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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे!
1. Hear my prayer, O LORD; let my cry come to you.
2. मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूं, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले!
2. Do not hide your face from me in the day of my distress. Incline your ear to me; answer me speedily in the day when I call.
3. क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं।
3. For my days pass away like smoke, and my bones burn like a furnace.
4. मेरा मन झुलसी हुई घास की नाईं सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूं।याकूब 1:10-11
4. My heart is stricken and withered like grass; I am too wasted to eat my bread.
5. कहरते कहरते मेरा चमड़ा हडि्डयों में सट गया है।
5. Because of my loud groaning my bones cling to my skin.
6. मैं जंगल के धनेश के समान हो गया हूं, मैं उजड़े स्थानों के उल्लू के समान बन गया हूं।
6. I am like an owl of the wilderness, like a little owl of the waste places.
7. मैं पड़ा पड़ा जागता रहता हूं और गौरे के समान हो गया हूं जो छत के ऊपर अकेला बैठता है।
7. I lie awake; I am like a lonely bird on the housetop.
8. मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विराध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम लेकर शपथ खाते हैं।
8. All day long my enemies taunt me; those who deride me use my name for a curse.
9. क्योंकि मैं ने रोटी की नाईं राख खाईं और आंसू मिलाकर पानी पीता हूं।
9. For I eat ashes like bread, and mingle tears with my drink,
10. यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तू ने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है।
10. because of your indignation and anger; for you have lifted me up and thrown me aside.
11. मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास की नाईं सूख चला हूं।।याकूब 1:10-11
11. My days are like an evening shadow; I wither away like grass.
12. परन्तु हे यहोवा, तू सदैव विराजमान रहेगा; और जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, वह पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
12. But you, O LORD, are enthroned forever; your name endures to all generations.
13. तू उठकर सिरयोन पर दया करेगा; क्योंकि उस पर अनुग्रह करने का ठहराया हुअ समय आ पहुंचा है।
13. You will rise up and have compassion on Zion, for it is time to favor it; the appointed time has come.
14. क्योंकि तेरे दास उसके पत्थरों को चाहते हैं, और उसकी धूलि पर तरस खाते हैं।
14. For your servants hold its stones dear, and have pity on its dust.
15. इसलिये अन्यजातियां यहोवा के नाम का भय मानेंगी, और पृथ्वी के सब राजा तेरे प्रताप से डरेंगे।
15. The nations will fear the name of the LORD, and all the kings of the earth your glory.
16. क्योंकि यहोवा ने सिरयोन को फिर बसाया है, और वह अपनी महिमा के साथ दिखाई देता है;
16. For the LORD will build up Zion; he will appear in his glory.
17. वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता।
17. He will regard the prayer of the destitute, and will not despise their prayer.
18. यह बात आनेवाली पीढ़ी के लिये लिखी जाएगी, और एक जाति जो सिरजी जाएगी वही याह की स्तुति करेगी।
18. Let this be recorded for a generation to come, so that a people yet unborn may praise the LORD:
19. क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्रा स्थान से दृष्टि करके स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है,
19. that he looked down from his holy height, from heaven the LORD looked at the earth,
20. ताकि बन्धुओं का कराहना सुने, और घात होनवालों के बन्धन खोले;
20. to hear the groans of the prisoners, to set free those who were doomed to die;
21. और सिरयोन में यहोवा के नाम का वर्णन किया जाए, और यरूशलेम में उसकी स्तुति की जाए;
21. so that the name of the LORD may be declared in Zion, and his praise in Jerusalem,
22. यह उस समय होगा जब देश देश, और राज्य राज्य के लोग यहोवा की उपासना करने को इकट्ठे होंगे।।
22. when peoples gather together, and kingdoms, to worship the LORD.
23. उस ने मुझे जीवन यात्रा में दु:ख देकर, मेरे बल और आयु को घटाया।
23. He has broken my strength in midcourse; he has shortened my days.
24. मैं ने कहा, हे मेरे ईश्वर, मुझे आधी आयु में न उठा ले, मेरे वर्ष पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे!
24. O my God, I say, do not take me away at the mid-point of my life, you whose years endure throughout all generations.
25. आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है।इब्रानियों 1:10-12
25. Long ago you laid the foundation of the earth, and the heavens are the work of your hands.
26. वह तो नाश होगा, परन्तु तू बना रहेगा; और वह सब कपड़े के समान पुराना हो जाएगा। तू उसको वस्त्रा की नाई बदलेगा, और वह तो बदल जाएगा;इब्रानियों 1:10-12
26. They will perish, but you endure; they will all wear out like a garment. You change them like clothing, and they pass away;
27. परन्तु तू वहीं है, और तेरे वर्षों का अन्त नहीं होने का।
27. but you are the same, and your years have no end.
28. तेरे दासों की सन्तान बनी रहेगी; और उनका वंश तेरे साम्हने स्थिर रहेगा।।
28. The children of your servants shall live secure; their offspring shall be established in your presence.