15. तब जिन पुरूषों के नाम ऊपर लिखे हैं, उन्हों ने उठकर बन्धुओं को ले लिया, और लूट में से सब नंगे लोगों को कपड़े, और जूतियां पहिनाई; और खाना खिलाया, और पानी पिलाया, और तेल मला; और तब निर्बल लोगों को गदहों पर चढ़ाकर, यरीहो को जो खजूर का नगर कहलाता है, उनके भाइयों के पास पहुंचा दिया। तब वे शोमरोन को लौट आए।
15. পরে উপরি উক্ত নাম বিশিষ্ট পুরুষেরা উঠিয়া বন্দিদিগকে লইয়া লুটিত বস্তু দ্বারা, তাহাদের মধ্যে যাহারা উলঙ্গ ছিল, সকলকে পরিচ্ছন্ন করিলেন, তাহাদের গাত্রে বস্ত্র ও পায়ে পাদুকা দিলেন, তাহাদিগকে ভোজন পান করাইলেন, তাহাদের গাত্রে তৈল মর্দ্দন করাইলেন, এবং অসমর্থ সকলকে গর্দ্দভে চড়াইয়া খর্জ্জুরপুর যিরীহোতে তাহাদের ভ্রাতাদের নিকটে তাহাদিগকে লইয়া গেলেন; পরে আপনারা শমরিয়াতে ফিরিয়া গেলেন।