28. तो तू स्वर्ग में से सुनना, और अपने दासों और अपनी प्रजा इस्राएल के पाप को क्षमा करना; तू जो उनको वह भला मार्ग दिखाता है जिस पर उन्हें चलना चाहिये, इसलिये अपने इस देश पर जिसे तू ने अपनी प्रजा का भाग करके दिया है, पानी बरसा देना।
28. And if ther be dearth in the land, or pestilence, corruption, or blasting of corne, grashoppers, or caterpillers, or that their enemies besiege them in the cities of their land, or whatsoeuer plage or sickenesse it be: