2 Kings - 2 राजाओं 9 | View All

1. तब एलीशा भविष्यद्वक्ता ने भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से एक को बुलाकर उस से कहा, कमर बान्ध, और हाथ में तेल की यह कुप्पी लेकर गिलाद के रामोत को जा।
लूका 12:35

1. AND ELISHA the prophet called one of the sons of the prophets and said to him, Gird up your loins, take this flask of oil in your hand, and go to Ramoth-gilead.

2. और वहां पहूंचकर येहू को जो यहोशापात का पुत्रा और निमशी का पोता है, ढूंढ़ लेना; तब भीतर जा, उसकी खड़ा कराकर उसके भइयों से अलग एक भीतरी कोठरी में ले जाना।

2. When you arrive, look there for Jehu son of Jehoshaphat son of Nimshi; and go in and have him arise from among his brethren and lead him to an inner chamber.

3. तब तेल की यह कुप्पी लेकर तेल को उसके सिर पर यह कह कर डालना, यहोवा यों कहता है, कि मैं इस्राएल का राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ। तब द्वार खोलकर भागना, विलम्ह न करना।

3. Then take the cruse of oil and pour it on his head and say, Thus says the Lord: I have anointed you king over Israel. Then open the door and flee; do not tarry.

4. तब वह जवान भविष्यद्वक्ता गिलाद के रामोत को गया।

4. So the young man, the young prophet, went to Ramoth-gilead.

5. वहां पहुंचकर उस ने क्या देखा, कि सेनापति बैठे हए हैं; तब उस ने कहा, हे सेनापति, मुझे तुझ से कुछ कहना है। येहू ने पूछा, हम सभों में किस से ? उस ने कहा हे सेनापति, तुझी से !

5. And when he came, the captains of the army were sitting outside; and he said, I have a message for you, O captain. Jehu said, To which of us? And he said, To you, O captain.

6. तब वह उठकर घर में गया; और उस ने यह कहकर उसके सिर पर तेल डाला कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं अपनी प्रजा इस्राएल पर राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ।

6. And Jehu arose, and they went into the house. And the prophet poured the oil on Jehu's head and said to him, Thus says the Lord, the God of Israel: I have anointed you king over the people of the Lord, even over Israel.

7. तो तू अपने स्वामी अहाब के घराने को मार डालना, जिस से मुझे अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के वरन अपने सब दासों के खून का जो ईज़ेबेल ने बहाया, पलटा मिले।
प्रकाशितवाक्य 6:10, प्रकाशितवाक्य 19:2

7. You shall strike down the house of Ahab your master, that I may avenge the blood of My servants the prophets and of all the servants of the Lord [who have died] at the hands of Jezebel.

8. क्योंकि अहाब का समस्त घराना नाश हो जाएगा, और मैं अहाब के वंश के हर बक लड़के को और इस्राएल में के क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन, हर एक को नाश कर डालूंगा।

8. For the whole house of Ahab shall perish, and I will cut off from Ahab every male, bond or free, in Israel.

9. और मैं अहाब का घराना नबात के पुत्रा यारोबाम का सा, और अहिरयाह के पुत्रा बाशा का सा कर दूंगा।

9. I will make the house of Ahab like the house of Jeroboam son of Nebat and like the house of Baasha son of Ahijah. [I Kings 21:22.]

10. और ईज़ेबेल को यिज्रैल की भ्ूिम में कुत्ते खाएंगे, और उसको मिट्टी देनेवाला कोई न होगा। तब वह द्वार खोलकर भाग गया।

10. And the dogs shall eat Jezebel in the portion of Jezreel, and none shall bury her. And he opened the door and fled. [Fulfilled in II Kings 9:33-37.]

11. तब येहू अपने स्वामी के कर्मचारियों के पास निकल आया, और एक ने उस से पूछा, क्या कुशल है, वह बावला क्यों तेरे पास आया था? उस ने उन से कहा, तुम को मालूम होगा कि वह कौन है और उस से क्या बातचीत हुई।

11. When Jehu came out to the servants of his master, one said to him, Is all well? Why did this mad fellow come to you? And he said to them, You know that class of man and what he would say.

12. उन्हों ने कहा झूठ है, हमें बता दे। उस ने कहा, उस ने मुझ से कहा तो बहुत, परन्तु मतलब यह है कि यहोवा यों कहता है कि मैं इस्राएल का राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ।

12. And they said, That is false; tell us now. And he said, Thus and thus he spoke to me, saying, Thus says the Lord: I have anointed you king over Israel.

13. तब उन्हों ने झट अपना अपना वस्त्रा उतार कर उसके तीचे सीढ़ी ही पर बिछाया, और नरसिंगे फूंककर कहने लगे, येहू राजा है।
लूका 19:36

13. Then they hastily took every man his garment and put it [for a cushion] under Jehu on the top of the [outside] stairs, and blew with trumpets, saying, Jehu is king!

14. यों येहू जो निमशी का पोता और यहोशापात का पुत्रा था, उस ने योराम से राजद्रोह की गोष्ठी की। ( योराम तो सब इस्राएल समेत अराम के राजा हजाएल के कराण गिलाद के रामोत की रक्षा कर रहा था;

14. So Jehu son of Jehoshaphat, the son of Nimshi, conspired against Joram [to dethrone and slay him]. Now Joram was holding Ramoth-gilead, he and all Israel, against Hazael king of Syria,

15. परन्तु राजा योराम आप अपने घाव का जो अराम के राजा हजाएल से युठ्ठ करने के समय उसको अरामियों से लगे थे, उनका इलाज कराने के लिये यिज्रैल को लौठ गया था। ) तब येहू ने कहा, यदि तुम्हारा ऐसा मन हो, तो इस नगर में से कोई निकल कर यिज्रैल में सुनाने को न जाने पाए।

15. But King Joram had returned to be healed in Jezreel of the wounds which the Syrians had given him when he fought with Hazael king of Syria. And Jehu said, If this is your mind, let no one make his escape from the city [Ramoth-gilead] to go and tell it in Jezreel [the capital].

16. तब येहू रथ पर चढ़कर, यिज्रैल को चला जहां योराम पड़ा हुआ था; और यहूदा का राजा अहज्याह योराम के देखने को वहां आया था।

16. So Jehu rode in a chariot and went to Jezreel, for Joram lay there. And Ahaziah king of Judah had come down to see Joram.

17. यिज्रैल के गुम्मट पर, जो पहरूआ खड़ा था, उस ने येहू के संग आते हुए दल को देखकर कहा, मुझे एक दल दीखता है; योराम ने कहा, एक सवार को बुलाकर उन लोगों से मिलने को भेज और वह उन से पूछे, क्या कुशल है?

17. A watchman on the tower in Jezreel spied the company of Jehu as he came, and said, I see a company. And Joram said, Send a horseman to meet them and have him ask, Do you come in peace?

18. तब बक सवार उस से मिलने को गया, और उस से कहा, राजा पूछता है, क्या कुशल है? येहू ने कहा, कुशल से तेरा क्या काम? हटकर मेरे पीछे चल। तब पहरूए ने कहा, वह दूत उनके पास पहुंचा तो था, परन्तु लौटकर नहीं आया।

18. So one on horseback went to meet him and said, Thus says the king: Is it peace? And Jehu said, What have you to do with peace? Rein in behind me. And the watchman reported, The messenger came to them, but he does not return.

19. तब उसने दूसरा सवार भेजा, और उस ने उनके पास पहुंचकर कहा, राजा पूछता है, क्या कुशल है? येहू ने कहा, कुशल से तेरा क्या काम? हटकर मेरे पीछे चल।

19. Then Joram sent out a second man on horseback, who came to them and said, Thus says the king: Is it peace? Jehu replied, What have you to do with peace? Ride behind me.

20. तब पहरूए ने कहा, वह भी उनके पास पहुंचा तो था, परन्तु लौटकर नहीं आया। हांकना निमशी के पोते येहू का सा है; वह तो बौड़हे की नाई हांकता है।

20. And the watchman reported, He came to them, but does not return; also the driving is like the driving of Jehu son of Nimshi, for he drives furiously.

21. योराम ने कहा, मेरा रथ जुतवा। जब उसका रथ जुत गया, तब इस्राएल का राजा योराम और यहूदा का राजा अहज्याह, दोनो अपने अपने रथ पर चढ़कर निकल गए, और येहू से मिलने को बाहर जाकर यिज्रैल नाबोत की भूमि में उस से भेंट की।

21. Joram said, Make ready. When his chariot was made ready, Joram king of Israel and Ahaziah king of Judah went out, each in his chariot. Thus they went out to meet Jehu and met him in the field of Naboth the Jezreelite.

22. येहू को देखते ही योराम ने पूछा, हे येहू क्या कुशल है, येहू ने उत्तर दिया, जब तक तेरी माता ईज़ेबेल छिनालपन और टोना करती रहे, तब तक कुशल कहां?
प्रकाशितवाक्य 2:20, प्रकाशितवाक्य 9:21

22. When Joram saw Jehu, he said, Is it peace, Jehu? And he answered, How can peace exist as long as the fornications of your mother Jezebel and her witchcrafts are so many?

23. तब याराम रास फेर के, और अहज्याह से यह कहकर कि हे अहज्याह विश्वासघात है, भाग चल।

23. Then Joram reined about and fled, and he said to Ahaziah, Treachery, Ahaziah!

24. तब येहू ने धनुष को कान तक खींचकर योराम के पखौड़ों के बीच ऐसा तीर मारा, कि वह उसका हृदय फोड़कर निकल गया, और वह अपने रथ में झुककर गिर पड़ा।

24. But Jehu drew his bow with his full strength and shot Joram between his shoulders; and the arrow went out through his heart, and he sank down in his chariot.

25. तब येहू ने बिदकर नाम अपने एक सरदार से कहा, उसे उठाकर यिज्रैली नाबोत की भूमि में फेंक दे; स्मरण तो कर, कि जब मैं और तू, हम दोनो एक संग सवार होकर उसके पिता अहाब के पीछे पीछे चल रहे थे तब यहोवा ने उस से यह भरी वचन कहवाया था, कि यहोवा की यह वाणी है,

25. Then said Jehu to Bidkar his captain, Take [Joram] up and cast him in the plot of Naboth the Jezreelite's field; for remember how, when I and you rode together after Ahab his father, the Lord uttered this prophecy against him:

26. कि नाबोत और उसके पुत्रों का जो खून हुआ, उसे मैं ने देखा है, और यहोवा की यह वाण्एी है, कि मैं उसी भूमि में तुझे बदला दूंगा। तो अब यहोवा के उस वचन के अनुसार इसे उठाकर उसी भूमि में फेंक दे।

26. As surely as I saw yesterday the blood of Naboth and the blood of his sons, says the Lord, I will repay you on this plot of ground, says the Lord. Now therefore, take and cast Joram into the plot of ground [of Naboth], as the word of the Lord said. [I Kings 21:15-29.]

27. यह देखकर यहूदा का राजा अहज्याह बारी के भवन के मार्ग से भाग चला। और येहू ने उसका पीछा करके कहा, उसे भी रथ ही पर मारो; तो वह भी यिबलाम के पास की गूर की चढ़ाई पर मारा गया, और मगिद्दॊ तक भगकर मर गया।
प्रकाशितवाक्य 16:16

27. When Ahaziah king of Judah saw this, he fled by the way of the garden house. Jehu followed him and said, Smite him also in the chariot. And they did so at the ascent to Gur, which is by Ibleam. And [Ahaziah] fled to Megiddo and died there.

28. तब उसके कर्मचारियों ने उसे रथ पर यरूशलेम को पहुंचाकर दाऊदपुर में उसके पुरखाओं के बीच मिट्टी दी।

28. His servants took him in a chariot to Jerusalem, and buried him in his sepulcher with his fathers in the City of David.

29. अहज्याह तो अहाब के पुत्रा योराम के ग्यारहवें वर्ष में यहूदा पर राज्य करने लगा था।

29. In the eleventh year of Joram son of Ahab, Ahaziah's reign over Judah began.

30. जब येहू यिज्रैल को आया, तब ईज़ेबेल यह सुन अपनी आंखों में सुर्मा लगा, अपना सिर संवारकर, खिड़की में से झांकने लगी।

30. Now when Jehu came to Jezreel, Jezebel heard of it, and she painted her eyes and beautified her head and looked out of [an upper] window.

31. जब येहू फाटक में होकर आ रहा था तब उस ने कहा, हे अपने स्वामी के घात करने वाले जिम्री, क्या कुशल है?

31. And as Jehu entered in at the gate, she said, [Have you come in] peace, you Zimri, who slew his master? [I Kings 16:9, 10.]

32. तब उस ने खिड़की की ओर मुंह उठाकर पूछा, मेरी ओर कौन है? कौन? इस पर दो तीन खोजों ने उसकी ओर झांका।

32. Jehu lifted up his face to the window and said, Who is on my side? Who? And two or three eunuchs looked out at him.

33. तब उस ने कहा, उसे नीचे गिरा दो। सो उन्हों ने उसको नीचे गिरा दिया, और उसके लोहू के कुछ छींटे भीत पर और कुछ घोड़ों पर पड़े, और उन्हों ने उसको पांव से लताड़ दिया।

33. And he said, Throw her down! So they threw her down, and some of her blood splattered on the wall and on the horses, and he drove over her.

34. तब वह भीतर जाकर खाने पीने लगा; और कहा, जाओ उस स्रापित स्त्री को देख लो, और उसे मिट्टी दो; वह तो राजा की बेटी है।

34. When he came in, he ate and drank, and said, See now to this cursed woman and bury her, for she is a king's daughter.

35. जब वे उसे मिट्टी देने गए, तब उसकी खोपड़ी पांवों और हथेलियों को छोड़कर उसका और कुछ न पाया।

35. They went to bury her, but they found nothing left of her except the skull, feet, and palms of her hands.

36. सो उन्हों ने लौटकर उस से कह दिया; तब उस ने कहा, यह यहोवा का वह वचन है, जो उस ने अपने दास तिशबी एलिरयाह से कहलवाया था, कि ईज़ेबेल का मांस यिज्रैल की भूमि में कुत्तों से खाया जाएगा।

36. They came again and told Jehu. He said, This is the word of the Lord which He spoke by His servant Elijah the Tishbite, In the portion of Jezreel shall dogs eat the flesh of Jezebel. [I Kings 21:23.]

37. और ईज़ेबेल की लोथ यिज्रैल की भूमि पर खाद की नाई पड़ी रहेगी, यहां तक कि कोई न कहेगा, यह ईज़ेबेल है।

37. The corpse of Jezebel shall be like dung upon the face of the field in the portion of Jezreel, so that they shall not say, This is Jezebel.



Shortcut Links
2 राजाओं - 2 Kings : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |