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1. फिर अहीतोपेल ने अबशालोम से कहा, मुझे बारह हजार पुरूष छांटने दे, और मैं उठकर आज ही रात को दाऊद का पीछा करूंगा।
1. MOREOVER, AHITHOPHEL said to Absalom, Let me choose 12,000 men and I will set out and pursue David this night.
2. और जब वह थकित और निर्बल होगा, तब मैं उसे पकड़ूंगा, और डराऊंगा; और जितने लोग उसके साथ हैं सब भागेंगे। और मैं राजा ही को मारूंगा,
2. I will come upon him while he is exhausted and weak, and cause him to panic; all the people with him will flee. Then I will strike down the king alone.
3. और मैं सब लोगों को तेरे पास लौटा लाऊंगा; जिस मनुष्य का तू खोजी है उसके मिलने मे समस्त प्रजा का मिलना हो जाएगा, और समस्त प्रजा कुशल क्षेम से रहेगी।
3. I will bring back all the people to you. [The removal of] the man whom you seek is the assurance that all will return; and all the people will be at peace.
4. यह बात अबशालोम और सब इस्राएली पुरनियों को उचित मालूम पड़ी।
4. And what he said pleased Absalom well and all the elders of Israel.
5. फिर अबशालोम ने कहा, एरेकी हूशै को भी बुला ला, और जो वह कहेगा हम उसे भी सुनें।
5. Absalom said, Now call Hushai the Archite also, and let us hear what he says.
6. जब हूशै अबशालोम के पास आया, तब अबशालोम ने उस से कहा, अहीतोपेल ने तो इस प्रकार की बात कही है; क्या हम उसकी बात मानें कि नही? सदि नही, तो तू कह दे।
6. When Hushai came, Absalom said to him, Ahithophel has counseled thus. Shall we do what he says? If not, speak up.
7. हूशै ने अबशालोम से कहा, जो सम्मति अहीतोपेल ने इस बार दी वह अच्छी नहीं।
7. And Hushai said to Absalom, The counsel that Ahithophel has given is not good at this time.
8. फिर हूशै ने कहा, तू तो अपने पिता और उसके जनों को जानता है कि वे शूरवीर हैं, और बच्चा छीनी हुई रीछनी के समान फ्रोधित होंगे। और तेरा पिता योठ्ठा है; और और लोगो के साथ रात नहीं बिताता।
8. For, said Hushai, you know your father and his men, that they are mighty men, and they are embittered and enraged like a bear robbed of her whelps in the field. And your father is a man of war, and will not lodge with the people.
9. इस समय तो वह किसी गढ़हे, वा किसी दूसरे स्थान में छिपा होगा। जब इन में से पहिले पहिले कोई कोई मारे जाएं, तब इसके सब सुननेवाले कहने लगेंगे, कि अबशालोम के पक्षवाले हार गए।
9. Behold, he is hidden even now in some pit or other place; and when some of them are overthrown at the first, whoever hears it will say, There is a slaughter among the followers of Absalom.
10. तब वीर का हृदय, जो सिंह का सा होता है, उसका भी हियाव छूट जाएगा, समस्त इस्राएल तो जानता है कि तेरा पिता वीर है, और उसके संगी बड़े योठ्ठा हैं।
10. And even he who is brave, whose heart is as the heart of a lion, will utterly melt, for all Israel knows that your father is a mighty man and that those who are with him are brave men.
11. इसलिये मेरी सम्मति यह है कि दान से लेकर बेर्शेबा तक रहनेवाले समस्त इस्राएली तेरे पास समुद्रतीर की बालू के किनकों के समान अकट्ठे किए जाए, और तू आप ही युठ्ठ को जाए।
11. Therefore I counsel that all [the men of] Israel be gathered to you, from Dan even to Beersheba, as the sand that is by the sea for multitude, and that you go to battle in your own person.
12. और जब हम उसको किसी न किसी स्थान में जहां वह मिले जा पकड़ेंगे, तब जैसे ओस भूमि पर गिरती है वैसे ही हम उस पर टूट पड़ेंगे; तब न तो वह बचेगा, और न उसके संगियों में से कोई बचेगा।
12. So shall we come upon [David] some place where he shall be found, and we will light upon him as the dew settles [unseen and unheard] on the ground; and of him and of all the men with him there shall not be left so much as one.
13. और यदि वह किसी नगर में घुसा हो, तो सब इस्राएली उस नगर के पास रस्सियां ले आएंगे, और हम उसे नाले में खींचेंगे, यहां तक कि उसका एक छोटा सा पत्थर भी न रह जाएगा।
13. If he withdraws into a city, then shall all Israel bring ropes to that city, and we will drag it into the ravine until not one pebble is left there.
14. तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरूषों ने कहा, एरेकी हूशै की बम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उम्तम है। सहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने के लिये ठाना था, कि यह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।
14. Absalom and all the men of Israel said, The counsel of Hushai the Archite is better than that of Ahithophel. For the Lord had ordained to defeat the good counsel of Ahithophel, so that the Lord might bring evil upon Absalom.
15. तब हूशै ने सादोक और एब्यातार याजकों से कहा, अहीतोपेल ने तो अबशालोम और इस्राएली पुरनियों को इस इस प्रकार की सम्मति दी; और मैं ने इस इस प्रकार की सम्मति दी है।
15. Then said Hushai to Zadok and Abiathar the priests, Thus and thus did Ahithophel counsel Absalom and the elders of Israel, and thus and thus have I counseled.
16. इसलिये अब फुत कर दाऊद के पास कहला भेजो, कि आज रात जंगली घाट के पास न ठहरना, अवश्य पार ही हो जाना; ऐसा न हो कि राजा और जितने लोग उसके संग हों, सब नाश हो जाएं।
16. Now send quickly and tell David, Lodge not this night at the fords [at the Jordan] of the wilderness, but by all means pass over, lest the king be swallowed up and all the people with him.
17. योनातन और अहीमाय एनरोगेल के पास ठहरे रहे; और एक लौंडी जाकर उन्हें सन्देशा दे आती थी, और वे जाकर राजा दाऊद को सन्देशा देते थे; क्योंकि वे किसी के देखते नगर में नही जा सकते थे।
17. Now [the youths] Jonathan and Ahimaaz stayed at En-rogel, for they must not be seen coming into the city. But a maidservant went and told them, and they went and told King David.
18. एक छोकरे ने तो उन्हें देखकर अबशालोम को बताया; परन्तु वे दोनों फुत से चले गए, और एक बहरीमवासी मनुष्य के घर पहुंचकर जिसके आंगन में कुंआ था उस में उतर गए।
18. But a lad saw them and told Absalom; but they left quickly and came to the house of a man in Bahurim, who had a well in his court, and they went down into it.
19. तब उसकी स्त्री ने कपड़ा लेकर कुंए के मुंह पर बिछाया, और उसके ऊपर दलर हुआ अन्न फैला दिया; इसलिये कुछ मालूम न पड़ा।
19. And the woman spread a covering over the well's mouth and spread ground corn on it; and the thing was not discovered.
20. तब अबशालोम के सेवक उस घर में उस स्त्री के पास जाकर कहने लगे, अहीमास और योनातन कहां हैं? स्त्री ने उन से कहा, वे तो उस छोटी नदी के पार गए। तब उन्हों ने उन्हें ढूंढा, और न पाकर यरूशलेम को लौटे।
20. For when Absalom's servants came to the woman at the house, they said, Where are Ahimaaz and Jonathan? And the woman said to them, They went over the brook of water. When they had sought and could not find them, they returned to Jerusalem.
21. जब वे चले गए, तब ये कुंए में से निकले, और जाकर दाऊद राजा को समाचार दिया; और दाऊद से कहा, तुम लोग चलो, फुत करके नदी के पार हो जाओ; क्योंकि अहीतोपेल ने तुम्हारी हानि की ऐसी ऐसी सम्मति दी है।
21. After they had departed, the boys came up out of the well and went and told King David, and said, Arise and pass quickly over the river Jordan; for thus and so has Ahithophel counseled against you.
22. तब दाऊद अपने सब संगियों समेत उठकर यरदन पार हो गया; और पह फटने तक उन में से एक भी न रह गया जो यरदन के पार न हो गया हो।
22. David arose and all the people with him and passed over the Jordan. By daybreak, not one was left who had not crossed.
23. जब अहीतोपेल ने देखा कि मेरी सम्मति के अनुसार काम नहीं हुआ, तब उस ने अपने गदहे पर काठी कसी, और अपने नगर में जाकर अपने घर में गया। और अपने घराने के विषय जो जो आज्ञा देनी थी वह देकर अपने को फांसी लगा ली; और वह मर गया, और उसके पिता के कब्रिस्तान में उसे मिट्टी दे दी गई।
23. But when Ahithophel saw that his counsel was not followed, he saddled his donkey, went home to his city, put his household in order, and hanged himself and died, and was buried in the tomb of his father.
24. दाऊद तो महनैम में पहुंचा। और अबशालोम सब इस्राएली पुरूषों समेत यरदन के पार गया।
24. Then David came to Mahanaim. And Absalom passed over the Jordan, he and all the men of Israel with him.
25. और अबशालोम ने अमासा को योआब के स्थान पर प्रधान सेनापति ठहराया। यह अमासा एक पुरूष का पुत्रा था जिसका नाम इस्राएली यित्रो था, और वह योआब की माता, सरूयाह की बहिन, अबीगल नाम नाहाश की बेटी के संग सोया था।
25. Absalom made Amasa captain of the army instead of Joab. Amasa was the son of an [Ishmaelite] named Ithra, who married Abigail daughter of Nahash, [half sister of David and] sister of Zeruiah, Joab's mother.
26. और इस्राएलियों ने और अबशालोम ने गिलाद देश में छावनी डाली।
26. So Israel and Absalom encamped in the land of Gilead.
27. जब दाऊद महनैम में आया, तब अम्मोनियों के रब्बा के निवासी नाहाश का पुत्रा शोबी, और लोदबरवासी अम्मीएल का पुत्रा माकीर, और रोगलीमवासी गिलादी बर्जिल्लै,
27. When David came to Mahanaim, Shobi son of Nahash of Rabbah of the Ammonites, and Machir son of Ammiel of Lo-debar, and Barzillai the Gileadite of Rogelim
28. चारपाइयां, तसले मिट्टी के बर्तन, गेहूं, जव, मैदा, लोबिया, मसूर, चबेना,
28. Brought beds, basins, earthen vessels, wheat, barley, meal, parched grain, beans, lentils, parched [pulse--seeds of peas and beans],
29. मधु, मक्खन, भेड़बकरियां, और गाय के दही का पनीर, दाऊद और उसके संगियों के खाने को यह सोचकर ले आए, कि जंगल में वे लोग भूखे प्यासे और थके मांदे होंगे।
29. Honey, curds, sheep, and cheese of cows for David and the people with him to eat; for they said, The people are hungry, weary, and thirsty in the wilderness.