8. सुनो, मेरी दो बेटियां हैं जिन्हों ने अब तक पुरूष का मुंह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर ले आऊं, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उन से करो : पर इन पुरूषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।
8. দেখ, পুরুষের পরিচয় অপ্রাপ্তা আমার দুইটি কন্যা আছে, তাহাদিগকে তোমাদের নিকটে আনি, তোমাদের দৃষ্টিতে যাহা ভাল, তাহা কর, কিন্তু সেই ব্যক্তিদের প্রতি কিছুই করিও না, কেননা এই নিমিত্তে তাঁহারা আমার গৃহের ছায়া আশ্রয় করিলেন।