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1. तब इस्राएल अपना सब कुछ लेकर कूच करके बेर्शेबा को गया, और वहां अपने पिता इसहाक के परमेश्वर को बलिदान चढ़ाए।
1. পরে ইস্রায়েল আপনার সর্ব্বস্বের সহিত যাত্রা করিয়া বের্-শেবাতে আসিলেন, এবং আপন পিতা ইস্হাকের ঈশ্বরের উদ্দেশে বলিদান করিলেন।
2. तब परमेश्वर ने इस्राएल से रात को दर्शन में कहा, हे याकूब हे याकूब। उस ने कहा, क्या आज्ञा।
2. পরে ঈশ্বর রাত্রিতে ইস্রায়েলকে দর্শন দিয়া কহিলেন, হে যাকোব, হে যাকোব। তিনি উত্তর করিলেন, দেখ, এই আমি।
3. उस ने कहा, मैं ईश्वर तेरे पिता का परमेश्वर हूं, तू मि में जाने से मत डर; क्योंकि मैं तुझ से वहां एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
3. তখন তিনি কহিলেন, আমি ঈশ্বর, তোমার পিতার ঈশ্বর; তুমি মিসরে যাইতে ভয় করিও না, কেননা আমি সেই স্থানে তোমাকে বৃহৎ জাতি করিব।
4. मैं तेरे संग संग मि को चलता हूं; और मैं तुझे वहां से फिर निश्चय ले आऊंगा; और यूसुफ अपना हाथ तेरी आंखों पर लगाएगा।
4. আমিই তোমার সঙ্গে মিসরে যাইব, এবং আমিই তথা হইতে তোমাকে ফিরাইয়াও আনিব, আর যোষেফ তোমার চক্ষে হস্তার্পণ করিবে।
5. तब याकूब बेर्शेबा से चला: और इस्राएल के पुत्रा अपने पिता याकूब, और अपने बाल- बच्चों, और स्त्रियों को उन गाड़ियों पर, जो फिरौन ने उनके ले आने को भेजी थी, चढ़ाकर चल पड़े।
5. পরে যাকোব বের্-শেবা হইতে যাত্রা করিলেন। ইস্রায়েলের পুত্রগণ আপনাদের পিতা যাকোবকে এবং আপন আপন বালক বালিকা ও স্ত্রীদিগকে সেই সকল শকটে করিয়া লইয়া গেলেন, যাহা ফরৌণ তাঁহাদের বহনার্থে পাঠাইয়াছিলেন।
6. और वे अपनी भेड़- बकरी, गाय- बैल, और कनान देश में अपने इकट्ठा किए हुए सारे धन को लेकर मि में आए।
6. পরে তাঁহারা, যাকোব ও তাঁহার সমস্ত বংশ, আপনাদের পশুগণ ও কনান দেশে উপার্জ্জিত সকল সম্পত্তি লইয়া মিসর দেশে পঁহুছিলেন।
7. और याकूब अपने बेटे- बेटियों, पोते- पोतियों, निदान अपने वंश भर को अपने संग मि में ले आया।।
7. এইরূপে যাকোব আপন পুত্র পৌত্র, পুত্রী পৌত্রী প্রভৃতি সমস্ত বংশকে সঙ্গে করিয়া মিসরে লইয়া গেলেন।
8. याकूब के साथ जो इस्राएली, अर्थात् उसके बेटे, पोते, आदि मि में आए, उनके नाम ये हैं : याकूब का जेठा तो रूबेन था।
8. ইস্রায়েল-সন্তানগণ, যাকোব ও তাঁহার সন্তানগণ, যাঁহারা মিসরে গেলেন, তাঁহাদের নাম। যাকোবের জ্যেষ্ঠ পুত্র রূবেণ।
9. और रूबेन के पुत्रा, हनोक, पललू, हेद्दॊन, और कर्म्मी थे।
9. রূবেণের পুত্র হনোক, পল্লু, হিষ্রোণ ও কর্মি।
10. और शिमोन के पुत्रा, यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, सोहर, और एक कनानी स्त्री से जन्मा हुआ शाऊल भी था।
10. শিমিয়োনের পুত্র যিমূয়েল, যামীন, ওহদ, যাখীন, সোহর ও তাহার কনানীয়া স্ত্রীজাত পুত্র শৌল।
11. और लेवी के पुत्रा, गेर्शोन, कहात, और मरारी थे।
11. লেবির পুত্র গের্শোন, কহাৎ ও মরারি।
12. और यहूदा के एर, ओनान, शेला, पेरेस, और जेरह नाम पुत्रा हुए तो थे; पर एर और ओनान कनान देश में मर गए थे।
12. যিহূদার পুত্র এর, ওনন, শেলা, পেরস ও সেরহ। কিন্তু এর ও ওনন কনান দেশে মরিয়াছিল; এবং পেরসের পুত্র হিষ্রোণ ও হামূল।
13. और इस्साकार के पुत्रा, तोला, पुब्बा, योब और शिम्रोन थे।
13. ইষাখরের পুত্র তোলয়, পূয়, যোব ও শিম্রোণ।
14. और जबूलून के पुत्रा, सेरेद, एलोन, और यहलेल थे।
14. আর সবূলূনের পুত্র সেরদ, এলোন ও যহলেল।
15. लिआ: के पुत्रा, जो याकूब से प नराम में उत्पन्न हुए थे, उनके बेटे पोते ये ही थे, और इन से अधिक उस ने उसके साथ एक बेटी दीना को भी जन्म दिया : यहां तक तो याकूब के सब वंशवाले तैंतीस प्राणी हुए।
15. ইহারা লেয়ার সন্তান; তিনি পদ্দন্-অরামে যাকোবের জন্য ইহাদিগকে ও তাঁহার কন্যা দীণাকে প্রসব করেন। যাকোবের এই পুত্র কন্যারা সর্ব্বশুদ্ধ তেত্রিশ প্রাণী।
16. फिर गाद के पुत्रा, सिरयोन, हाग्गी, शूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, और अरेली थे।
16. আর গাদের পুত্র সিফিয়োন, হগি, শূনী, ইষ্বোন, এরি, অরোদী ও অরেলী।
17. और आशेर के पुत्रा, यिम्ना, यिश्वा, यिस्त्री, और बरीआ थे, और उनकी बहिन सेरह थी। और बरीआ के पुत्रा, हेबेर और मल्कीएल थे।
17. আশেরের পুত্র যিম্না, যিশ্বা, যিশ্বি, বরিয় ও তাহাদের ভগিনী সেরহ। বরিয়ের পুত্র হেবর ও মল্কীয়েল।
18. जिल्पा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी लिआ' को दिया था, उसके बेटे पोते आदि ये ही थे; सो उसके द्वारा याकूब के सोलह प्राणी उत्पन्न हुए।।
18. ইহারা সেই সিল্পার সন্তান, যাহাকে লাবন আপন কন্যা লেয়াকে দিয়াছিলেন; সে যাকোবের জন্য ইহাদিগকে প্রসব করিয়াছিল। ইহারা ষোল প্রাণী।
19. फिर याकूब की पत्नी राहेल के पुत्रा यूसुफ और बिन्यामीन थे।
19. আর যাকোবের স্ত্রী রাহেলের পুত্র যোষেফ ও বিন্যামীন।
20. और मि देश में ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से यूसुफ के ये पुत्रा उत्पन्न हुए, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम।
20. যোষেফের পুত্র মনঃশি ও ইফ্রয়িম মিসর দেশে জন্মিয়াছিল; ওন নগরের পোটীফেরঃ যাজকের কন্যা আসনৎ তাঁহার জন্য তাহাদিগকে প্রসব করিয়াছিলেন।
21. और बिन्यामीन के पुत्रा, बेला, बेकेर, अश्बेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पीम, हुप्पीम, और आर्द थे।
21. বিন্যামীনের পুত্র বেলা, বেখর, অস্বেল, গেরা, নামন, এহী, রোশ, মুপ্পীম, হুপ্পীম ও অর্দ।
22. राहेल के पुत्रा जो याकूब से उत्पन्न हुए उनके ये ही पुत्रा थे; उसके ये सब बेटे पोते चौदह प्राणी हुए।
22. এই চৌদ্দ প্রাণী যাকোব হইতে জাত রাহেলের সন্তান।
23. फिर दान का पुत्रा हुशीम था।
23. আর দানের পুত্র হূশীম।
24. और नप्ताली के पुत्रा, यहसेल, गूनी, सेसेर, और शिल्लेम थे।
24. নপ্তালির পুত্র যহসিয়েল, গূনি, যেৎসর ও শিল্লেম।
25. बिल्हा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी राहेल को दिया, उस के बेटे पोते ये ही हैं; उसके द्वारा याकूब के वंश में सात प्राणी हुए।
25. ইহারা সেই বিল্হার সন্তান, যাহাকে লাবন আপন কন্যা রাহেলকে দিয়াছিলেন। সে যাকোবের জন্য ইহাদিগকে প্রসব করিয়াছিল; ইহারা সর্ব্বশুদ্ধ সাত প্রাণী।
26. याकूब के निज वंश के जो प्राणी मि में आए, वे उसकी बहुओं को छोड़ सब मिलकर छियासठ प्राणी हुए।
26. যাকোবের কটি হইতে উৎপন্ন যে প্রাণিগণ তাঁহার সঙ্গে মিসরে উপস্থিত হইল, যাকোবের পুত্রবধূরা ছাড়া তাহারা সর্ব্বশুদ্ধ ছেষট্টি প্রাণী।
27. और यूसुफ के पुत्रा, जो मि में उस से उत्पन्न हुए, वे दो प्राणी थे : इस प्रकार याकूब के घराने के जो प्राणी मि में आए सो सब मिलकर सत्तर हुए।।
27. মিসরে যোষেফের যে পুত্রেরা জন্মিয়াছিল, তাহারা দুই প্রাণী। যাকোবের পরিজন, যাহারা মিসরে গেল, তাহারা সর্ব্বশুদ্ধ সত্তর প্রাণী।
28. फिर उस ने यहूदा को अपने आगे यूसुफ के पास भेज दिया, कि वह उसको गोशेन का मार्ग दिखाए; और वे गोशेन देश में आए।
28. পরে আগে আগে গোশনের পথ দেখাইবার নিমিত্তে যাকোব আপনার অগ্রে যিহূদাকে যোষেফের নিকটে পাঠাইলেন; আর তাঁহারা গোশন প্রদেশে পঁহুছিলেন।
29. तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने पिता इस्राएल से भेंट करने के लिये गोशेन देश को गया, और उस से भेंट करके उसके गले से लिपटा हुआ रोता रहा।
29. তখন যোষেফ আপন রথ সাজাইয়া গোশনে আপন পিতা ইস্রায়েলের সহিত সাক্ষাৎ করিতে গেলেন; আর তাঁহাকে দেখা দিয়া তাঁহার গলা ধরিয়া অনেকক্ষণ রোদন করিলেন।
30. तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, मै अब मरने से भी प्रसन्न हूं, क्योंकि तुझे जीवित पाया और तेरा मुंह देख लिया।
30. তখন ইস্রায়েল যোষেফকে কহিলেন, এখন স্বচ্ছন্দে মরিব, কেননা তোমার মুখ দেখিতে পাইলাম, তুমি এখনও জীবিত আছ।
31. तब यूसुफ ने अपने भाइयों से और अपने पिता के घराने से कहा, मैं जाकर फिरौन को यह समाचार दूंगा, कि मेरे भाई और मेरे पिता के सारे घराने के लोग, जो कनान देश में रहते थे, वे मेरे पास आ गए हैं।
31. পরে যোষেফ আপন ভ্রাতাদিগকে ও পিতার পরিজনকে কহিলেন, আমি গিয়া ফরৌণকে সংবাদ দিব, তাঁহাকে বলিব, আমার ভ্রাতারা ও পিতার সমস্ত পরিজন কনান দেশ হইতে আমার নিকটে আসিয়াছেন;
32. और वे लोग चरवाहे हैं, क्योंकि वे पशुओं को पालते आए हैं; इसलिये वे अपनी भेड़- बकरी, गाय- बैल, और जो कुछ उनका है, सब ले आए हैं।
32. তাঁহারা মেষপালক, তাঁহারা পশুপাল রাখিয়া থাকেন; আর তাঁহাদের গোমেষাদি পাল এবং সর্ব্বস্ব আনিয়াছেন।
33. जब फिरौन तुम को बुलाके पूछे, कि तुम्हारा उद्यम क्या है?
33. তাহাতে ফরৌণ তোমাদিগকে ডাকিয়া যখন জিজ্ঞাসা করিবেন, তোমাদের ব্যবসায় কি?
34. तब यह कहना कि तेरे दास लड़कपन से लेकर आज तक पशुओं को पालते आए हैं, वरन हमारे पुरखा भी ऐसा ही करते थे। इस से तुम गोशेन देश में रहने पाओगे; क्योंकि सब चरवाहों से मिद्दी लोग घृणा करते हैं।।
34. তখন তোমরা বলিবে, আপনার এই দাসগণ পিতৃপুরুষানুক্রমে বাল্যাবধি অদ্য পর্য্যন্ত পশুপাল রাখিয়া আসিতেছে; তাহাতে তোমরা গোশন প্রদেশে বাস করিতে পাইবে; কেননা পশুপালক মাত্রেই মিস্রীয়দের ঘৃণাস্পদ।