26. इस कारण उन दिनों का नाम पूर शब्द से पूरीम रखा गया। इस चिट्ठी की सब बातों के कारण, और जो कुछ उन्हों ने इस विषय में देखा और जो कुछ उन पर बीता था, उसके कारण भी
26. And since that time these days are called Phurim, that is, of lots: because Phur, that is, the lot, was cast into the urn. And all things that were done, are contained in the volume of this epistle, that is, of this book: