1 Chronicles - 1 इतिहास 19 | View All

1. इसके बाद अम्मोनियों का राजा नाहाश मर गया, और उसका पुत्रा उसके स्थान पर राजा हुआ।

1. তৎপরে অম্মোন-সন্তানদের রাজা নাহশ মরিলেন, ও তাঁহার পুত্র তাঁহার পদে রাজা হইলেন।

2. तब दाऊद ने यह सोचा, कि हानून के पिता नाहाश ने जो मुझ पर प्रीति दिखाई थी, इसलिये मैं भी उस पर प्रीति दिखाऊंगा। तब दाऊद ने उसके पिता के विषय शांति देने के लिये दूत भेजे। और दाऊद के कर्पचारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास उसे शांति देने को आए।

2. তখন দায়ূদ কহিলেন, আমি নাহশের পুত্র হানূনের প্রতি সদয় ব্যবহার করিব, কেননা তাঁহার পিতা আমার প্রতি সদয় ব্যবহার করিয়াছিলেন। পরে দায়ূদ তাঁহাকে পিতৃশোকে সান্ত্বনা দিবার জন্য দূতগণকে প্রেরণ করিলেন। আর দায়ূদের দাসগণ হানূনকে সান্ত্বনা দিবার জন্য অম্মোন-সন্তানদের দেশে তাঁহার কাছে উপস্থিত হইল।

3. परन्तु अम्मोनियों के हाकिम हानून से कहने लगे, दाऊद ने जो तेरे पास शांति देनेवाले भेजे हैं, वह क्या तेरी समझ में तेरे पिता का आदर करने की मनसा से भेजे हैं? क्या उसके कर्मचारी इसी मनसा से तेरे पास नहीं आए, कि ढूंढ़- ढांढ़ करें और नष्ट करें, और देश का भेद लें?

3. কিন্তু অম্মোন-সন্তানদের অধ্যক্ষগণ হানূনকে কহিলেন, আপনি কি মনে করিতেছেন যে, দায়ূদ আপনার পিতার সম্মান করে বলিয়া আপনার নিকটে সান্ত্বনাকারীগণকে পাঠাইয়াছে? তাহার দাসগণ কি সন্ধান লইবার এবং লণ্ডভণ্ড করিবার ও দেশ নিরীক্ষণ করিবার জন্য আপনার নিকটে আইসে নাই?

4. तब हानून ने दाऊद के कर्मचारियों को पकड़ा, और उनके बाल मुड़वाए, और आधे वस्त्रा अर्थात् नितम्ब तक कटवाकर उनको जाने दिया।

4. তখন হানূন দায়ূদের দাসগণকে ধরিয়া তাহাদিগকে ক্ষৌরি করাইয়া দিলেন, ও বস্ত্রের অর্দ্ধেক অর্থাৎ নিতম্ব দেশ পর্য্যন্ত কাটিয়া তাহাদিগকে বিদায় করিলেন।

5. तब कितनों ने जाकर दाऊद को बता दिया, कि उन पुरूषों के साथ कैसा बर्ताव किया गया, सो उस ने लोगों को उन से मिलने के लिये भेजा क्योंकि वे पुरूष बहुत लजाते थे। और राजा ने कहा, जब तक तुम्हारी दाढ़ियां बढ़ न जाएं, तब तक यरीहो में ठहरे रहो, और बाद को लौट आना।

5. পরে কোন লোক গিয়া সেই ব্যক্তিদের বৃত্তান্ত দায়ূদকে জ্ঞাত করিল। আর তিনি তাহাদের সহিত সাক্ষাৎ করিতে লোক পাঠাইলেন; কেননা তাহারা অতিশয় লজ্জিত হইয়াছিল। রাজা বলিয়া পাঠাইলেন, যাবৎ তোমাদের দাড়ি না উঠে, তাবৎ তোমরা যিরীহোতে থাক, তৎপরে ফিরিয়া আসিও।

6. जब अम्मोनियों ने देखा, कि हम दाऊद को घिनौने लगते हैं, तब हानून और अम्मोनियों ने एक हजार किक्कार चांदी, अरम्नहरैम और अरम्माका और सोबा को भेजी, कि रथ और सवार किराये पर बुलाएं।

6. অম্মোন-সন্তানগণ যখন দেখিতে পাইল যে, তাহারা দায়ূদের কাছে আপনাদিগকে ঘৃণার পাত্র করিয়াছে, তখন হানূন ও অম্মোন-সন্তানগণ অরাম-নহরয়িম, অরাম-মাখা ও সোবা হইতে রথ ও অশ্বারোহীদিগকে বেতন দিয়া আনিবার জন্য এক সহস্র তালন্ত রৌপ্য পাঠাইল।

7. सो उन्हों ने बत्तीस हजार रथ, और माका के राजा और उसकी सेना को किराये पर बुलाया, और इन्हों ने आकर मेदबा के साम्हने, अपने डेरे खड़े किए। और अम्मोनी अपने अपने नगर में से इकट्ठे होकर लड़ने को आए।

7. আর বত্রিশ সহস্র রথ ও মাখার রাজাকে এবং তাঁহার লোকদিগকে বেতন দিয়া আনাইল; তাহারা আসিয়া মেদবার সম্মুখে শিবির স্থাপন করিল; এবং অম্মোন-সন্তানগণও আপন আপন নগর হইতে একত্র হইয়া যুদ্ধে আসিল।

8. यह सुनकर दाऊद ने योआब और शूरवीरों की पूरी सेना को भेजा।

8. তখন এই সংবাদ পাইয়া দায়ূদ যোয়াবকে ও বিক্রমশালী সমস্ত সৈন্যকে প্রেরণ করিলেন।

9. तब अम्मोनी निकले और नगर के फाटक के पास पांति बान्धी, और जो राजा आए थे, वे उन से अलग मैदान में थे।

9. অম্মোন-সন্তানগণ বাহিরে আসিয়া নগরের প্রবেশ-স্থানে যুদ্ধার্থে সৈন্য রচনা করিল, এবং সমাগত রাজারা মাঠে স্বতন্ত্র থাকিলেন।

10. यह देखकर कि आगे पीछे दोनों ओर हमारे विरूद्ध पांति बन्धी हैं, योआब ने सब बड़े बड़े इस्राएली वीरों में से किततों को छांटकर अरामियों के साम्हने उनकी पांति बन्धाई;

10. এইরূপে সম্মুখে ও পশ্চাতে দুই দিকেই তাঁহার বিরুদ্ধে যুদ্ধ হইবে দেখিয়া যোয়াব ইস্রায়েলের সমস্ত মনোনীত লোকের মধ্য হইতে লোক বাছিয়া লইয়া অরামীয়দের সম্মুখে সৈন্য রচনা করিলেন।

11. और शेष लोगों को अपने भाई अबीशै के हाथ सौंप दिया, और उन्हों ने अम्मोनियों के साम्हने पांति बान्धी।

11. আর অবশিষ্ট লোকদিগকে তিনি আপন ভ্রাতা অবীশয়ের হস্তে সমর্পণ করিলেন; তাহাতে তাহারা অম্মোন-সন্তানদের সম্মুখে সৈন্য রচনা করিল।

12. और उस ने कहा, यदि अरामी मुझ पर प्रबल होने लगें, तो तू मेरी सहायता करना; और यदि अम्मोनी तुझ पर प्रबल होने लगें, तो मैं तेरी सहायता करूंगा।

12. আর তিনি কহিলেন, যদি অরামীয়েরা আমা অপেক্ষা বলবান হয়, তবে তুমি আমার সাহায্য করিবে; আর যদি অম্মোন-সন্তানগণ তোমা অপেক্ষা বলবান হয়, তবে আমি তোমার সাহায্য করিব।

13. तू हियाब बान्ध और हम सब अपने लोगों और अपने परमेश्वर के नगरों के निमित्त पुरूषार्थ करें; और यहोवा जैसा उसको अच्छा लगे, वैसा ही करेगा।

13. সাহস কর, আইস, আমাদের জাতির জন্য ও আমাদের ঈশ্বরের নগর সকলের জন্য আমরা আপনাদিগকে বলবান করি; আর সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যাহা ভাল, তিনি তাহাই করুন।

14. तब योआब और जो लोग उसके साथ थे, अरामियों से युठ्ठ करने को उनके साम्हने गए, और वे उसके साम्हने से भागे।

14. পরে যোয়াব ও তাঁহার সঙ্গী লোকেরা যুদ্ধার্থে অরামীয়দের সম্মুখীন হইলে তাহারা তাঁহার সম্মুখ হইতে পলায়ন করিল।

15. यह देखकर कि अरामी भाग गए हैं, अम्मोनी भी उसके भाई अबीशै के साम्हने से भागकर नगर के भीतर घुसे। तब योआब यरूशलेम को लौट आया।

15. আর অরামীয়েরা পলায়ন করিয়াছে দেখিয়া অম্মোন-সন্তানগণও তাঁহার ভ্রাতা অবীশয়ের সম্মুখ হইতে পলাইয়া নগরে প্রবেশ করিল। পরে যোয়াব যিরূশালেমে আসিলেন।

16. फिर यह देखकर कि वे इस्राएलियों से हार गए हैं अरामियों ने दूत भेजकर महानद के पार के अरामियों को बुलवाया, और हदरेजेर के सेनापति शोपक को अपना प्रधान बनाया।

16. অরামীয়েরা যখন দেখিতে পাইল যে, তাহারা ইস্রায়েলের সম্মুখে পরাজিত হইয়াছে, তখন দূত পাঠাইয়া [ফরাৎ] নদীর ওপারস্থ অরামীয়দিগকে বাহির করিয়া আনিল; হদরেষরের দলের সেনাপতি শোফক তাহাদের অগ্রণী ছিলেন।

17. इसका समाचार पाकर दाऊद ने सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया, और यरदन पार होकर उन पर चढ़ाई की और उनके विरूद्ध पांति बन्धाई, तब वे उस से लड़ने लगे।

17. পরে দায়ূদকে এই সংবাদ দেওয়া হইলে তিনি সমস্ত ইস্রায়েলকে একত্র করিলেন, এবং যর্দ্দন পার হইয়া তাহাদের নিকটে উপস্থিত হইলেন, ও তাহাদের বিরুদ্ধে সৈন্য রচনা করিলেন; আর দায়ূদ অরামীয়দের বিরুদ্ধে সৈন্য রচনা করিলে তাহারা তাঁহার সহিত যুদ্ধ করিল।

18. परन्तु अरामी इस्राएलियों से भागे, और दाऊद ने उन में से सात हजार रथियों और चालीस हजार प्यादों को मार डाला, और शोपक सेनापति को भी मार डाला।

18. আর অরামীয়েরা ইস্রায়েলের সম্মুখ হইতে পলায়ন করিল; আর দায়ূদ অরামীয়দের সাত সহস্র রথারোহী ও চল্লিশ সহস্র পদাতিক সৈন্য বধ করিলেন, এবং দলের সেনাপতি শোফককে বধ করিলেন।

19. यह देखकर कि वे इस्राएलियों से हार गए हैं, हदरेजेर के कर्मचारियों ने दाऊद से संधि की और उसके अधीन हो गए; और अरामियों ने अम्मोनियों की सहायता फिर करनी न चाही।

19. পরে হদরেষরের দাসগণ যখন দেখিল, তাহারা ইস্রায়েলের সম্মুখে পরাজিত হইয়াছে, তখন দায়ূদের সহিত সন্ধি করিয়া তাঁহার দাস হইল; এবং অরামীয়েরা আর অম্মোন-সন্তানগণের সাহায্য করিতে সম্মত হইল না।



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