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1. जब यूसुफ मि में पहुंचाया गया, तब पोतीपर नाम एक मिद्दी, जो फिरौन का हाकिम, और जल्लादों का प्रधान था, उस ने उसको इश्माएलियों के हाथ, से जो उसे वहां ले गए थे, मोल लिया।
1. Now Ioseph was brought downe into Egypt: and Potiphar an Eunuche of Pharaohs (and his chiefe stewarde an Egyptian) bought him at the hande of the Ishmeelites, which had brought him thither.
2. और यूसुफ अपने मिद्दी स्वामी के घर में रहता था, और यहोवा उसके संग था; सो वह भाग्यवान् पुरूष हो गया।प्रेरितों के काम 7:9
2. And the Lord was with Ioseph, and he was a man that prospered and was in the house of his master the Egyptian.
3. और यूसुफ के स्वामी ने देखा, कि यहोवा उसके संग रहता है, और जो काम वह करता है उसको यहोवा उसके हाथ से सुफल कर देता है।प्रेरितों के काम 7:9
3. And his master sawe that the Lord was with him, and that the Lord made all that hee did to prosper in his hande.
4. तब उसकी अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई, और वह उसकी सेवा टहल करने के लिये नियुक्त किया गया : फिर उस ने उसको अपने घर का अधिकारी बनाके अपना सब कुछ उसके हाथ में सौप दिया।
4. So Ioseph founde fauour in his sight, and serued him: and he made him ruler of his house, and put all that he had in his hand.
5. और जब से उस ने उसको अपने घर का और अपनी सारी सम्पत्ति का अधिकारी बनाया, तब से यहोवा यूसुफ के कारण उस मिद्दी के घर पर आशीष देने लगा; और क्या घर में, क्या मैदान में, उसका जो कुछ था, सब पर यहोवा की आशीष होने लगी।
5. And from that time that he had made him ruler ouer his house and ouer all that he had, the Lord blessed the Egyptians house for Iosephs sake: and the blessing of the Lord was vpon all that he had in the house, and in the fielde.
6. सो उस ने अपना सब कुछ यूसुफ के हाथ में यहां तक छोड़ दिया: कि अपने खाने की रोटी को छोड़, वह अपनी सम्पत्ति का हाल कुछ न जानता था। और यूसुफ सुन्दर और रूपवान् था।
6. Therefore he left all that he had in Iosephs hand, and tooke accompt of nothing, that was with him, saue onely of the bread, which he did eate. And Ioseph was a faire person, and well fauoured.
7. इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि उसके स्वामी की पत्नी ने यूसुफ की ओर आंख लगाई; और कहा, मेरे साथ सो।
7. Nowe therefore after these thinges, his masters wife cast her eyes vpon Ioseph, and saide, Lye with me.
8. पर उस ने अस्वीकार करते हुए अपने स्वामी की पत्नी से कहा, सुन, जो कुछ इस घर में है मेरे हाथ में है; उसे मेरा स्वामी कुछ नहीं जानता, और उस ने अपना सब कुछ मेरे हाथ में सौप दिया है।
8. But he refused and said to his masters wife, Beholde, my master knoweth not what he hath in the house with me, but hath committed all that he hath to mine hande.
9. इस घर में मुझ से बड़ा कोई नहीं; और उस ने तुझे छोड़, जो उसकी पत्नी है; मुझ से कुछ नहीं रख छोड़ा; सो भला, मैं ऐसी बड़ी दुष्टता करके परमेश्वर का अपराधी क्योंकर बनूं ?
9. There is no man greater in this house then I: neither hath he kept any thing from me, but only thee, because thou art his wife: how then can I do this great wickednes and so sinne against God?
10. और ऐसा हुआ, कि वह प्रति दिन यूसुफ से बातें करती रही, पर उस ने उसकी न मानी, कि उसके पास लेटे वा उसके संग रहे।
10. And albeit she spake to Ioseph day by day, yet he hearkened not vnto her, to lye with her, or to be in her company.
11. एक दिन क्या हुआ, कि यूसुफ अपना काम काज करने के लिये घर में गया, और घर के सेवकों में से कोई भी घर के अन्दर न था।
11. Then on a certaine day Ioseph entred into the house, to doe his businesse: and there was no man of the houshold in the house:
12. तब उस स्त्री ने उसका वस्त्रा पकड़कर कहा, मेरे साथ सो, पर वह अपना वस्त्रा उसके हाथ में छोड़कर भागा, और बाहर निकल गया।
12. Therefore she caught him by his garmet, saying, Sleepe with me: but he left his garment in her hand and fled, and got him out.
13. यह देखकर, कि वह अपना वस्त्रा मेरे हाथ में छोड़कर बाहर भाग गया,
13. Nowe when she sawe that he had left his garment in her hand, and was fled out,
14. उस स्त्री ने अपने घर के सेवकों को बुलाकर कहा, देखो, वह एक इब्री मनुष्य को हमारा तिरस्कार करने के लिये हमारे पास ले आया है। वह तो मेरे साथ सोने के मतलब से मेरे पास अन्दर आया था और मैं ऊंचे स्वर से चिल्ला उठी।
14. She called vnto the men of her house, and tolde them, saying, Beholde, he hath brought in an Ebrewe vnto vs to mocke vs: who came in to me for to haue slept with me: but I cryed with a loude voyce.
15. और मेरी बड़ी चिल्लाहट सुनकर वह अपना वस्त्रा मेरे पास छोड़कर भागा, और बाहर निकल गया।
15. And when he heard that I lift vp my voice and cryed, he left his garment with me, and fled away, and got him out.
16. और वह उसका वस्त्रा उसके स्वामी के घर आने तक अपने पास रखे रही।
16. So she layde vp his garment by her, vntill her lord came home.
17. तब उस ने उस से इस प्रकार की बातें कहीं, कि वह इब्री दास जिसको तू हमारे पास ले आया है, सो मुझ से हंसी करने के लिये मेरे पास आया था।
17. Then she tolde him according to these words, saying, The Ebrew seruat, which thou hast brought vnto vs, came in to me, to mocke me.
18. और जब मैं ऊंचे स्वर से चिल्ला उठी, तब वह अपना वस्त्रा मेरे पास छोड़कर बाहर भाग गया।
18. But assoone as I lift vp my voyce and cried, he left his garment with me, and fled out.
19. अपनी पत्नी की ये बातें सुनकर, कि तेरे दास ने मुझ से ऐसा ऐसा काम किया, यूसुफ के स्वामी का कोप भड़का।
19. Then when his master heard the wordes of his wife, which she tolde him, saying, After this maner did thy seruant to me, his anger was kindled.
20. और यूसुफ के स्वामी ने उसको पकड़कर बन्दीगृह में, जहां राजा के कैदी बन्द थे, डलवा दिया : सो वह उस बन्दीगृह में रहने लगा।इब्रानियों 11:36
20. And Iosephs master tooke him and put him in prison, in the place, where the kings prisoners lay bounde: and there he was in prison.
21. पर यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर करूणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई।प्रेरितों के काम 7:9-10
21. But the Lord was with Ioseph, and shewed him mercie, and got him fauour in the sight of the master of the prison.
22. सो बन्दीगृह के दरोगा ने उन सब बन्धुओं को, जो कारागार में थे, यूसुफ के हाथ में सौप दिया; और जो जो काम वे वहां करते थे, वह उसी की आज्ञा से होता था।
22. And the keeper of the prison committed to Iosephs hande all the prisoners that were in the prison, and whatsoeuer they did there, that did he.
23. बन्दीगृह के दरोगा के वश में जो कुछ था; क्योंकि उस में से उसको कोई भी वस्तु देखनी न पड़ती थी; इसलिये कि यहोवा यूसुफ के साथ था; और जो कुछ वह करता था, यहोवा उसको उस में सफलता देता था।
23. And the keeper of the prison looked vnto nothing that was vnder his hande, seeing that the Lord was with him: for whatsoeuer he did, the Lord made it to prosper.