1 Kings - 1 राजाओं 2 | View All

1. जब दाऊद के मरने का समय निकट आया, तब उस ने अपने पुत्रा सुलैमान से कहा,

1. পরে দায়ূদের মরণকাল সন্নিকট হইল; আর তিনি আপন পুত্র শলোমনকে আদেশ দিয়া কহিলেন,

2. कि मैं लोक की रीति पर कूच करनेवाला हूँ इसलिये तू हियाब बांधकर पुरूषार्थ दिखा।

2. সমস্ত মর্ত্ত্যলোকের যে পথ, আমি সেই পথে গমন করিতেছি; তুমি বলবান হও ও পুরুষত্ব প্রকাশ কর।

3. और जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे सौंपा है, उसकी रक्षा करके उसके माग पर चला करना और जैसा मूसा की व्यवस्था में लिखा है, वैसा ही उसकी विधियों तथा आज्ञाओं, और नियमों, और चितौनियों का पालन करते रहना; जिस से जो कुछ तू करे और जहां कहीं तू जाए, उस में तू सफल होए;

3. আর আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর রক্ষণীয় বিধান রক্ষা করিয়া তাঁহার পথে চল, মোশির ব্যবস্থায় লিখিত তাঁহার বিধি, তাঁহার আজ্ঞা, তাঁহার শাসন ও তাঁহার সাক্ষ্য সকল পালন কর; যেন তুমি যে কোন কার্য্য কর, ও যে কোন দিকে ফির, বুদ্ধিপূর্ব্বক চলিতে পার;

4. और यहोवा अपना वह वचन पूरा करे जो उस ने मेरे विषय में कहा था, कि यदि तेरी सन्तान अपनी चाल के विषय में ऐसे सावधान रहें, कि अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से सच्चाई के साथ नित मेरे सम्मुख चलते रहें तब तो इस्राएल की राजगद्दी पर विराजनेवाले की, तेरे कुल परिवार में घटी कभी न होगी।

4. আর যেন, সদাপ্রভু আমার সম্বন্ধে যে বাক্য বলিয়াছেন, তাহা সংস্থাপন করেন; তিনি বলিয়াছেন, তোমার সন্তানেরা যদি সমস্ত অন্তঃকরণের ও সমস্ত প্রাণের সহিত আমার সম্মুখে সত্য আচরণ করিতে আপনাদের পথে সাবধানে চলে, তবে—তিনি বলেন,—ইস্রায়েলের সিংহাসনে তোমার [বংশে] লোকের অভাব হইবে না।

5. फिर तू स्वयं जानता है, कि सरूयाह के पुत्रा योआब ने मुझ से क्या क्या किया ! अर्थात् उस ने नेर के पुत्रा अब्नेर, और येतेर के पुत्रा अमासा, इस्राएल के इन दो सेनापतियों से क्या क्या किया। उस ने उन दोनों को घात किया, और मेल के सपय युठ्ठ का लोहू बहाकर उस से अपनी कमर का कमरबन्द और अपने पावों की जूतियां भिगो दीं।

5. আর সরূয়ার পুত্র যোয়াব আমার প্রতি যাহা করিয়াছে, ফলতঃ ইস্রায়েলের দুই সেনাপতির প্রতি, নেরের পুত্র অব্‌নেরের ও যেথরের পুত্র অমাসার প্রতি যাহা করিয়াছে, তাহাও তুমি জ্ঞাত আছ; সে তাহাদিগকে মারিয়া ফেলিয়া শান্তির সময়ে যুদ্ধের রক্তপাত করিয়াছে, এবং যুদ্ধের রক্ত তাহার কটিদেশস্থ পটুকাতে ও পাদস্থিত পাদুকাতে লাগিয়াছে।

6. इसलिये तू अपनी बुध्दि से काम लेना और उस पक्के बालवाले को अधोलोक में शांति से उतरने न देना।

6. অতএব তুমি বুদ্ধিসহকারে তাহার প্রতি ব্যবহার করিবে; তাহাকে পক্ব কেশে শান্তিতে পাতালে নামিতে দিও না।

7. फिर गिलादी बर्जिल्लै के पुत्रों पर कृपा रखना, और वे तेरी मेज पर खानेवालों में रहें, क्योंकि जब मैं तेरे भाई अबशालोम के साम्हने से भागा जा रहा था, तब उन्हों ने मेरे पास आकर वैसा ही किया था।

7. কিন্তু গিলিয়দীয় বর্সিল্লয়ের পুত্রগণের প্রতি সদয় ব্যবহার করিও, এবং তোমার মেজে ভোজনকারী লোকদের মধ্যে তাহাদিগকে স্থান দিও; কেননা তোমার ভ্রাতা অবশালোমের সম্মুখ হইতে আমার পলায়নকালে তাহারা তদ্রূপে আমার কাছে আসিয়াছিল।

8. फिर सुन, तेरे पास बिन्यामीनी गेरा का पुत्रा बहूरीमी शिमी रहता है, जिस दिन मैं महनैम को जाता था उस दिन उस ने मुझे कड़ाई से शाप दिया था पर जब वह मेरी भेंट के लिये यरदन को आया, तब मैं ने उस से यहोवा की यह शपथ खाई, कि मैं तुझे तलवार से न मार डालूंगा।

8. আর দেখ, তোমার কাছে বিন্যামীনীয় গেরার পুত্র বহুরীম-নিবাসী শিমিয়ি আছে; আমার মহনয়িমে যাইবার দিন সেই ব্যক্তি আমাকে নিদারুণ শাপ দিয়াছিল; কিন্তু সে আমার সহিত সাক্ষাৎ করিতে যর্দ্দনে আসিয়াছিল, আর আমি সদাপ্রভুর দিব্য করিয়া তাহাকে বলিয়াছিলাম, আমি তোমাকে খড়্‌গ দ্বারা বধ করিব না।

9. परन्तु अब तू इसे निदष न ठहराना, तू तो बुध्दिमान पुरूष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बालवाले का लोहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।

9. কিন্তু তুমি এখন তাহাকে নিরপরাধ জ্ঞান করিবে না; কেননা তুমি বুদ্ধিমান; তাহার প্রতি তোমার যাহা কর্ত্তব্য, তাহা বুঝিবে; তাহাকে পক্ব কেশে রক্তের সহিত পাতালে নামাইবে।

10. तब दाऊद अपने पुरखाओं के संग सो गया और दाऊदमुर में उसे मिट्टी दी गई।
प्रेरितों के काम 2:29, प्रेरितों के काम 13:36

10. পরে দায়ূদ আপন পিতৃলোকদের সহিত নিদ্রাগত এবং দায়ূদ-নগরে কবরপ্রাপ্ত হইলেন।

11. दाऊद ने इस्राएल पर चालीस वर्ष राज्य किया, सात वर्ष तो उस ने हब्रोन में और तैंतीस वर्ष यरूशलेम में राज्य किया था।

11. দায়ূদ ইস্রায়েলের উপরে চল্লিশ বৎসর রাজত্ব করেন; তিনি হিব্রোণে সাত বৎসর রাজত্ব করেন ও যিরূশালেমে তেত্রিশ বৎসর রাজত্ব করেন।

12. तब सुलैमान अपने पिता दाऊद की गद्दी पर विराजमान हुआ और उसका राज्य बहुत दृढ़ हुआ।

12. পরে শলোমন আপন পিতা দায়ূদের সিংহাসনে বসিলেন, এবং তাঁহার রাজ্য অতিশয় দৃঢ় হইল।

13. और हग्गीत का पुत्रा अदोनिरयाह, सुलैमान की माता बतशेबा के पास आया, और बतशेबा ने पूछा, क्या तू मित्राभाव से आता है?

13. পরে হগীতের পুত্র আদোনিয় শলোমনের মাতা বৎশেবার নিকটে গেল। তিনি জিজ্ঞাসা করিলেন, তুমি শান্তিভাবে আসিয়াছ ত? সে উত্তর করিল, শান্তিভাবে।

14. उस ने उत्तर दिया, हां, मित्राभाव से ! फिर वह कहने लगा, मुझे तुझ से एक बात कहनी है। उस ने कहा, कह !

14. সে আরও কহিল, আপনার কাছে আমার কিছু বলিবার আছে। বৎশেবা কহিলেন, বল।

15. उस ने कहा, तुझे तो मालूम है कि राज्य मेरा हो गया था, और समस्त इस्राएली मेरी ओर मुंह किए थे, कि मैं राज्य करूं; परन्तु अब राज्य पलटकर मेरे भाई का हो गया है, क्योंकि वह यहोवा की ओर से उसको मिला है।

15. সে কহিল, আপনি জানেন, রাজ্য আমারই ছিল, এবং আমি রাজা হইব বলিয়া সমস্ত ইস্রায়েল আমার প্রতি উন্মুখ হইয়াছিল; কিন্তু রাজত্ব ঘূরিয়া গেল, আমার ভ্রাতার হইল; কেননা তাহা সদাপ্রভু হইতেই তাহার হইল।

16. इसलिये अब मैं तुझ से एक बात मांगता हूँ, मुझ से नाही न करना उस ने कहा, कहे जा।

16. এখন আমি আপনার কাছে একটী বিষয় যাচ্ঞা করি, আপনি আমাকে অস্বীকার করিবেন না।

17. उस ने कहा, राजा सुलैमान तुझ से नाही न करेगा; इसलिये उस से कह, कि वह मुझे शूनेमिन अबीशग को ब्याह दे।

17. তিনি কহিলেন, বল। তখন আদোনিয় কহিল, অনুগ্রহ করিয়া শলোমন রাজাকে বলুন—তিনি ত আপনার কথা অস্বীকার করিবেন না,—তিনি যেন আমার সহিত শূনেমীয়া অবীশগের বিবাহ দেন।

18. बतशेबा ने कहा, अच्छा, मैं तेरे लिये राजा से कहूंगी।

18. বৎশেবা কহিলেন, ভাল, আমি তোমার নিমিত্ত রাজাকে বলিব।

19. तब बतशेबा अदोनिरयाह के लिये राजा सुलैमान से बातचीत करने को उसके पास गई, और राजा उसकी भेंट के लिये उठा, और उसे दणडवत् करके अपने सिंहासन पर बैठ गयो फिर राजा ने अपनी माता के लिये एक सिंहासन रख दिया, और वह उसकी दाहिनी ओर बैठ गई।

19. পরে বৎশেবা আদোনিয়ের জন্য বলিতে শলোমন রাজার নিকটে গেলেন; আর রাজা তাঁহার সম্মুখে উঠিয়া তাঁহার কাছে প্রণিপাত করিলেন। পরে তিনি আপন সিংহাসনে বসিলেন, এবং রাজমাতার কারণ আসন স্থাপন করাইলে তিনিও তাঁহার দক্ষিণদিকে বসিলেন।

20. तब वह कहने लगी, मैं तुझ से एक छोटा सा वरदान मांगती हूँ इसलिये पुझ से नाही न करना, राजा ने कहा, हे माता मांग; मैं तुझ से नाही न करूंगा।

20. আর তিনি কহিলেন, আমি তোমার কাছে একটী ক্ষুদ্র বিষয় যাচ্ঞা করি, আমার কথা অস্বীকার করিও না। রাজা কহিলেন, মাতা, যাচ্ঞা কর, আমি তোমার কথা অস্বীকার করিব না।

21. उस ने कहा, वह शूनेमिन अबीशग तेरे भाई अदोनिरयाह को ब्याह दी जाए।

21. তখন তিনি কহিলেন, তোমার ভ্রাতা আদোনিয়ের সহিত শূনেমীয়া অবীশগের বিবাহ দিতে হইবে।

22. राजा सुलैमान ने अपनी माता को उत्तर दिया, तू अदोनिरयाह के लिये शूनेमिन अबीशग ही को क्यो मांगती है? उसके लिये राज्य भी मांग, क्योंकि वह तो मेरा बड़ा भाई है, और उसी के लिये क्या ! एब्यातार याजक और सरूयाह के पुत्रा योआब के लिये भी मांग।

22. শলোমন রাজা উত্তর করিয়া মাতাকে কহিলেন, তুমি আদোনিয়ের নিমিত্ত শূনেমীয়া অবীশগকে কেনা যাচ্ঞা কর? তাহার নিমিত্ত রাজ্যও যাচ্ঞা কর, কেননা সে আমার জ্যেষ্ঠ ভ্রাতা; তাহার ও অবিয়াথর যাজকের ও সরূয়ার পুত্র যোয়াবের নিমিত্ত [রাজ্য যাচ্ঞা কর]।

23. और राजा सुलैमान ने यहोवा की शपथ खाकर कहा, यदि अदोनिरयाह ने यह बात अपने प्राण पर खेलकर न कही हो तो परमेश्वर मुझ से वैसा ही क्या वरन उस से भी अधिक करे।

23. পরে শলোমন রাজা সদাপ্রভুর দিব্য করিয়া কহিলেন, আদোনিয় যদি নিজ প্রাণের বিরুদ্ধে এই কথা বলিয়া না থাকে, তবে ঈশ্বর আমাকে অমুক ও ততোধিক দণ্ড দিউন।

24. अब यहोवा जिस ने पुझे स्थिर किया, और मेरे पिता दाऊद की राजगद्दी पर विराजमान किया है और अपने वचन के अनुसार मेरे घर बसाया है, उसके जीपन की शपथ आज ही अदोनिरयाह मार डाला जाएगा।

24. আর এখন যিনি আপন প্রতিজ্ঞানুসারে আমাকে সুস্থির করিয়া আমার পিতা দায়ূদের সিংহাসনে বসাইয়াছেন ও আমার জন্য কুল নির্ম্মাণ করিয়াছেন, সেই জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্য, অদ্যই আদোনিয়ের প্রাণদণ্ড হইবে।

25. और राजा सुलैमान ने यहोयादा के पुत्रा बनायाह को भेज दिया और उस ने जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह मर गया।

25. তখন শলোমন রাজা যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে প্রেরণ করিলে তিনি তাহাকে আক্রমণ করিয়া বধ করিলেন।

26. और एब्यातार याजक से राजा ने कहा, अनातोत में अपनी भूमि को जा; क्योंकि तू भी प्राणदणड के योग्य है। आज के दिन तो मैं तुझे न मार डालूंगा, क्योंकि तू मेरे पिता दाऊद के साम्हने प्रभु यहोवा का सन्दूक उठाया करता था; और उन सब दु:खों में जो मेरे पिता पर पड़े थे तू भी दु:खी था।

26. পরে রাজা অবিয়াথর যাজককে কহিলেন, তুমি অনাথোতে আপন ক্ষেত্রে যাও, কেননা তুমিও মৃত্যুর পাত্র; তথাপি আমি অদ্য তোমার প্রাণদণ্ড করিব না, কারণ তুমি আমার পিতা দায়ূদের সম্মুখে প্রভু সদাপ্রভুর সিন্দুক বহন করিয়াছিলে, এবং আমার পিতার সমস্ত দুঃখভোগে দুঃখভোগ করিয়াছিলে।

27. और सुलैमान ने एब्यातार को यहोवा के याजक होने के पद से उतार दिया, इसलिये कि जो वचन यहोवा ने एली के वंश के विषय में शीलो में कहा था, वह पूरा हो जाए।

27. এইরূপে শলোমন অবিয়াথরকে সদাপ্রভুর যাজকের পদ হইতে দূর করিয়া দিলেন; ইহাতে সদাপ্রভুর বাক্য, —শীলোতে এলির কুলের বিপক্ষে তিনি যাহা বলিয়াছিলেন, —তাহা সিদ্ধ হইল।

28. इसका समाचार योआब तक पहुंचा; योआब अबशालोम के पीछे तो नहीं हो लिया था, परन्तु अदोनिरयाह के पीछे हो लिया था। तब योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया, और वेदी के सींगों को पकड़ लिया।

28. পরে সেই ঘটনার বার্ত্তা যোয়াবের কাছে উপস্থিত হইল; যোয়াব যদ্যপি অবশালোমের অনুবর্ত্তী হন নাই, তথাপি আদোনিয়ের অনুবর্ত্তী হইয়াছিলেন। এখন যোয়াব সদাপ্রভুর তাম্বুতে পলায়ন করিয়া যজ্ঞবেদির শৃঙ্গ ধরিলেন।

29. जब राजा सुलैमान को यह समाचार मिला, कि योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया है, और वह वेदी के पास है, तब सुलैमान ने यहोयादा के पुत्रा बनायाह को यह कहकर भेज दिया, कि तू जाकर उसे मार डाल।

29. পরে শলোমন রাজার কাছে এই সংবাদ আসিল যে, যোয়াব সদাপ্রভুর তাম্বুতে পলায়ন করিয়াছেন, আর দেখুন, তিনি বেদির পার্শ্বে আছেন। তাহাতে শলোমন যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে প্রেরণ করিলেন, কহিলেন, যাও, তাহাকে আক্রমণ কর।

30. तब बनायाह ने यहोवा के तम्बू के पास जाकर उससे कहा, राजा की यह आज्ञा है, कि निकल आ। उस ने कहा, नहीं, मैं यहीं मर जाऊंगा। तब बनायाह ने लौटकर यह सन्देश राजा को दिया कि योआब ने मुझे यह उत्तर दिया।

30. তাহাতে বনায় সদাপ্রভুর তাম্বুতে গমন করিয়া তাঁহাকে কহিলেন, রাজা এই কথা বলেন, তুমি বাহিরে আইস। তিনি কহিলেন, তাহা হইবে না, আমি এই স্থানে মরিব। তখন বনায় রাজাকে সংবাদ জানাইয়া কহিলেন, যোয়াব অমুক কথা বলিয়াছেন, এবং আমাকে অমুক উত্তর দিয়াছেন।

31. राजा ने उस से कहा, उसके कहने के अनुसार उसको मार डाल, और उसे मिट्टी दे; ऐसा करके निदषों का जो खून योआब ने किया है, उसका दोष तू मुझ पर से और मेरे पिता के घराने पर से दूर करेगा।

31. তখন রাজা কহিলেন, সে যাহা বলিয়াছে, সেই মত কর, তাহাকে আক্রমণ কর, আর তাহার কবর দেও; তাহা হইলে, যোয়াব অকারণে যে রক্তপাত করিয়াছে, তাহার অপরাধ তুমি আমার পক্ষ হইতে ও আমার পিতৃকুল হইতে দূর করিবে।

32. और यहोवा उसके सिर वह खून लौटा देगा क्योंकि उस ने मेरे पिता दाऊद के बिना जाने अपने से अधिक धम और भले दो पुरूषों पर, अर्थात् इस्राएल के प्रधान सेनापति नेर के पुत्रा अब्नेर और यहूदा के प्रधान सेनापति येतेर के पुत्रा अमासा पर टूटकर उनको तलवार से मार डाला था।

32. আর সদাপ্রভু তাহার রক্তপাতের অপরাধ তাহারই মস্তকে বর্ত্তাইবেন; কেননা সে আমার পিতা দায়ূদের অজ্ঞাতসারে আপনা হইতে ধার্ম্মিক ও সৎ দুই ব্যক্তিকে, ইস্রায়েলের সেনাপতি নেরের পুত্র অব্‌নেরকে, ও যিহূদার সেনাপতি যেথরের পুত্র অমাসাকে আক্রমণ করিয়া খড়্‌গ দ্বারা বধ করিয়াছিল।

33. यों योआब के सिर पर और उसकी सन्तान के सिर पर खून सदा तक रहेगा, परन्तु दाऊद और उसके वंश और उसके घराने और उसके राज्य पर यहोवा की ओर से शांति सदैव तक रहेगी।

33. তাহাদের রক্তপাতের অপরাধ যোয়াবের মস্তকে ও যুগে যুগে তাহার বংশের মস্তকে বর্ত্তিবে; কিন্তু দায়ূদের, তাঁহার বংশের, তাঁহার কুলের ও তাঁহার সিংহাসনের প্রতি সদাপ্রভু হইতে যুগে যুগে শান্তি বর্ত্তিবে।

34. तब यहोयादा के पुत्रा बनायाह ने जाकर योआब को मार डाला; और उसको जंगल में उसी के घर में मिट्टी दी गई।

34. তখন যিহোয়াদার পুত্র বনায় উঠিয়া গিয়া তাঁহাকে আক্রমণ করিয়া বধ করিলেন; পরে প্রান্তরে তাঁহার বাটীতে তাঁহাকে কবর দেওয়া হইল।

35. तब राजा ने उसके स्थान पर यहोयादा के पुत्रा बनायाह को प्रधान सेनापति ठहराया; और एब्यातार के स्थान पर सादोक याजक को ठहराया।

35. আর রাজা তাঁহার পদে যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে সেনাপতি করিলেন, এবং অবিয়াথরের পদ রাজা সাদোক যাজককে দিলেন।

36. और राजा ने शिमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, तू यरूशलेम में अपना एक घर बनाकर वहीं रहनो और नगर से बाहर कहीं न जाना।

36. আর রাজা লোক পাঠাইয়া শিমিয়িকে ডাকাইয়া কহিলেন, তুমি যিরূশালেমে আপনার জন্য এক গৃহ নির্ম্মাণ করিয়া এই স্থানে বাস কর, এখান হইতে বাহির হইয়া অন্য কোন স্থানে যাইও না।

37. तू निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर किद्रोन नाले के पार उतरे, उसी दिन तू निेसन्देह मार डाला जाएगा, और तेरा लोहू तेरे ही सिर पर पड़ेगा।

37. তুমি যে দিন বাহির হইয়া কিদ্রোণ স্রোত পার হইবে, সেই দিন অবশ্য হত হইবে; এই নিশ্চয় জ্ঞাত হও; তোমার রক্তপাতের অপরাধ তোমারই মস্তকে বর্ত্তিবে।

38. शिमी ने राजा से कहा, बात अच्छी है; जैसा मेरे प्रभु राजा ने कहा है, वैसा ही तेरा दास करेगा। तब शिमी बहुत दिन यरूशलेम में रहा।

38. তাহাতে শিমিয়ি রাজাকে কহিল, এ কথা ভাল; আমার প্রভু মহারাজ যেমন কহিলেন, আপনার এই দাস সেইরূপই করিবে। পরে শিমিয়ি অনেক দিন পর্য্যন্ত যিরূশালেমে বাস করিল।

39. परन्तु तीन वर्ष के व्यतीत होने पर शिमी के दो दास, गत नगर के राजा माका के पुत्रा आकीश के पास भाग गए, और शिमी को यह समाचार मिला, कि तेरे दास गत में हैं।

39. কিন্তু তিন বৎসর পরে শিমিয়ির দুই দাস পলায়ন করিয়া মাখার পুত্র আখীশ নামে গাতীয় রাজার নিকটে গেল। তাহাতে কেহ শিমিয়িকে বলিল, দেখ, তোমার দাসেরা গাতে রহিয়াছে।

40. तब शिमी उठकर अपने गदहे पर काठी कसकर, अपने दास को ढूंढ़ने के लिये गत को आकीश के पास गया, और अपने दासों को गत से ले आया।

40. তখন শিমিয়ি উঠিয়া গর্দ্দভ সাজাইয়া আপন দাসদের অন্বেষণে গাতে আখীশের নিকটে গেল, গিয়া শিমিয়ি গাৎ হইতে আপন দাসদিগকে আনিল।

41. जब सुलैमान राजा को इसका समाचार मिला, कि शिमी यरूशलेम से गत को गया, और फिर लौट आया है,

41. পরে শলোমনকে কেহ সংবাদ দিল, শিমিয়ি যিরূশালেম হইতে গাতে গিয়াছিল, এখন ফিরিয়া আসিয়াছে।

42. तब उस ने शिमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, क्या मैं ने तुझे यहोवा की शपथ न खिलाई थी? और तुझ से चिताकर न कहा था, कि यह निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर कहीं चला जाए, उसी दिन तू निेसन्देह मार डाला जाएगा? और क्या तू ने मुझ से न कहा था, कि जो बात मैं ने सुनी, वह अच्छी है?

42. রাজা লোক পাঠাইয়া শিমিয়িকে ডাকাইয়া কহিলেন, আমি কি তোমাকে সদাপ্রভুর দিব্য করাইয়া তোমার বিপক্ষে এই সাক্ষ্য দিই নাই যে, নিশ্চয় জ্ঞাত হও, তুমি যে দিন বাহিরে যাইবে, স্থানান্তরে ভ্রমণ করিবে, সেই দিন মরিবেই মরিবে? আর তুমি আমাকে বলিয়াছিলে, আমি যে কথা শুনিলাম, সে ভাল কথা।

43. फिर तू ने यहोवा की शपथ और मेरी दृढ़ आज्ञा क्यों नहीं मानी?

43. তবে তুমি সদাপ্রভুর দিব্য ও তোমাকে দত্ত আমার আজ্ঞা কেন পালন কর নাই?

44. और राजा ने शिमी से कहा, कि तू आप ही अपने मन में उस सब दुष्टता को जानता है, जो तू ने मेरे पिता दाऊद से की थी? इसलिये यहोवा तेरे सिर पर तेरी दुष्टता लौटा देगा।

44. রাজা শিমিয়িকে আরও কহিলেন, আমার পিতা দায়ূদের প্রতি তোমার কৃত যে সমস্ত দুষ্টতার বিষয়ে তোমার মন সাক্ষ্য দেয়, তাহা তুমি জান; অতএব সদাপ্রভু তোমার দুষ্টতার ফল তোমার মস্তকে বর্ত্তাইবেন।

45. परन्तु राजा सुलैमान धन्य रहेगा, और दाऊद का राज्य यहोवा के साम्हने सदैव दृढ़ रहेगा।

45. কিন্তু শলোমন রাজা আশীর্ব্বাদপ্রাপ্ত হইবে, ও সদাপ্রভুর সম্মুখে দায়ূদের সিংহাসন যুগে যুগে স্থির থাকিবে।

46. तब राजा ने यहोयादा के पुत्रा बनायाह को आज्ञा दी, और उस ने बाहर जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह भी मर गया। और सुलैमान के हाथ मे राज्य दृढ़ हो गया।

46. পরে রাজা যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে আজ্ঞা করিলে তিনি গিয়া তাহাকে আক্রমণ করিয়া বধ করিলেন। আর শলোমনের হস্তে রাজ্য সুস্থির হইল।



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