Matthew - मत्ती 19 | View All

1. जब यीशु ये बातें कह चुका, तो गलील से चला गया; और यहूदिया के देश में यरदन के पार आया।

1. After Jesus said all these things, he left Galilee. He went into the area of Judea on the other side of the Jordan River.

2. और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली, और उस ने उन्हें वहां चंगा किया।।

2. Many people followed him. Jesus healed the sick people there.

3. तब फरीसी उस की परीक्षा करने के लिये पास आकर कहने लगे, क्या हर एक कारण से अपनी पत्नी को त्यागना उचित है?

3. Some Pharisees came to Jesus. They tried to make him say something wrong. They asked him, 'Is it right for a man to divorce his wife for any reason he chooses?'

4. उस ने उत्तर दिया, क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि जिस ने उन्हें बनाया, उस ने आरम्भ से नर और नारी बनाकर कहा।
उत्पत्ति 1:27, उत्पत्ति 5:2

4. Jesus answered, 'Surely you have read this in the Scriptures: When God made the world, 'he made people male and female.'

5. कि इस कारण मनुष्य अपने माता पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे?
उत्पत्ति 2:24

5. And God said, 'That is why a man will leave his father and mother and be joined to his wife. And the two people will become one.'

6. सो व अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं: इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।

6. So they are no longer two, but one. God has joined them together, so no one should separate them.'

7. उन्हों ने उस से कहा, फिर मूसा ने क्यों यह ठहराया, कि त्यागपत्रा देकर उसे छोड़ दे?
व्यवस्थाविवरण 24:1-3

7. The Pharisees asked, 'Then why did Moses give a command allowing a man to divorce his wife by writing a certificate of divorce?'

8. उस ने उन से कहा, मूसा ने तुम्हारे मन की कठोरता के कारण तुम्हें अपनी पत्नी को छोड़ देने की आज्ञा दी, परन्तु आरम्भ में ऐसा नहीं था।

8. Jesus answered, 'Moses allowed you to divorce your wives because you refused to accept God's teaching. But divorce was not allowed in the beginning.

9. और मैं तुम से कहता हूं, कि जो कोई व्यभिचार को छोड़ और किसी कारण से अपनी पत्नी को त्यागकर, दूसरी से ब्याह करे, वह व्यभिचार करता है: और जो छोड़ी हुई को ब्याह करे, वह भी व्यभिचार करता है।

9. I tell you that whoever divorces his wife, except for the problem of sexual sin, and marries another woman is guilty of adultery. '

10. चेलों ने उस से कहा, यदि पुरूष का स्त्री के साथ ऐसा सम्बन्ध है, तो ब्याह करना अच्छा नहीं।

10. The followers said to Jesus, 'If that is the only reason a man can divorce his wife, it is better not to marry.'

11. उस ने उन से कहा, सब यह वचन ग्रहण नहीं कर सकते, केवल वे जिन को यह दान दिया गया है।
व्यवस्थाविवरण 5:16

11. He answered, 'This statement is true for some, but not for everyone�only for those who have been given this gift.

12. क्योंकि कुछ नपुंसक ऐसे हैं जो माता के गर्भ ही से ऐसे जन्में; और कुछ नंपुसक ऐसे हैं, जिन्हें मनुष्य ने नपुंसक बनाया: और कुछ नपुंसक एसे हैं, जिन्हों ने स्वर्ग के राज्य के लिये अपने आप को नपुंसक बनाया है, जो इस को ग्रहण कर सकता है, वह ग्रहण करे।

12. There are different reasons why some men don't marry. Some were born without the ability to produce children. Others were made that way later in life. And others have given up marriage because of God's kingdom. This is for anyone who is able to accept it.'

13. तब लोग बालकों को उसके पास लाए, कि वह उन पर हाथ रखे और प्रार्थना करे; पर चेलों ने उन्हें डांटा।

13. Then the people brought their little children to Jesus so that he could lay his hands on them to bless them and pray for them. When the followers saw this, they told the people to stop bringing their children to him.

14. यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है।

14. But Jesus said, 'Let the little children come to me. Don't stop them, because God's kingdom belongs to people who are like these children.'

15. और वह उन पर हाथ रखकर, वहां से चला गया।

15. After Jesus blessed the children, he left there.

16. और देखो, एक मनुष्य ने पास आकर उस से कहा, हे गुरू; मैं कौन सा भला काम करूं, कि अनन्त जीवन पाऊं?

16. A man came to Jesus and asked, 'Teacher, what good thing must I do to have eternal life?'

17. उस ने उस से कहा, तू मुझ से भलाई के विषय में क्यों पूछता है? भला तो एक ही है; पर यदि तू जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो आज्ञाओं को माना कर।
लैव्यव्यवस्था 18:5

17. Jesus answered, 'Why do you ask me about what is good? Only God is good. But if you want to have eternal life, obey the law's commands.'

18. उस ने उस से कहा, कौन सी आज्ञाएं? यीशु ने कहा, यह कि हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना।
निर्गमन 20:13-16, व्यवस्थाविवरण 5:17-20

18. The man asked, 'Which ones?' Jesus answered, ''You must not murder anyone, you must not commit adultery, you must not steal, you must not tell lies about others,

19. अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना।
निर्गमन 20:12, लैव्यव्यवस्था 19:18

19. you must respect your father and mother,' and 'love your neighbor the same as you love yourself.' '

20. उस जवान ने उस से कहा, इन सब को तो मैं ने माना है अब मुझ में किस बात की घटी है?

20. The young man said, 'I have obeyed all these commands. What else do I need?'

21. यीशु ने उस से कहा, यदि तू सिद्ध होना चाहता है; तो जा, अपना माल बेचकर कंगालों को दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा; और आकर मेरे पीछे हो ले।

21. Jesus answered, 'If you want to be perfect, then go and sell all that you own. Give the money to the poor, and you will have riches in heaven. Then come and follow me!'

22. परन्तु वह जवान यह बात सुन उदास होकर चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था।।
भजन संहिता 62:10

22. But when the young man heard Jesus tell him to give away his money, he was sad. He didn't want to do this, because he was very rich. So he left.

23. तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि धनवान का स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना कठिन है।

23. Then Jesus said to his followers, 'The truth is, it will be very hard for a rich person to enter God's kingdom.

24. फिर तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।

24. Yes, I tell you, it is easier for a camel to go through the eye of a needle than for a rich person to enter God's kingdom.'

25. यह सुनकर, चेलों ने बहुत चकित होकर कहा, फिर किस का उद्धार हो सकता है?

25. The followers were amazed to hear this. They asked, 'Then who can be saved?'

26. यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।
उत्पत्ति 18:14, अय्यूब 42:2, जकर्याह 8:6

26. Jesus looked at them and said, 'This is something that people cannot do. But God can do anything.'

27. इस पर पतरस ने उस से कहा, कि देख, हम तो सब कुछ छोड़ के तेरे पीछे हो लिये हैं: तो हमें क्या मिलेगा?

27. Peter said to him, 'We left everything we had and followed you. So what will we have?'

28. यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि नई उत्पत्ति से जब मनुष्य का पुत्रा अपनी महिमा के सिहांसन पर बैठेगा, तो तुम भी जो मेरे पीछे हो लिये हो, बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करोगे।
दानिय्येल 7:9-10

28. Jesus said to them, 'When the time of the new world comes, the Son of Man will sit on his great and glorious throne. And I can promise that you who followed me will sit on twelve thrones, and you will judge the twelve tribes of Israel.

29. और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहिनों या पिता या माता या लड़केबालों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उस को सौ गुना मिलेगा: और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा।

29. Everyone who has left houses, brothers, sisters, father, mother, children, or farms to follow me will get much more than they left. And they will have eternal life.

30. परन्तु बहुतेरे जो पहिले हैं, पिछले होंगे; और जो पिछले हैं, पहिले होंगे।।

30. Many people who have the highest place in life now will have the lowest place in the future. And many people who have the lowest place now will have the highest place in the future.



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