2 Chronicles - 2 इतिहास 28 | View All

1. जब आहाज राज्य करने लगा तब वह बीस वर्ष का था, और सोलह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और अपने मूलपुरूष दाऊद के समान काम नहीं किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था,

1. আহস বিংশতি বৎসর বয়সে রাজত্ব করিতে আরম্ভ করেন, এবং যিরূশালেমে ষোল বৎসর কাল রাজত্ব করেন; তিনি আপন পিতৃপুরুষ দায়ূদের ন্যায় সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যাহা ন্যায্য তাহা করিতেন না;

2. परन्तु वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, और बाल देवताओं की मूर्तियां ढलवाकर बनाई;

2. কিন্তু ইস্রায়েলের রাজাদের পথে চলিতেন, আর বাল দেবগণের উদ্দেশে ছাঁচে ঢালা প্রতিমা নির্ম্মাণ করাইলেন।

3. और हिन्नोम के बेटे की तराई में धूूप जलाया, और उन जातियों के घिनौने कामों के अनुसार जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाल दिया था, अपने लड़केबालों को आग में होम कर दिया।

3. আর তিনি হিন্নোমের পুত্রের উপত্যকাতে ধূপ জ্বালাইতেন, এবং সদাপ্রভুর ইস্রায়েল-সন্তানগণের সম্মুখ হইতে যে জাতিগণকে অধিকারচ্যুত করিয়াছিলেন, তাহাদের ঘৃণিত ক্রিয়ানুসারে তিনি আপন সন্তানদিগকে অগ্নিতে দগ্ধ করিলেন।

4. और ऊंचे स्थानों पर, और पहाड़ियों पर, और सब हरे वृक्षों के तले वह बलि चढ़ाया और धूम जलाया करता था।

4. আর তিনি নানা উচ্চস্থলীতে, নানা পাহাড়ের উপরে ও প্রত্যেক হরিৎপর্ণ বৃক্ষের তলে বলিদান করিতেন ও ধূপ জ্বালাইতেন।

5. इसलिये उसके परमेश्वर यहोवा ने उसको अरामियों के राजा के हाथ कर दिया, और वे उसको जीतकर, उसके बहुत से लोगों को बन्धुआ बनाके दमिश्क को ले गए। और वह इस्राएल के राजा के वश में कर दिया गया, जिस ने उसे बड़ी मार से मारा।

5. অতএব তাঁহার ঈশ্বর সদাপ্রভু তাঁহাকে অরামরাজের হস্তে সমর্পণ করিলেন, তাহাতে অরামীয়েরা তাঁহাকে পরাজয় করিল, এবং তাঁহার অনেক লোককে বন্দি করিয়া দম্মেশকে লইয়া গেল। আবার তিনি ইস্রায়েলের রাজার হস্তেও সমর্পিত হইলেন, ইনিও মহাসংহারে তাঁহাকে পরাজয় করিলেন।

6. और रमल्याह के पुत्रा पेकह ने, यहूदा में एक ही दिन में एक लाख बीस हजार लोगों को जो सब के सब वीर थे, घात किया, क्योंकि उन्हों ने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था।

6. কারণ রমলিয়ের পুত্র পেকহ যিহূদায় এক লক্ষ বিংশতি সহস্র বীর্য্যবান্‌ লোককে এক দিনে বধ করিলেন, যেহেতু তাহারা আপনাদের পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর সদাপ্রভুকে ত্যাগ করিয়াছিল।

7. और जिक्री नामक एक एप्रैमी वीर ने मासेयाह नामक एक राजपुत्रा को, और राजभवन के प्रधान अज्रीकाम को, और एलकाना को, जो राजा का मंत्री था, मार डाला।

7. আর সিখ্রি নামে এক জন ইফ্রয়িমীয় বিক্রমশালী লোক রাজার পুত্র মাসেয়কে, বাটীর অধ্যক্ষ অস্রীকামকে ও রাজার প্রধান অমাত্য ইল্কানাকে বধ করিল।

8. और इस्राएली अपने भाइयों में से त्रियों, बेटों और बेटियों को मिलाकर दो लाख लोगों को बन्धुआ बनाके, और उनकी बहुत लूट भी छीनकर शोमरोन की ओर ले चले।

8. আর ইস্রায়েল-সন্তানগণ আপনাদের ভ্রাতৃগণের স্ত্রী, পুত্র, কন্যা, দুই লক্ষ প্রাণীকে বন্দি করিয়া লইয়া গেল, এবং তাহাদের অনেক দ্রব্যও লুট করিল, আর সেই সকল লুটিত বস্তু শমরিয়াতে লইয়া গেল।

9. परन्तु वहां ओदेद नामक यहोवा का एक नबी था; वह शोमरोन को आनेवाली सेना से मिलकर उन से कहने लगा, सुनो, तुम्हारे पितरों के परमेश्वर यहोवा ने यहूदियों पर झुंझलाकर उनको तुम्हारे हाथ कर दिया है, और तुम ने उनको ऐसा क्रोध करके घात किया जिसकी चिल्लाहट स्वर्ग को पहुंच गई है।

9. কিন্তু তথায় ওদেদ নামে সদাপ্রভুর এক জন ভাববাদী ছিলেন; তিনি শমরিয়াতে প্রত্যাগত সৈন্যসামন্তের সহিত সাক্ষাৎ করিতে বাহির হইয়া তাহাদিগকে কহিলেন, দেখ, তোমাদের পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর সদাপ্রভু যিহূদার উপরে ক্রুদ্ধ হওয়াতে তোমাদের হস্তে তাহাদিগকে সমর্পণ করিয়াছেন, আর তোমরা গগনস্পর্শী ক্রোধাগ্নি দ্বারা তাহাদিগকে বধ করিয়াছ।

10. और अब तुम ने ठाना है कि यहूदियों और यरूशलेमियों को अपने दास- दासी बनाकर दबाए रखो। क्या तुम भी अपने परमेश्वर यहोवा के यहां दाषी नहीं हो?

10. আর এখন যিহূদার ও যিরূশালেমের লোকদিগকে আপনাদের দাস দাসী করিয়া বশে রাখিবার মানস করিতেছ; কিন্তু তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর বিরুদ্ধে তোমাদের নিজেরও কি দোষ নাই?

11. इसलिये अब मेरी सुनो और इन बन्धुओं को जिन्हें तुम अपने भाइयों में से बन्धुआ बनाके ले आए हो, लौटा दो, यहोवा का क्रोध तो तुम पर भड़का है।

11. অতএব এখন আমার কথা শুন; তোমরা আপনাদের ভ্রাতৃগণ হইতে যাহাদিগকে বন্দি করিয়া আনিয়াছ, তাহাদিগকে ফিরিয়া পাঠাইয়া দেও; কেননা সদাপ্রভুর প্রচণ্ড ক্রোধ তোমাদের উপরে রহিয়াছে।

12. तब एप्रैमियों के कितने मुख्य पुरूष अर्थात् योहानान का पुत्रा अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्रा बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्रा यहिजकिरयाह, और हदलै का पुत्रा अमासा, लड़ाई से आनेवालों का साम्हना करके, उन से कहने लगे।

12. তখন ইফ্রয়িম-সন্তানগণের মধ্যে কয়েক জন প্রধান লোক, অর্থাৎ যিহোহাননের পুত্র অসরিয়, মশিল্লেমোতের পুত্র বেরিখিয়, শল্লুমের পুত্র যিহিষ্কিয় ও হদ্‌লয়ের পুত্র অমাসা যুদ্ধযাত্রা হইতে প্রত্যাগত লোকদের বিপক্ষে উঠিলেন,

13. तुम इन बन्धुओं को यहां मत लाओ; क्योंकि तुम ने वह बात ठानी है जिसके कारण हम यहोवा के यहां दोषी हो जाएंगे, और उस से हमारा पाप और दोष बढ़ जाएगा, हमारा दोष तो बड़ा है और इस्राएल पर बहुत क्रोध भड़का है।

13. এবং তাহাদিগকে কহিলেন, তোমরা বন্দিদিগকে এ স্থানে আনিও না; কেননা আমাদের পাপ ও দোষ সকলের উপরে, তোমরা সদাপ্রভুর নিকটে আমাদিগকে [আরও] দোষগ্রস্ত করিতে মানস করিতেছ; আমাদের ত মহাদোষ হইয়াছে, ও ইস্রায়েলের উপরে সদাপ্রভুর প্রচণ্ড ক্রোধ রহিয়াছে।

14. तब उन हथियार बन्धों ने बन्धुओं और लूट को हाकिमों और सारी सभा के साम्हने छोड़ दिया।

14. তখন অস্ত্রধারী লোকেরা সেই বন্দিদিগকে ও লুঠিত বস্তু সকল অধ্যক্ষদের ও সমস্ত সমাজের সম্মুখে রাখিল।

15. तब जिन पुरूषों के नाम ऊपर लिखे हैं, उन्हों ने उठकर बन्धुओं को ले लिया, और लूट में से सब नंगे लोगों को कपड़े, और जूतियां पहिनाई; और खाना खिलाया, और पानी पिलाया, और तेल मला; और तब निर्बल लोगों को गदहों पर चढ़ाकर, यरीहो को जो खजूर का नगर कहलाता है, उनके भाइयों के पास पहुंचा दिया। तब वे शोमरोन को लौट आए।

15. পরে উপরি উক্ত নাম বিশিষ্ট পুরুষেরা উঠিয়া বন্দিদিগকে লইয়া লুটিত বস্তু দ্বারা, তাহাদের মধ্যে যাহারা উলঙ্গ ছিল, সকলকে পরিচ্ছন্ন করিলেন, তাহাদের গাত্রে বস্ত্র ও পায়ে পাদুকা দিলেন, তাহাদিগকে ভোজন পান করাইলেন, তাহাদের গাত্রে তৈল মর্দ্দন করাইলেন, এবং অসমর্থ সকলকে গর্দ্দভে চড়াইয়া খর্জ্জুরপুর যিরীহোতে তাহাদের ভ্রাতাদের নিকটে তাহাদিগকে লইয়া গেলেন; পরে আপনারা শমরিয়াতে ফিরিয়া গেলেন।

16. उस समय राजा आहाज ने अश्शूर के राजाओं के पास दूत भेजकर सहायता मांगी।

16. ঐ সময়ে আহস রাজা সাহায্য প্রার্থনা করিতে অশূর-রাজগণের নিকটে লোক পাঠাইলেন।

17. क्योंकि एदोमियों ने यहूदा में आकर उसको मारा, और बन्धुओं को ले गए थे।

17. কারণ ইদোমীয়েরা পুনর্ব্বার আসিয়া যিহূদাকে আঘাত করিয়া অনেক লোক বন্দি করিয়া লইয়া গিয়াছিল।

18. और पलिश्तयों ने नीचे के देश और यहूदा के दक्खिन देश के नगरों पर चढ़ाई करके, बेतशेमेश, अरयालोन और गदेरोत को, और अपने अपने गांवों समेत सोको, तिम्ना, और गिमजो को ले लिया; और उन में रहने लगे थे।

18. আর পলেষ্টীয়েরা নিম্নভূমির ও যিহূদার দক্ষিণাঞ্চলের নগর সকল আক্রমণ করিয়া বৈৎশেমশ, অয়ালোন, গদেরোৎ, সোখো ও তাহার উপনগরগুলি, তিম্না ও তাহার উপনগরগুলি, এবং গিম্‌সো ও তাহার উপনগরগুলি হস্তগত করিয়া সেই সকল স্থানে বসতি করিয়াছিল।

19. यों यहोवा ने इस्राएल के राजा आहाज के कारण यहूदा को दबा दिया, क्योंकि वह निरंकुश होकर चला, और यहोवा से बड़ा विश्वासघात किया।

19. কেননা ইস্রায়েল-রাজ আহসের জন্য সদাপ্রভু যিহূদাকে নত করিলেন, কারণ তিনি যিহূদায় স্বেচ্ছাচার এবং সদাপ্রভুর বিরুদ্ধে নিতান্তই সত্যলঙ্ঘন করিয়াছিলেন।

20. तब अश्शूर का राजा तिलगतपिलनेसेर उसके विरूद्ध आया, और उसको कष्ट दिया; दृढ़ नहीं किया।

20. আর অশূর-রাজ তিল্‌গৎ-পিল্‌নেষর তাঁহার নিকটে আসিলেন বটে, কিন্তু তাঁহার বলবৃদ্ধি না করিয়া তাঁহাকে ক্লেশ দিলেন।

21. आहाज ने तो यहोवा के भवन और राजभवन और हाकिमों के घरों में से धन निकालकर अश्शूर के राजा को दिया, परन्तु इससे उसकी कुछ सहायता न हुई।

21. বস্তুতঃ আহস সদাপ্রভুর গৃহের, রাজবাটীর ও অধ্যক্ষদের কতক ধন লইয়া অশূর-রাজকে দিলেও তাঁহার কিছু সাহায্য হইল না।

22. और क्लेश के समय राजा आहाज ने यहोवा से और भी विश्वासघात किया।

22. আর ক্লেশের সময়ে তিনি, সেই আহস রাজা, সদাপ্রভুর বিরুদ্ধে আরও সত্যলঙ্ঘন করিলেন।

23. और उस ने दमिश्क के देवताओं के लिये जिन्हों ने उसको मारा था, बलि चढ़ाया; क्योंकि उस ने यह सोचा, कि आरामी राजाओं के देवताओं ने उनकी यहायता की, तो मैं उनके लिये बलि चढ़ाऊंगा कि वे मेरी सहायता करें। परन्तु वे उसके और सारे इस्राएल के पतन का कारण हुए।

23. কারণ দম্মেশকের যে দেবগণ তাঁহাকে আঘাত করিয়াছিল, তিনি তাহাদের উদ্দেশে বলিদান করিলেন; আর কহিলেন, অরামীয় রাজাদের দেবগণই তাঁহাদের সাহায্য করেন, অতএব আমি তাঁহাদেরই উদ্দেশে বলিদান করিব, তাহাতে তাঁহারা আমারও সাহায্য করিবেন। কিন্তু তাহারাই তাঁহার ও সমস্ত ইস্রায়েলের বিনাশের কারণ হইল।

24. फिर आहाज ने परमेश्वर के भवन के पात्रा बटोरकर तुड़वा डाले, और यहोवा के भवन के द्वारों को बन्द कर दिया; और यरूशलेम के सब कोनों में वेदियां बनाई।

24. পরে আহস ঈশ্বরের গৃহের পাত্র সকল একত্র করিলেন, ঈশ্বরের গৃহের সেই সকল পাত্র কাটিয়া খণ্ড খণ্ড করিলেন, সদাপ্রভুর গৃহের কবাট সকল রুদ্ধ করিলেন, এবং যিরূশালেমের প্রত্যেক কোণে আপনার জন্য যজ্ঞবেদি নির্ম্মাণ করিলেন।

25. और यहूदा के एक एक नगर में उस ने पराये देवताओं को धूप जलाने के लिये ऊंचे स्थान बनाए, और अपने मितरों के परमेश्वर यहोवा को रिस दिलाई।

25. আর তিনি অন্য দেবগণের উদ্দেশে ধূপ-জ্বালাইবার নিমিত্ত যিহূদার প্রত্যেক নগরে উচ্চস্থলী নির্ম্মাণ করিলেন; এইরূপে তিনি আপন পিতৃপুরুষদের ঈশ্বর সদাপ্রভুকে অসন্তুষ্ট করিলেন।

26. और उसके और कामों, और आदि से अन्त तक उसकी पूरी चाल चलन का वर्णन यहूदा और इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है।

26. তাঁহার অবশিষ্ট কর্ম্মের বৃত্তান্ত ও আদ্যোপান্ত সমস্ত চরিত্র, দেখ, যিহূদা ও ইস্রায়েলের রাজাদের ইতিহাস-পুস্তকে লিখিত আছে।

27. निदान आहाज अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको यरूशलेम नगर में मिट्टी दी गई, परन्तु वह इस्राएल के राजाओं के कब्रिस्तान में पहुंचाया न गया। और उसका पुत्रा हिजकिरयाह उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

27. পরে আহস আপন পিতৃলোকদের সহিত নিদ্রাগত হইলেন, আর লোকেরা তাঁহাকে নগরে অর্থাৎ যিরূশালেমে কবর দিল, ইস্রায়েল-রাজগণের কবরে লইয়া যায় নাই; পরে তাঁহার পুত্র হিষ্কিয় তাঁহার পদে রাজা হইলেন।



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