Mark - मरकुस 12 | View All

1. फिर वह दृष्टान्त में उन से बातें करने लगा: कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा, और रस का कुंड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठीका देकर परदेश चला गया।
यशायाह 5:1-7

1. He began to speak to them in parables. 'A man planted a vineyard, put a hedge around it, dug a pit for the winepress, built a tower, rented it out to a farmer, and went into another country.

2. फिर फल के मौसम में उस ने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसान से दाख की बारी के फलों का भाग ले।

2. When it was time, he sent a servant to the farmer to get from the farmer his share of the fruit of the vineyard.

3. पर उन्हों ने उसे पकड़कर पीटा और छूछे हाथ लौटा दिया।
यहोशू 22:5

3. They took him, beat him, and sent him away empty.

4. फिर उस ने एक और दास को उन के पास भेजा और उन्हों ने उसका सिर फोड़ डाला और उसका अपमान किया।

4. Again, he sent another servant to them; and they threw stones at him, wounded him in the head, and sent him away shamefully treated.

5. फिर उस ने एक और को भेजा, और उन्हों ने उसे मार डाला: तब उस ने और बहुतों को भेजा: उन में से उन्हों ने कितनो को पीटा, और कितनों को मार डाला।

5. Again he sent another; and they killed him; and many others, beating some, and killing some.

6. अब एक ही रह गया था, जो उसका प्रिय पुत्रा था; अन्त में उस ने उसे भी उन के पास यह सोचकर भेजा कि वे मेरे पुत्रा का आदर करेंगे।

6. Therefore still having one, his beloved son, he sent him last to them, saying, 'They will respect my son.'

7. पर उन किसानों ने आपस में कहा; यही तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, तब मीरास हमारी हो जाएगी।

7. But those farmers said among themselves, 'This is the heir. Come, let's kill him, and the inheritance will be ours.'

8. और उन्हों ने उसे पकड़कर मार डाला, और दाख की बारी के बाहर फेंक दिया।

8. They took him, killed him, and cast him out of the vineyard.

9. इसलिये दाख की बारी का स्वामी क्या करेगा? वह आकर उन किसानों को नाश करेगा, और दाख की बारी औरों को दे देगा।

9. What therefore will the lord of the vineyard do? He will come and destroy the farmers, and will give the vineyard to others.

10. क्या तुम ने पवित्रा शास्त्रा में यह वचन नहीं पढ़ा, कि जिस पत्थर को राजमिस्त्रायों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया?
भजन संहिता 118:22-23

10. Haven't you even read this Scripture: 'The stone which the builders rejected, The same was made the head of the corner.

11. यह प्रभु की ओर से हुआ, और हमारी दुष्टि मे अद्भुत है।
भजन संहिता 118:22-23

11. This was from the Lord, It is marvelous in our eyes'?'

12. तब उन्हों ने उसे पकड़ना चाहा; क्योंकि समझ गए थे, कि उस ने हमारे विरोध में यह दृष्टान्त कहा है: पर वे लोगों से डरे; और उसे छोड़ कर चले गए।।

12. They tried to seize him, but they feared the multitude; for they perceived that he spoke the parable against them. They left him, and went away.

13. तब उन्हों ने उसे बातों में फंसाने के लिये कई एक फरीसियों और हेरोदियों को उसके पास भेजा।

13. They sent some of the Perushim and of the Herodians to him, that they might trap him with words.

14. और उन्हों ने आकर उस से कहा; हे गुरू, हम जानते हैं, कि तू सच्चा है, और किसी की परवा नहीं करता; क्योंकि तू मनुष्यों का मुंह देख कर बातें नहीं करता, परन्तु परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है।

14. When they had come, they asked him, 'Teacher, we know that you are honest, and don't defer to anyone; for you aren't partial to anyone, but truly teach the way of God. Is it lawful to pay taxes to Caesar, or not?

15. तो क्या कैसा को कर देना उचित है, कि नहीं? हम दें, या न दें? उस ने उन का कपट जानकर उन से कहा; मुझे क्यों परखते हो? एक दीनार मेरे पास लाओ, कि मैं देखूं।

15. Shall we give, or shall we not give?' But he, knowing their hypocrisy, said to them, 'Why do you test me? Bring me a denarius, that I may see it.'

16. वे ले आए, और उस ने उन से कहा; यह मूर्ति और नाम किस का है? उन्हों ने कहा, कैसर का।

16. They brought it. He said to them, 'Whose is this image and inscription?' They said to him, 'Caesar's.'

17. यीशु ने उन से कहा; जो कैसर का है वह कैसर को, और जो परमेश्वर का है परमेश्वर को दो: तब वे उस पर बहुत अचम्भा करने लगे।।

17. Yeshua answered them, 'Render to Caesar the things that are Caesar's, and to God the things that are God's.' They marveled greatly at him.

18. फिर सदूकियों ने भी, जो कहते हैं कि मरे हुओं का जी उठना है ही नहीं, उसके पास आकर उसे पूछा।

18. There came to him Tzedukim, who say that there is no resurrection. They asked him, saying,

19. कि हे गुरू, मूसा ने हमारे लिये लिखा है, कि यदि किसी का भाई बिना सन्तान मर जाए, और उस की पत्नी रह जाए, तो उसका भाई उस की पत्नी को ब्याह ले और अपने भाई के लिये वंश उत्पन्न करे : सात भाई थे।
उत्पत्ति 38:8, व्यवस्थाविवरण 25:5

19. 'Teacher, Moshe wrote to us, 'If a man's brother dies, and leaves a wife behind him, and leaves no children, that his brother should take his wife, and raise up offspring for his brother.'

20. पहिला भाई ब्याह करके बिना सन्तान मर गया।

20. There were seven brothers. The first took a wife, and dying left no offspring.

21. तब दूसरे भाई ने उस स्त्री को ब्याह लिया और बिना सन्तान मर गया; और वैसे ही तीसरे ने भी।

21. The second took her, and died, leaving no children behind him. The third likewise;

22. और सातों से सन्तान न हुई: सब के पीछे वह स्त्री भी मर गई।

22. and the seven took her and left no children. Last of all the woman also died.

23. सो जी उठने पर वह उन में से किस की पत्नी होगी? क्योंकि वह सातों की पत्नी हो चुकी थी।

23. In the resurrection, when they rise, whose wife will she be of them? For the seven had her as a wife.'

24. यीशु ने उन से कहा; क्या तुम इस कारण से भूल में नहीं पड़े हो, कि तुम न तो पवित्रा शास्त्रा ही को जानते हो, और न परमेश्वर की सामर्थ को।

24. Yeshua answered them, 'Isn't this because you are mistaken, not knowing the Scriptures, nor the power of God?

25. क्योंकि जब वे मरे हुओं में से जी उठेंगे, तो उन में ब्याह शादी न होगी; पर स्वर्ग में दूतों की नाई होंगे।

25. For when they will rise from the dead, they neither marry, nor are given in marriage, but are like angels in heaven.

26. मरे हुओं के जी उठने के विषय में क्या तुम ने मूसा की पुस्तक में झाड़ी की कथा में नही पढ़ा, कि परमेश्वर ने उस से कहा, मैं इब्राहीम का परमेश्वर, और इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं?
निर्गमन 3:2, निर्गमन 3:6, निर्गमन 3:16

26. But about the dead, that they are raised; haven't you read in the book of Moshe, about the Bush, how God spoke to him, saying, 'I am the God of Avraham, the God of Yitzchak, and the God of Ya`akov?'

27. परमेश्वर मरे हुओं का नहीं, वरन जीवतों का परमेश्वर है: सो तुम बड़ी भूल में पड़े हो।।

27. He is not the God of the dead, but of the living. You are therefore badly mistaken.'

28. और शास्त्रियों में से एक ने आकर उन्हें विवाद करते सुना, और यह जानकर कि उस ने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया; उस से पूछा, सब से मुख्य आज्ञा कौन सी है?

28. One of the Sofrim came, and heard them questioning together. Knowing that he had answered them well, asked him, 'Which mitzvah is the greatest of all?'

29. यीशु ने उसे उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है; हे इस्राएल सुन; प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है।
व्यवस्थाविवरण 6:4-5, यहोशू 22:5

29. Yeshua answered, 'The greatest is, 'Hear, Yisra'el, the Lord our God, the Lord is one:

30. और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।
यहोशू 22:5

30. you shall love the Lord your God with all your heart, and with all your soul, and with all your mind, and with all your strength.' This is the first mitzvah.

31. और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।
लैव्यव्यवस्था 19:18

31. The second is like this, 'You shall love your neighbor as yourself.' There is no other mitzvah greater than these.'

32. शास्त्री ने उस से कहा; हे गुरू, बहुत ठीक! तू ने सच कहा, कि वह एक ही है, और उसे छोड़ और कोई नहीं।
व्यवस्थाविवरण 4:35, 1 शमूएल 15:22, यशायाह 45:21

32. The Sofer said to him, 'Truly, teacher, you have said well that he is one, and there is none other but he,

33. और उस से सारे मन और सारी बुद्धि और सारे प्राण और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना और पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, सारे होमों और बलिदानों से बढ़कर है।
होशे 6:6, व्यवस्थाविवरण 4:35, 1 शमूएल 15:22, यशायाह 45:21

33. and to love him with all the heart, and with all the understanding, with all the soul, and with all the strength, and to love his neighbor as himself, is more important than all whole burnt offerings and sacrifices.'

34. जब यीशु ने देखा कि उस ने समझ से उत्तर दिया, तो उस से कहा; तू परमेश्वर के राज्य से दूर नहीं: और किसी को फिर उस से कुछ पूछने का साहस न हुआ।।

34. When Yeshua saw that he answered wisely, he said to him, 'You are not far from the Kingdom of God.' No one dared ask him any question after that.

35. फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, कि शास्त्री क्योंकर कहते हैं, कि मसीह दाऊद का पुत्रा है?

35. Yeshua responded, as he taught in the temple, 'How is it that the Sofrim say that the Messiah is the son of David?

36. दाऊद ने आपही पवित्रा आत्मा में होकर कहा है, कि प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा; मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पांवों की पीढ़ी न कर दूं।
भजन संहिता 110:1

36. For David himself said in the Ruach HaKodesh, 'The Lord said to my Lord, Sit at my right hand, Until I make your enemies the footstool of your feet.'

37. दाऊद तो आप ही उसे प्रभु कहता है, फिर वह उसका पुत्रा कहां से ठहरा? और भीड़ के लोग उस की आनन्द से सुनते थे।।

37. Therefore David himself calls him Lord, so how can he be his son?' The common people heard him gladly.

38. उस ने अपने उपदेश में उन से कहा, शस्त्रियों से चौकस रहो, जो लम्बे वस्त्रा पहिने हुए फिरना।

38. In his teaching he said to them, 'Beware of the Sofrim, who like to walk in long robes, and to get greetings in the marketplaces,

39. और बाजारों में नमस्कार, और आराधनालयों में मुख्य मुख्य आसन और जेवनारों में मुख्य मुख्य स्थान भी चाहते हैं।

39. and the best seats in the synagogues, and the best places at feasts:

40. वे विधवाओं के घरों को खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं, ये अधिक दण्ड पाएंगे।।

40. those who devour widows' houses, and for a pretense make long prayers. These will receive greater condemnation.'

41. और वह मन्दिर के भण्डार के साम्हने बैठकर देख रहा था, कि लोग मन्दिर के भण्डार में किस प्रकार पैसे डालते हैं, और बहुत धनवानों ने बहुत कुछ डाला।
2 राजाओं 12:9

41. Yeshua sat down opposite the treasury, and saw how the multitude cast money into the treasury. Many who were rich cast in much.

42. इतने में एक कंगाल विधवा ने आकर दो दमड़ियां, जो एक अधेले के बराबर होती है, डाली।

42. A poor widow came, and she cast in two small brass coins, which equal a quadrans coin.

43. तब उस ने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि मन्दिर के भण्डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है।

43. He called his talmidim to himself, and said to them, 'Most assuredly I tell you, this poor widow gave more than all those who are giving into the treasury,

44. क्योंकि सब ने अपने धन की बढ़ती में से डाला है, परन्तु इस ने अपनी घटी में से जो कुछ उसका था, अर्थात् अपनी सारी जीविका डाल दी है।

44. for they all gave out of their abundance, but she, out of her poverty, gave all that she had to live on.'



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