले लेता है, और उनके प्राण छूट जाते हैं और मिट्टी में फिर मिल जाते हैं।
29. When thou hydest thy face, they are troubled: when thou takest away their spirite, they dye, and are turned agayne to their dust.
30. फिर तू अपनी ओर से सांस भेजता है, और वे सिरजे जाते हैं; और तू धरती को नया कर देता है।।
30. When thou sendest out thy spirite, they be recreated: and thou reuiuest the face of the earth.
31. यहोवा की महिमा सदा काल बनी रहे, यहोवा अपने कामों से आन्दित होवे!
31. The glorious maiestie of God shal endure for euer: God wyll reioyce in his workes.
32. उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी कांप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं निकलता है।
32. He beholdeth the earth, & it trembleth: he toucheth the hilles, and they smoke.
33. मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूंगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूंगा।
33. I wyll syng vnto God as long as I liue: I will sing psalmes vnto my Lord so long as I shall be.
34. मेरा ध्यान करना, उसको प्रिय लगे, क्योंकि मैं तो याहेवा के कारण आनन्दित रहूंगा।
34. My meditations of hym shalbe very pleasaunt: for all my ioy shalbe in God.
35. पापी लोग पृथ्वी पर से मिट जाएं, और दुष्ट लोग आगे को न रहें! हे मेरे मन यहोवा को धन्य कह! याह की स्तुति करो!प्रकाशितवाक्य 19:1-6
35. As for sinners they shalbe consumed out of the earth: and the vngodly shall come to an ende, blesse thou God O my soule, [and] prayse you the Lorde.