1 Chronicles - 1 इतिहास 17 | View All

1. जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, देख, मैं तो देवदारू के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।
प्रेरितों के काम 7:45-46

1. It fortuned wha Dauid dwelt in his house, he sayde vnto ye prophet Nathan: Beholde, I dwell in a house of Ceder, and the Arke of the couenaunt of the LORDE is amonge the curtaynes.

2. नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर, क्योंकि परमेश्वर तेरे संग है।

2. Nathan saide vnto Dauid: What so euer is in thine hert, that do: for God is with ye.

3. उसी दिन रात को परमेश्वर का यह वचन नातान के पास पहुंचा, जाकर मेरे दास दाऊद से कह,

3. But the same night came ye worde of God vnto Nathan, and sayde:

4. यहोवा यों कहता है, कि मेरे निवास के लिये तू घर बनवाने न पाएगा।

4. Go and speake to Dauid my seruaunt: Thus sayeth the LORDE: Thou shalt not buylde me an house to be an habitacio:

5. क्योंकि जिस दिन से मैं इस्राएलियों को मिस्र से ले आया, आज के दिन तक मैं कभी घर में नहीं रहा; परन्तु एक तम्बू से दूसरे तम्बू को ओर एक निवास से दूसरे निवास को आया जाया करता हूँ।

5. for I haue dwelt in no house sence the daye that I broughte forth the children of Israel, vnto this daye: But where the Tabernacle and habitacion hath bene, there haue I bene where so euer

6. जहां जहां मैं ने सब इस्राएलियों के बीच आना जाना किया, क्या मैं ने इस्राएल के न्यायियों में से जिनको मैं ने अपनी प्रजा की चरवाही करने को ठहराया था, किसी से ऐसी बात कभी कहीं, कि तुम लोगों ने मेरे लिये देवदारू का घर क्यों नहीं बनवाया?

6. I haue walked in all Israel. Spake I euer to eny of the Iudges in Israel (whom I commaunded to kepe my people) and sayde: Wherfore do ye not buylde me an house of Cedre tymber?

7. सो अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तो तुझ को भेड़शाला से और भेड़- बारियों के पीछे पीछे फिरने से इस मनसा से बुला लिया, कि तू मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान हो जाए;

7. So shalt thou speake now vnto my seruaunt Dauid: Thus sayeth the LORDE Zebaoth: I toke the from the pasture behynde the shepe, that thou shuldest be the prynce ouer my people,

8. और जहां कहीं तू आया और गया, वहां मैं तेरे संग रहा, और तेरे सब शत्रुओं को तेरे साम्हने से नष्ट किया है। अब मैं तेरे नाम को पृथ्वी के बड़े बड़े लोगों के नामो के समान बड़ा कर दूंगा।

8. and haue bene with the whither so euer thou wetest, and haue roted out all thine enemies before the, and haue made the a name, acordinge to the name of the greate men that are vpo earth.

10. उस समय भी जब मैं अपनी प्रजा इस्राएल के ऊपर न्यायी ठहराता था; सो मैं तेरे सब शत्रुओं को दबा दूंगा। फिर मैं तुझे यह भी बताता हूँ, कि यहोवा तेरा घर बनाये रखेगा।

10. like as afore tyme, whan I comaunded the Iudges ouer my people of Israel. And I wyl subdue all thine enemies, and do declare vnto the, that the LORDE wyl buylde the an house.

11. जब तेरी आयु पूरी हो जायेगी और तुझे अपने पितरों के संग जाना पड़ेगा, तब मैं तेरे बाद तेरे वंश को जो तेरे पुत्रों में से होगा, खड़ा करके उसके राज्य को स्थिर करूंगा।
मत्ती 1:1+

11. But whan thy dayes are fulfilled, that thou departest hence with yi fathers, I wyl after the rayse vp yi sede, which shall be eue one of thy sonnes: his kyngdome wyl I stabli?she,

12. मेरे लिए एक घर वही बनाएगा, और मैं उसकी राजगद्दी को सदैव स्थिर रखूंगा।

12. he shal buylde me an house, & I wyl make his seate sure for euer.

13. मैं उसका पिता ठहरूंगा और वह मेरा पुत्रा ठहरेगा; और जैसे मैं ने अपनी करूणा उस पर से जो तुझ से पहिले था हटाई, वैसे मैं उस पर से न हटाऊंगा,
इब्रानियों 1:5

13. I wyl be his father, and he shal be my sonne. And I wyl not withdrawe my mercy from him, as I haue withdrawen it fro him that was before the:

14. वरन मैं उसको अपने घर और अपने राज्य में सदैव स्थिर यखूंगा और उसकी राजगद्दी सदैव अटल रहेगी।

14. But I wyll set him in my house and in my kyngdome for euer, so that his seate shalbe sure for euermore.

15. इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।

15. And wha Nathan had spoken vnto Dauid acordinge to all these wordes & all this vision,

16. तब दाऊद राजा भीतर जाकर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, हे यहोवा परमेश्वर ! मैं क्या हूँ? और मेरा घराना क्या है? कि तू ने मुझे यहां तक पहुंचाया है?

16. kynge Dauid came and sat him downe before the LORDE, and sayde: O LORDE God, who am I? and what is my house, yt thou hast broughte me thus farre?

17. और हे परमेश्वर ! यह तेरी दृष्टि में छोटी सी बात हुई, क्योंकि तू ने अपने दास के घराने के विषय भविष्य के बहुत दिनों तक की चर्चा की है, और हे यहोवा परमेश्वर ! तू ने मुझे ऊंचे पद का मतुष्य सा जाना है।

17. And this (O God) hast thou thoughte yet to litle, but hast spoken of thy seruauntes house yet longe for to come. And thou LORDE God hast loked downe vpon me from aboue, euen as one man loketh vpon another.

18. जो महिमा तेरे दास पर दिखाई गई है, उसके विषय दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? तू तो अपने दास को जानता है।

18. What more shal Dauid saye vnto the, yt thou bryngest yi seruaunt to soch honoure? Thou knowest thy seruaunt

19. हे यहोवा ! तू ने अपने दास के निमित्त और अपने मन के अनुसार यह बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले।

19. O LORDE, for thy seruauntes sake and acordinge to thy hert hast thou done all these greate thinges, that thou mightest shewe all greate thinges vnto thy seruaunt.

20. हे यहोवा ! जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ और कोई परमेश्वर है।

20. LORDE, there is none lykel the, and there is no God but thou, of whom we haue herde with oure eares.

21. फिर तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? वह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है, उसे परमेश्वर ने जाकर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया, इसलिये कि तू बड़े और डरावने काम करके अपना नाम करे, और अपनी प्रजा के साम्हने से जो तू ने मिस्र से छुड़ा ली थी, जाति जाति के लोगों को निकाल दे।

21. And where is there a people vpon earth as thy people of Israel, where God wente to delyuer him a people, and to make him selfe a name thorow greate & terrible thinges, to cast out the Heythen before thy people, whom thou hast delyuered out of Egipte?

22. क्योंकि तू ने अपनी प्रजा इस्राएल को अपनी सदा की प्रजा होने के लिये ठहराया, और हे यहोवा ! तू आप उसका परमेश्वर ठहरा।

22. and ye people of Israel hast thou made yi people for euer, and thou LORDE art become their God.

23. इसलिये, अब हे यहोवा, तू ने जो वचन अपने दास के और उसके घराने के विषय दिया है, वह सदैव अटल रहे, और अपने वचन के अनुसार ही कर।

23. Now LORDE, let the worde be verified for euer, that thou hast spoken ouer thy seruaunt and ouer his house, & do as thou hast spoken:

24. और तेरा नाम सदैव अटल रहे, और यह कहकर तेरी बड़ाई सदा की जाए, कि सेनाओं का यहोवा इस्राएल का परमेश्वर है, वरन वह इस्राएल ही के लिये परमेश्वर है, और तेरा दास दाऊद का घराना तेरे साम्हने स्थिर रहे।

24. and let thy name endure and be magnified for euer, that it maye sayde: The LORDE Zebaoth, the God of Israel is the God in Israel, and that the house of thy seruaunt Dauid maye be stably?shed before the:

25. क्योंकि हे मेरे परमेश्वर, तू ने यह कहकर अपने दास पर प्रगट किया है कि मैं तेरा घर बनाए रखूंगा, इस कारण तेरे दास को तेरे सम्मुख प्रार्थना करने का हियाब हुआ है।

25. for thou LORDE hast opened the eare of yi seruaunt, that thou wilt buylde him an house. Therfore hath thy seruaunt founde (confydence) to make his prayer before the.

26. और अब हे यहोवा तू ही परमेश्वर है, और तू ने अपने दास को यह भलाई करने का वचन दिया है।

26. Now LORDE, thou art God, and hast promysed soch good vnto thy seruaunt.

27. और अब तू ने प्रसन्न होकर, अपने दास के घराने पर ऐसी आशीष दी है, कि वह तेरे सम्मुख सदैव बना रहे, क्योंकि हे यहोवा, तू आशीष दे चुका है, इसलिये वह सदैव आशीषित बना रहे।

27. Begynne now to blesse the house of thy seruaunt, that it maye be euermore before the: for loke what thou blessest (O LORDE) the same is blessed for euer.



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