2 Timothy - 2 तीमुथियुस 3 | View All

1. पर यह जान रख, कि अन्तिम दिनों में कठिन समय आएंगे।

1. কিন্তু ইহা জানিও, শেষ কালে বিষম সময় উপস্থিত হইবে।

2. क्योंकि मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता- पिता की आज्ञा टालनेवाले, कृतघ्न, अपवित्रा।

2. কেননা মনুষ্যেরা আত্মপ্রিয়, অর্থপ্রিয়, আত্মশ্লাঘী, অভিমানী, ধর্ম্মনিন্দক, পিতামাতার অবাধ্য,

3. मयारहित, क्षमारहित, दोष लगानेवाले, असंयमी, कठोर, भले के बैरी।

3. অকৃতজ্ঞ, অসাধু, স্নেহরহিত, ক্ষমাহীন, অপবাদক, অজিতেন্দ্রিয়,

4. विश्वासघाती, ढीठ, घमण्डी, और परमेश्वर के नहीं बरन सुखविलास ही के चाहनेवाले होंगे।

4. প্রচণ্ড, সদ্‌বিদ্বেষী, বিশ্বাসঘাতক, দুঃসাহসী, গর্ব্বান্ধ, ঈশ্বরপ্রিয় নয়, বরং বিলাসপ্রিয় হইবে;

5. वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे; ऐसों से परे रहता।

5. লোকে ভক্তির অবয়বধারী, কিন্তু তাহার শক্তি অস্বীকারকারী হইবে; তুমি এরূপ লোকদের হইতে সরিয়া যাও।

6. इन्हीं में से वे लोग हैं, जो घरों में दबे पांव घुस आते हैं और छिछौरी स्त्रियों को वश में कर लेते हैं, जो पापों से दबी और हर प्रकार की अभिलाषाओं के वश में हैं।

6. ইহাদেরই মধ্যে এমন লোক আছে, যাহারা ছলপূর্ব্বক গৃহে গৃহে প্রবেশ করিয়া পাপে ভারাক্রান্ত ও নানাবিধ অভিলাষে চালিতা যে স্ত্রীলোকেরা সতত শিক্ষা করে,

7. और सदा सीखती तो रहती हैं पर सत्य की पहिचान तक कभी नहीं पहुंचतीं।

7. তথাপি সত্যের তত্ত্বজ্ঞান পর্য্যন্ত পঁহুছিতে পারে না, তাহাদিগকে বন্দি করিয়া ফেলে।

8. और जैसे यन्नेस और यम्ब्रेस ने मूसा का विरोध किया था वैसे ही ये भी सत्य का विरोध करते हैं: ये तो ऐसे मनुष्य हैं, जिन की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है और वे विश्वास के विषय में निकम्मे हैं।
निर्गमन 7:11, निर्गमन 7:22

8. আর যান্নি ও যাম্ব্রি যেমন মোশির প্রতিরোধ করিয়াছিল, তদ্রূপ ইহারা সত্যের প্রতিরোধ করিতেছে, এই লোকেরা নষ্টবিবেক, বিশ্বাস সম্বন্ধে অপ্রামাণিক।

9. पर वे इस से आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि जैसे उन की अज्ञानता सब मनुष्यों पर प्रगट हो गई थी, वैसे ही इन की भी हो जाएगी।

9. কিন্তু ইহারা আর অগ্রসর হইতে পারিবে না; কারণ যেমন উহাদেরও হইয়াছিল, তেমনি ইহাদের মূঢ়তা সকলের কাছে ব্যক্ত হইবে।

10. पर तू ने उपदेश, चाल चलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दुख उठाने में मेरा साथ दिया।

10. কিন্তু তুমি আমার শিক্ষা, আচার ব্যবহার, সঙ্কল্প, বিশ্বাস, দীর্ঘসহিষ্ণুতা, প্রেম, ধৈর্য্য, নানাবিধ তাড়না, ও দুঃখভোগের অনুসরণ করিয়াছ;

11. और ऐसे दुखों में भी जो अन्ताकिया और इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझ पर पड़े थे और और दुखों में भी, जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सब से छुड़ा लिया।
भजन संहिता 34:19

11. আন্তিয়খিয়াতে, ইকনিয়ে, লুস্ত্রায় আমার প্রতি কি কি ঘটিয়াছিল; কত তাড়না সহ্য করিয়াছি। আর সেই সমস্ত হইতে প্রভু আমাকে উদ্ধার করিয়াছেন।

12. पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे।

12. আর যত লোক ভক্তিভাবে খ্রীষ্ট যীশুতে জীবন ধারণ করিতে ইচ্ছা করে, সেই সকলের প্রতি তাড়না ঘটিবে।

13. और दुष्ट, और बहकानेवाले धोखा देते हुए, और धोखा खाते हुए, बिगड़ते चले जाएंगे।

13. কিন্তু দুষ্ট লোকেরা ও বঞ্চকেরা, পরের ভ্রান্তি জন্মাইয়া ও আপনারা ভ্রান্ত হইয়া, উত্তর উত্তর কুপথে অগ্রসর হইবে।

14. पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था?

14. কিন্তু তুমি যাহা যাহা শিখিয়াছ ও যাহার যাহার প্রমাণ জ্ঞাত হইয়াছ, তাহাতেই স্থির থাক; তুমি ত জান যে, কাহাদের কাছে শিখিয়াছ।

15. और बालकपन से पवित्रा शास्त्रा तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।

15. আরও জান, তুমি শিশুকাল অবধি পবিত্র শাস্ত্রকলাপ জ্ঞাত আছ, সে সকল খ্রীষ্ট যীশু সম্বন্ধীয় বিশ্বাস দ্বারা তোমাকে পরিত্রাণের নিমিত্ত জ্ঞানবান্‌ করিতে পারে।

16. हर एक पवित्राशास्त्रा परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।

16. ঈশ্বর-নিশ্বসিত প্রত্যেক শাস্ত্রলিপি আবার শিক্ষার, অনুযোগের, সংশোধনের, ধার্ম্মিকতা সম্বন্ধীয় শাসনের নিমিত্ত উপকারী,

17. ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए।।

17. যেন ঈশ্বরের লোক পরিপক্ব, সমস্ত সৎকর্ম্মের জন্য সুসজ্জীভূত হয়।



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